- सेल बीएसपी ट्रस्ट को लेकर विवाद है।
- बीएसपी के नए कर्मचारियों को लाभ मिल सकता है।
- रिटायर हो चुके कर्मचारियों के सामने नई मुसीबत।
अज़मत अली, भिलाई। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) को लेकर बड़ी खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ ने सेल भिलाई स्टील प्लांट के कार्मिकों को बड़ा झटका दे दिया है। पेंशन के आवेदन को स्वीकार न करने की बात सामने आ गई है। स्पष्ट रूप से कहा जाए तो 2014 के सारे आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। इसके खिलाफ अब कानूनी लड़ाई की तैयारी की जा रही है।
सहायक भविष्य निधि आयुक्त क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर से जारी पत्र ने हड़कंप मचा दिया है। EPS 95 हायर पेंशन पर यह पत्र EPFO रायपुर द्वारा 21 जनवरी 2025 को BSP मैनेजमेंट को दिया गया है, जिसमें ट्रस्ट रूल के आधार पर हायर पेंशन के आवेदन को निरस्त करने का तर्क दिया गया है।
सेल बीएसपी ट्रस्ट को लेकर विवाद है। इस पर ईपीएफओ रायपुर ने दिल्ली से स्पष्टीकरण मांगा था। 1 सितंबर 2014 से हायर पेंशन का कंट्रीब्यूशन लेना और पेंशन देना है। कोर्ट के आदेश में ट्रस्ट पर अलग से कोई उल्लेख नहीं था। ट्रस्ट 6500 की सिलिंग से ज्यादा ले नहीं सकता है। अगर, इससे ऊपर काटता है तो वह इंम्लाइज के एकाउंट में डालता है, न कि ईपीएफओ के एकाउंट में। ईपीएफओ के एकाउंट में 8.33 प्रतिशत ही देता है। इसी बात को लेकर विवाद है।
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पीएफ ट्रस्ट में बदलाव की बात कही जा रही थी। नियमों में बदलाव करने के बाद ईपीएफओ हायर पेंशन का रास्ता साफ कर दे। लेकिन, ईपीएफओ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किसी भी नियम में बदलाव संभव नहीं है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
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छूट प्राप्त प्रतिष्ठान की पात्रता ट्रस्ट नियमों के आधार पर होगी
पीओएचडब्ल्यू मामलों के लिए पात्रता छूट प्राप्त प्रतिष्ठान के मौजूदा ट्रस्ट नियमों के आधार पर निर्धारित की जानी चाहिए, जो सुनील कुमार मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुरूप है। इसके अलावा, यदि सुनील कुमार मामले में दिनांक 04.11.2022 के निर्णय के बाद ट्रस्ट नियमों में संशोधन किया जाता है, तो ऐसे ट्रस्टों के सदस्यों के आवेदनों पर विचार नहीं किया जा सकता है।
उच्च वेतन पर पेंशन के आवेदन के सत्यापन में मिला
बीएसपी ट्रस्ट नियम-11(ए) के अनुसार:-नियोजक, निधि के प्रत्येक सदस्य के संबंध में, आगामी माह की पन्द्रहवीं तारीख से पहले, नियम 10(ए) के अन्तर्गत सदस्य के अनिवार्य अंशदान के योग के बराबर राशि, निधि में नियोक्ता अंशदान के रूप में ट्रस्टियों को देगा।
उपर्युक्त नियम 11 के अंतर्गत प्रत्येक माह नियोक्ता द्वारा देय अंशदान में से, कर्मचारी के वेतन का 8.33% प्रतिनिधित्व करने वाले अंशदान का एक हिस्सा नियोक्ता द्वारा प्रत्येक माह की समाप्ति के 15 दिनों के भीतर कर्मचारी पेंशन निधि में कर्मचारी पेंशन निधि अंशदान के खाते में एक अलग बैंक ड्राफ्ट या चेक द्वारा इस तरह से भेजा जाएगा, जैसा कि क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त द्वारा इस संबंध में निर्दिष्ट किया जा सकता है।
प्रेषण की लागत, यदि कोई हो, नियोक्ता द्वारा वहन की जाएगी। प्रावधान है कि जहां सदस्य का वेतन 6500 रुपये प्रति माह से अधिक है, नियोक्ता द्वारा देय अंशदान केवल उसके वेतन पर 6500 रुपये की राशि तक सीमित होगा।
कर्मचारी पेंशन निधि में अंशदान के प्रेषण के बाद नियोक्ता के अंशदान का शेष सदस्य के व्यक्तिगत खाते में जमा किया जाएगा। नियम 10(ए) के अंतर्गत सदस्य द्वारा भविष्य निधि में किए गए स्वैच्छिक अंशदान, यदि कोई हो, के संबंध में कोई अंशदान करने के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
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उपर्युक्त ट्रस्ट नियम के संदर्भ में ईपीएफओ अपने उच्च कार्यालय से स्पष्टीकरण मांगा है तथा इसकी सूचना 06.03.2024 के पत्र द्वारा स्थापना को दी गई है।