- अरविंद पांडेय ने कहा कि अभी वर्तमान में दूसरे गुट द्वारा जिन कर्मचारियों ने बीएमएस को अपना अमूल्य वोट देकर चुनाव में विजय दिलाई थी, उनके द्वारा कर्मचारी हितों की पूर्णतः अनदेखी की जा रही है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात मजदूर संघ में अक्टूबर से यूनियन विवाद में दो गुट होने के बाद एक गुट ने बड़ा सवाल उठा दिया है। एक गुट को पंजीयक द्वारा मान्यता दी गई है। और अरविंद पांडे गुट द्वारा उसे उद्योगिक न्यायालय में चुनौती दी गई है, जो कि न्यायालय में विचाराधीन है।
अरविंद पांडेय ने कहा कि अभी वर्तमान में दूसरे गुट द्वारा जिन कर्मचारियों ने बीएमएस को अपना अमूल्य वोट देकर चुनाव में विजय दिलाई थी, उनके द्वारा कर्मचारी हितों की पूर्णतः अनदेखी की जा रही है।
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उन्होंने कहा-जानकारी मिली है कि यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा मीटिंग में सीजीएम टाउन शिप पर दबाव बनाया जा रहा है कि जो कर्मचारी 3 बर्ष से अधिक समय से टाउनशिप में कार्यरत हैं, उनका ट्रांसफर किया जाए। जबकि अभी कुछ समय पहले ही सभी कर्मचारियों को रिसफल किया गया है तथा उसी विभाग में बर्षों से अधिकारी भी कार्यरत हैं, उनके बारे में कोई चर्चा नहीं की गई। जबकि आज पूरे टाउनशिप में 8 महीने से टार फेल्टिग का काम बंद पड़ा है।
4 महीने बाद बारिश शुरू हो जाएगी। कर्मचारियों के घरों में फिर पानी भरा दिखाई देगा। पंखे उपलब्ध नहीं है। लोग टाउनशिप के अलावा संयंत्र के भीतर विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस ओर इनका ध्यान नहीं है, जबकि सभी जानते हैं कि यूनियन का काम अपने कर्मचारियों का बचाव करना, उनकी समस्याओं का निराकरण करना है, ना कि उन्हें प्रताड़ित करवाना।
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अरविंद पांडेय का दावा है कि टाउनशिप सहित संयंत्र के कर्मचारी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। कहा-हमारा गुट इस प्रकार किसी भी अनुचित अन्यायपूर्ण मांग की भरपूर निंदा करता है।
इसी प्रकार अरविंद पांडे ने प्रेस को बताया कि भिलाई इस्पात मजदूर संघ को प्रबंधन की ओर से यूनियन गतिविधियों के लिए सेक्टर 6 में एक पुराना हॉस्पिटल को यूनियन कार्यालय के तौर पर आवंटित किया गया है, उसमें आधे से ज्यादा कार्यालय किसी टेंट हाउस को किराए में दे दिया गया है।
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साथ ही पीछे अतिरिक्त निर्माण कर उसमें उनका सामान भरा पड़ा है। 80% से अधिक कमरों में किराया भंडार के कर्मचारी कब्जा किए हैं जो पूरी तरह अनुचित है। साथ ही उन लोगों के द्वारा उसमें संदिग्ध गतिविधियां संचालित हो सकती है, इसकी भी आशंका है।
अरविंद पांडेय ने कहा कि कई बार आईआर विभाग को इस अवैध गतिविधियों के बाबत सूचना दी गई है। प्रबंधन से पुनः निवेदन है कि इस संबंध में उचित कार्यवाही की जाए।