- रिफ्रैक्टरी लाइफ में सुधार, विशिष्ट लागत व रिफ्रैक्टरीज़ की खपत में कमी सम्बन्धी नवाचार में अपने नवीन शोधों को प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-आरडीसीआईएस (SAIL – RDCIS) के सहयोग से भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel plant) की मेजबानी में 6 और 7 मार्च 2024 को भिलाई निवास के एमपी हॉल में आयोजित, दो दिवसीय 65वीं रिफ्रैक्टरी ऑपरेटिंग कमेटी मीटिंग (आरओसीएम-2024) का आयोजन किया जाएगा।
इस दो दिवसीय आरओसीएम-2024 का विषय “रोल ऑफ ऑपरेटिंग कंडीशनस् ऑन परफॉरमेंस ऑफ स्टील लैडल रिफ्रैक्टरी लाइनिंग एंड फ्यूचर लाइनिंग मटेरियल्स (Role of Operating Conditions on Performance of Steel Ladle Refractory Lining and Future Lining Materials)” होगा।
रिफ्रैक्टरी ऑपरेटिंग कमेटी मीटिंग भारत में इस्पात विनिर्माण के विभिन्न क्षेत्रों में अधुनातन अनुप्रयोगों और इस्पात उद्योगों में इसके उपयोग में नवीनतम रुझानों पर ज्ञान साझा करने के उद्देश्य से कार्य करता है। आरओसीएम रिफ्रैक्टरी के क्षेत्र प्रयुक्त शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को इस तरह के सुधारों को साझा करने के लिए विशेष मंच प्रदान करता है।
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इस बैठक के मध्यम से, भारत के विभिन्न इस्पात संयंत्रों के विभिन्न रिफ्रैक्टरी इंजीनियरों को अपने अनुभव साझा करने और रिफ्रैक्टरी लाइफ में सुधार, विशिष्ट लागत व रिफ्रैक्टरीज़ की खपत में कमी सम्बन्धी नवाचार में अपने नवीन शोधों को प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है।
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अंतिम आरओसीएम, वर्ष 2019 को आयोजित किया गया था और कोविड महामारी के कारण, पिछले 4 वर्षों से इसका आयोजन सम्भव नहीं हो सका था। भारत की विभिन्न इस्पात इकाइयों के 60 से अधिक प्रतिनिधि और आरईडी-बीएसपी, आरडीसीआईएस और एसआरयू-भिलाई के लगभग 40 प्रतिभागी इस्पात संयंत्र, रिफ्रैक्टरीज क्षेत्र में नई अवधारणाओं पर चर्चा करने, साझा करने और सीखने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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65वीं आरओसीएम भारत की संपूर्ण रिफ्रैक्टरी बिरादरी को रिफ्रैक्टरी की विशिष्ट लागत और विशिष्ट खपत में कटौती करने के लिए, रिफ्रैक्टरी से सम्बन्धित नई तरीकों को विकसित करने और अपनाने में मदद करेगा, क्योंकि रिफ्रैक्टरी किसी भी इस्पात संयंत्र के लागत मैट्रिक्स पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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