Bokaro Steel Officers Association Election 2024: मजबूत टक्कर, परिवर्तन का नारा

-मौजूदा कमेटी के द्वारा असंवैधानिक तरीके से जबर्दस्ती 200 रुपये काटने के मुद्दे को लेकर भी अधिकारियों में काफी रोष है, जिसका असर चुनाव में पड़ने का दावा किया जा रहा है।  

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बोकारो स्टील आफिसर्स एसोसिएशन चुनाव 2024: BSOA के चुनाव में इस बार परिवर्तन का नारा दिया जा रहा है। वर्तमान अध्यक्ष एके सिंह के खिलाफ घेराबंदी की जा रही है। नामांकन पत्र दाखिल हो चुका है। तारीख बीत चुकी है। अब पक्ष और विपक्ष ने प्रचार अभियान को तेज कर दिया है। 25 फरवरी को मतदान होगा।

BSOA चुनाव में युवा अधिकारी रवि भूषण-वरीय प्रबंधक-RMP, अजय कुमार पांडेय-वरीय प्रबंधक-Finance & Accounts, भप्पी कुमार-प्रबंधक-SMS-1 की टीम मौजूदा प्रेजिडेंट एके सिंह की टीम को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरी हुई है।

रवि भूषण ने President, अजय कुमार पांडेय ने  General Secretary  पद के लिए एवं भप्पी कुमार ने Treasurer पद के लिए BSOA चुनाव में अपना नामांकन दाखिल किया है। बता दें कि पिछली चुनाव में भी रवि भूषण ने प्रेसिडेंट पद के लिए ही चुनाव लड़ा था और काफी कम वोट से ही पद से चुक गए थे। इसीलिए इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प है।

पिछली बार वो पहली बार चुनाव लड़े थे। जबर्दस्त टक्कर उन्होंने दी थी, उससे ये स्पष्ट है कि अधिकारियों में उनकी लोकप्रियता भी जबरदस्त है और इस बार के चुनाव में इसका फायदा उनको मिलने का दावा किया जा रहा है।

महासचिव पद पर भी कड़ा मुकाबला होने का दावा 

अजय कुमार पांडेय भी पिछली चुनाव में महासचिव पद के लिए अकेले लड़े थे और काफी कम वोट से चुनाव  में जीत से वंचित रह गये थे। इस बार पूरी टीम के साथ सभी अधिकारियों से समर्थन मांग रहे हैं।  महासचिव पद के लिए भी जोरदार मुकाबला तय है और ये अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं।

वहीं, भप्पी कुमार मौजूदा, एसएमएस 1 जैसे बड़े शॉप से आते हैं। BSOA कमेटी में एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य भी रह चुके  हैं। पिछले कई सालों से  BSOA में सक्रिय रहे हैं। अच्छा खासा अनुभव है तो इस पद पर भी ये जोरदार टक्कर मानी जा रही है।

जानिए चुनावी मुद्दा क्या है

-कॉरपोरेट आफिस और सीएमओ की तर्ज पर  प्लांट में भी दूसरे और चौथे शनिवार को छुट्टी।

-11 महीने के पर्क्स का एरियर।

-JO 2018 एवं 2022 बैच का सीनियॉरिटी।

-2008-10 बैच का पे अनोमली और पीएफ जैसे केंद्रीय मुद्दे।

-अधिकारियों के प्राइड एंड डिग्निटी, डीपीएस और अन्य स्कूल में कंफर्म एडमिशन, बीजीएच और टाउन सर्विसेज में बेहतर सुविधा।

-मौजूदा कमेटी के द्वारा असंवैधानिक तरीके से जबर्दस्ती 200 रुपये काटने के मुद्दे को लेकर भी अधिकारियों में काफी रोष है, जिसका असर चुनाव में पड़ने का दावा किया जा रहा है।