Bokaro Steel Plant: आवास की बालकनी का ढहा छज्जा, बाल-बाल बचे अधिकारी, देखिए वीडियो

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के बोकारो स्टील प्लांट के आवासों की हालत भी भिलाई जैसी ही है। जर्जर आवासों में रहने वाले कार्मिकों की जान खतरे में हैं। बीती रात एक अधिकारी के आवास पर आफत आई। छज्जा टूटकर गिर गया।

लगातार शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पिछले दिनों इस तरह के कई हादसे हो चुके हैं। मेंटेनेंस डिपार्टमेंट के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। इस बात को लेकर कर्मचारियों और अधिकारियों में काफी आक्रोश है।

ये खबर भी पढ़ें : पेंशनर्स के मन की बात: EPS 95 पेंशनर्स भुखमरी की कगार पर, आखिरी उम्र तक लड़ने का भरा दम

बताया जा रहा है कि आवास संख्या 2394 (4डी) में हादसा हुआ है। रात करीब 12:30 बजे एक तेज़ आवाज़ सुनी गई। इस आवास असिस्टेंट मैंनेजर वाटर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के साहिल गुप्ता के नाम पर आवंटित है। इनके साथ ही ओजी एंड सीबीआरएस के असिस्टेंट मैनेजर सचिन गर्ग भी रहते हैं। दोनों अविवाहित अधिकारी यहां रहते हैं। साहिल गुप्ता अपने पैतृक आवास हरियाणा घर गए हुए हैं। जबकि सचिन गर्ग घर में ही थी। पिछले डेढ़ साल से रह रहे हैं। बालकनी में ही कपड़े सूखने के लिए फैलाते हैं और वहीं उठना-बैठना भी करते हैं।

तेज आवाज सुनकर सचिन दहल उठे। दरवाजा खोलकर देखने की हिम्मत तक नहीं हुई। नीचे गए और बाहर से देखा। तब तक पड़ोसी भी घर से बाहर निकल चुके थे। दहशत ऐसी की रात में कहीं और सोए।

ये खबर भी पढ़ें : ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए न करने के पीछे का खुला राज

ऐसा लगा कि बिल्डिंग गिर गई। किसी इमारत के गिरने जैसी आवाज लग रही थी। ऐसी ही घटना दो बार पूर्व में हो चुकी है। पहले आवास संख्या 2300 4डी में हुआ था। हर दिन इस तरह के हादसे से दहशत का माहौल है। सभी लोगों के लिए अधिक चिंताजनक होता जा रहा है। विशेष रूप से 4डी सेक्टर में, जहां क्वार्टर बहुत पुराने हैं और तत्काल निरीक्षण की आवश्यकता है।

ये खबर भी पढ़ें : EPS 95 Higher Pension: PF Trust को लेकर दायर हो रहा केसहाईकोर्ट की भाषा ही समझता है EPFO…

BSL के  कार्मिकों ने अधिकारियों से निवेदन किया है कि इस तरह के हादसे को रोका जाए। मेंटेनेंस कार्य युद्धस्तर पर किए जाएं। पेंडिंग शिकायतों का निराकरण किया जाए। शिकायतों को नजर अंदाज करना किसी दिन भारी पड़ सकता है। निश्चित रूप से इसकी गाज संबंधित विभाग पर ही गिरेगी।