- सब्जेक्ट टू वेकेशन स्कीम एक साल के लिए ही लागू की गई थी। इसलिए प्रबंधन ने इसे बंद कर दिया है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भारतीय इस्पात प्राधिकरण-सेल (Steel Authority of India-SAIL) के भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) से एक बड़ी खबर है। कर्मचारियों-अधिकारियों की सुविधाओं में एक और कटौती कर दी गई है। भिलाई टाउनशिप के आवासों का आपस आपसी सहमति से कराने वाली स्कीम को बंद कर दिया गया है। सब्जेक्ट टू वेकेशन स्कीम को बंद करने का आदेश जारी किया जा चुका है। अब बीएसपी कर्मचारी और अधिकारी इसका फायदा नहीं उठा सकेंगे।
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सब्जेक्ट टू वेकेशन स्कीम (Subject to Vacation Scheme) का लाभ करीब साल 2020-21 से कार्मिकों को दिया गया था। इसको 1 नवंबर 2024 से बंद करने का आदेश जारी हो चुका है। इससे पूर्बीव एसपी प्रबंधन ने साल 2008 में इस स्कीम को बंद किया था। इसके बाद कर्मचारियों को आवास लेने के लिए आवंटन की जटिल प्रक्रिया से सामना करना पड़ता था। कर्मचारी यूनियनों की मांग पर प्रबंधन ने इसे दोबारा चालू किया था। अब लगातार मिल रही शिकायतों और कमेटी की रिपोर्ट पर प्रबंधन ने फिर से इसे बंद कर दिया है।
अतिरिक्त निर्माण का खर्च निकालने का था मौका
बता दें कि बीएसपी आवासों में रहने वाले कर्मचारी और अधिकारी अपनी जरूरत के हिसाब से अतिरिक्त निर्माण कराते हैं। लाखों रुपए लगाने के बाद जब रिटायर होते हैं तो उनके हाथ कुछ नहीं आता था। अंत में लोग जरूरी सामान को तोड़कर ले जाते थे, जिससे आवास काफी डैमेज होता था। सब्जेक्ट टू वेकेशन स्कीम के तहत इसका फायदा कार्मिकों को मिलना शुरू हो गया था।
मकान में जितना पैसा लगाते, उतना वसूलते
रिटायरमेंट या मकान शिफ्ट करते समय आपसी सहमति से मकान को ट्रांसफर कर दिया जा रहा था। इसके एवज में लाखों रुपए तक लिए गए। सेक्टर 2 के एक मकान के लिए एक कार्मिक ने चार लाख रुपए तक मांग लिया था। यह मामला काफी उछला था।
इसी तरह अन्य मामले भी पैसे पर तय होते थे। इसकी शिकायत उच्च प्रबंधन से लगातार की जा रही थी। आशंका जताई जा रही है कि शायद इसी तरह की किसी शिकायत पर प्रबंधन ने एक्शन लिया है।
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सब्जेक्ट टू वेकेशन स्कीम में ये मकान नहीं
इस स्कीम के तहत डायरेक्टर बंगला, डी 1 टाइप आवास नहीं आते हैं। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि सब्जेक्ट टू वेकेशन स्कीम एक साल के लिए ही लागू की गई थी। इसलिए प्रबंधन ने इसे बंद कर दिया है।
इंटक ने कहा-विरोध करते रहेंगे
इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह का कहना है कि इंटक के मान्यता कार्यकाल में योजना को शुरू कराया गया था। इससे कार्मिकों को काफी राहत मिल रही थी। बीएसपी के मकान भी सुरक्षित थे। इस तरह दोबारा योजना को बंद करना गलत है। यूनियन इसके खिलाफ आवाज उठाएगी।