Big Breaking News: BSP में RFID 28 फरवरी से, कर्मचारियों-अधिकारियों की आवाजाही होगी ट्रैक

Big Breaking News RFID Attendance of BSP Employees and Officers from February 28
  • बीएमएस नेता प्रदीप पाल ने कहा-साहब हम कर्मचारियों को गुलाम क्यों बना रहे हो? हादसे होते जा रहे हैं। सेफ्टी पर ध्यान दीजिए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों और अधिकारियों पर अब प्रबंधन की सीधी नज़र होगी। कौन-कितने बजे ड्यूटी आया और घर गया, सबकुछ एक क्लिक सामने होगा। प्रबंधन एक-एक कार्मिकों की कुंडली को चेक करती रहेगी। ड्यूटी के समय बाहर जाने वालों पर नकेल कसी जाएगी। प्लांट के सभी गेट पर मशीन लगी होगी, जो वाहनों पर स्कैनर को रीड करेगी। आरएफआइडी को आने वाले समय में पेमेंट से लिंक किया जा सकेगा।

रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (Radio Frequency Identification) यानी आरएफआईडी (RFID) से बीएसपी कर्मचारियों और अधिकारियों का सामना 28 फरवरी से होने जा रहा है। बीएसपी प्रबंधन की नज़र में नए साल में यह नया तोहफा है। जबकि कार्मिक इसे बड़ा झटका मान रहे हैं।

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बीएसपी प्रबंधन की ओर से यूनियन नेताओं से सहमति लेने का सिलसिला शुरू कर दिया है। पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन बीएमएस नेताओं के साथ आइआर विभाग के जीएम विकास चंद्रा ने मंगलवार को मीटिंग की। बैठक में बीएमएस से प्रदीप पाल, दिल्ली राव, जोंगेंद्र कुमार, अनिल गजभिए शामिल हुए।

जीएम विकास चंद्रा ने सबसे पहले वेलफेयर के नाम पर चर्चा शुरू की। बातचीत आगे बढ़नी शुरू हुई और धीरे से आरएफआडी की जानकारी दे दी। कहा-देश के हालात से आप वाकिफ हैं। प्लांट के अंदर बाहरी लोग घुस रहे हैं। सीआइएसएफ पकड़ नहीं पा रही है। कर्मचारियों की आवाजाही पर नजर रखनी होगी। इसलिए फेस रीडिंग से बाहरी लोगों पर विराम लग जाएगा।

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कर्मचारियों को गुलाम क्यों बना रहे हो?

इतना सुनते ही बीएमएस नेता प्रदीप पाल ने कहा-साहब हम कर्मचारियों को गुलाम क्यों बना रहे हो? हादसे होते जा रहे हैं। सेफ्टी पर ध्यान दीजिए, गेट पर क्या माथपच्ची कर रहे हैं। कमरे से साहब लोग निकलते नहीं हैं और हादसे होते जा रहे। आरएफआइडी को वेजेस से जोड़ने के सवाल पर जीएम ने कहा-फिलहाल नहीं।

6500 मैनपॉवर ही बीएसपी में रहेगा

वेलफेयर पर चर्चा के दौरान सेफ्टी पर भी मुद्दा उछला। यूनियन नेताओं ने कहा-डीएसओ कमरे से बाहर निकलते नहीं है। ठेका मजदूरों और नियमित कर्मचारियों की टाइमिंग को अलग करने से हादसे पर लगाम लग सकता है। काफी देर तक चर्चा के बाद प्रबंधन ने कहा-बीएसपी में 6500 ही मैनपॉवर रहेगा। प्रोडक्शन कास्ट पर जानकारी दी गई।

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ईडी वर्क्स, अधिकारियों तक मिठाई, कर्मचारियों को ठेंगा

बीएसपी के गेट पर पहरेदारी का मुद्दा उठाया गया। नेताओं ने कहा-रेस्ट रूम तक नहीं है। कैंटीन और टायलेट तक सही नहीं है। अस्पताल और बैंक आदि के जरूरी काम प्रभावित हो रहा है। फर्नेस का टार्गेट पूरा होने पर ईडी वर्क्स केक काटते हैं।

मिठाई अधिकारी खाते हैं। कर्मचारियों को पूछते तक नहीं है। जमीन पर काम करने वाले कर्मचारियों को उपेक्षित किया जा रहा। अब इस तरह के फैसले से आक्रोश भड़केगा।

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जानिए आरएफआइडी काम कैसे करेगा

बता दें कि आरएफआइडी एक वायरलेस तकनीक है और रेडियो तरंगों (Radio Waves) का उपयोग करके लोगों की पहचान करने और उन्हें ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल होती है, जिसमें डेटा को पढ़ने के लिए फिजिकल कॉन्टैक्ट या लाइन-ऑफ-साइट की ज़रूरत नहीं होती है।