- स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया (STEEL WORKERS’ FEDERATION OF INDIA) के पत्र ने मचाया हड़कंप।
सूचनाजी न्यूज, दुर्गापुर। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के दुर्गापुर स्टील प्लांट (Durgapur Steel plant) हादसे से जुड़ी ताज़ा खबर है। स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया (STEEL WORKERS’ FEDERATION OF INDIA) ने सेल चेयरमैन को चिट्ठी लिखकर खामियों को उजागर किया।
ये खबर भी पढ़ें : NMDC स्थापना से अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड, 40 MT प्रोडक्शन का लक्ष्य पार
लापरवाही पर एक्शन लेने और सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन कराने की गुहार लगाई है। जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए असुरक्षित उत्पादन प्रक्रिया को रोकने के लिए पूरी घटना पर तत्काल उचित और निष्पक्ष जांच शुरू की जा सके।
सेल डीएसपी (DSP) के बीओएफ में 29 फरवरी को बड़ी दुर्घटना हुई थी। जिसमें सीनियर मैनेजर समेत 5 कर्मचारी झुलस गए थे। एनजेसीएस सदस्य व एसडब्ल्यूएफआई के जनरल सेक्रेटरी ललित मोहन मिश्र ने सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश का ध्यान आकृष्ट कराया है।
ये खबर भी पढ़ें : बोकारो स्टील प्लांट से ओवर स्पीड और Automated Number Plates पर बड़ी खबर
29 फरवरी को सुबह लगभग 10 बजे दुर्गापुर स्टील प्लांट के एसएमएस के बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस (बीओएफ) में कनवर्टर-2 में हुई दुर्घटना का उल्लेख किया। स्कर्ट, हुड और स्टैक से पानी के रिसाव के कारण कनवर्टर-2 में ब्लास्टिंग के कारण यह हादसा हुआ।
पृथ्वीराज रॉय-वरिष्ठ प्रबंधक (ईटीएल विभाग), सोमनाथ घोष-वरिष्ठ तकनीशियन (ईटीएल विभाग), सर्बशित धनगर-ट्रेड अपरेंटिस, बिनॉय कुमार हरिजन-ट्रेड अपरेंटिस और चितरंजन मंडल एक अनुबंध कर्मचारी, जो मौके पर ड्यूटी पर थे और जख्मी हुए।
पानी का रिसाव नई बात नहीं, ध्यान देते नहीं…
कनवर्टर के स्कर्ट, हुड और स्टैक से पानी का रिसाव न केवल कनवर्टर संचालन में शामिल कर्मचारियों के लिए बल्कि कुल कार्यबल के लिए भी एक प्रमुख सुरक्षा चिंता का विषय रहा है। पिछले एक वर्ष में, जल-रिसाव की ऐसी ही स्थिति कई बार उत्पन्न हुई है, जिससे कन्वर्टर्स के आसपास का कार्य स्थल किसी भी दुर्घटना या दुर्घटना के लिए असुरक्षित बना हुआ है।
स्टील मेल्टिंग शॉप प्रबंधन पर सवाल
मामले की जानकारी स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस) से जुड़े सभी अधिकारियों को है। लेकिन प्रबंधन, विशेष रूप से शीर्ष अधिकारी किसी भी संरचित निवारक उपाय करने की आवश्यकता को नजरअंदाज करते रहते हैं, बल्कि उनकी मुख्य चिंता किसी भी कीमत पर और किसी भी माध्यम से उत्पादन की गति को निर्बाध बनाए रखना है।
सवाल उठाने वाले नकारात्मक मानसिकता वाले लोग करार
कन्वर्टर्स के संचालन में शामिल श्रमिकों ने बार-बार प्रबंधन को आगाह किया है। सेफ्टी की व्यवस्था करने का सुझाव दिया। लेकिन इस मामले को हमेशा कम करके आंका गया और नजरअंदाज किया गया और इसके अलावा, जो कार्मिक इस मुद्दे पर अधिक मुखर हैं, उन्हें “नकारात्मक मानसिकता वाले लोग” करार दिया गया है। इसे केवल मरम्मत-कार्य से संबोधित नहीं किया जा सकता है, इसे प्रतिस्थापन की आवश्यकता है।
एसओपी और एसएमपी की घोर उपेक्षा और उल्लंघन
विभाग और संयंत्र के सुरक्षा अधिकारी सुरक्षा मापदंडों के घोर उल्लंघन और विशेष कार्य-स्थानों की निरंतर दुर्घटना-संवेदनशीलता से अवगत हैं। बार-बार उन्हें “क्या करें और क्या न करें” सहित बुनियादी सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन के प्रमाण के साथ अद्यतन किया गया है। एसओपी और एसएमपी की घोर उपेक्षा और उल्लंघन किया जा रहा है।
छोटे-छोटे कई ब्लास्ट को नजर अंदाज करने की आदत
29 फरवरी को हुई घटना कोई छुटपुट घटना नहीं है। 28 फरवरी बी-शिफ्ट के बाद से स्टील की टैपिंग के दौरान रिसाव के कारण कई छोटे विस्फोट हुए हैं। इसके बावजूद, सबसे आश्चर्य की बात यह है कि प्रबंधन ने छोटे विस्फोटों के ऐसे संकेतों को नजरअंदाज कर दिया, जबकि ऑपरेशन जारी रखने पर जोर देते हुए अंततः बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित किया, जिसके परिणामस्वरूप घटनास्थल पर श्रमिकों और कर्मचारियों को गंभीर चोटें आईं।
साथ ही उत्पादन-घंटों का भी काफी नुकसान हुआ। एक तत्काल परिणाम. अत: यह दुर्घटना पूर्णतः प्रबंधकीय विफलता के कारण हुई, जिसे टाला जा सकता था।
ट्रेड अपरेंटिस और अनुबंध श्रमिकों का खर्च कंपनी उठाए
ललित मोहन मिश्र ने सेल चेयरमैन से मांग किया है कि इस बात पर ध्यान दें कि कंपनी को अन्य लोगों के अलावा, ट्रेड अपरेंटिस और अनुबंध श्रमिकों के लिए सभी चिकित्सा खर्च वहन करना चाहिए, जब तक कि उन्हें नौकरी के लिए फिट घोषित नहीं किया जाता है और सभी पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाए।
ये खबर भी पढ़ें : भिलाई स्टील प्लांट: पॉवर ज़ोन के अधिकारियों और कर्मचारियों को मिला शिरोमणि अवॉर्ड