- सरकार ईपीएस 95 पेंशनभोगियों की स्थिति को समझने में विफल रही, जो भुखमरी की ओर बढ़ रहे हैं।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 पेंशन पर पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई का कहना है कि मैं यही कहना चाहता हूं, हमें अपने साथियों के परिवारों के लिए और जो अभी भी जीवित हैं, उनके लिए पेंशन बढ़ानी है। और यह केवल बातचीत और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सरकार द्वारा लागू करवाने के जरिए ही किया जा सकता है।
हमें अपना लक्ष्य पूरा करना है न कि सरकार से लड़ना है। लड़ने-झगड़ने से कुछ हासिल नहीं होगा, बल्कि काम नहीं बनेगा। चित्ति प्रसादराव ने कहा-बधाई हो…। ईपीएफ 95 पेंशनधारकों को शेष जीवन जीने के लिए पेंशन में बढ़ोतरी बहुत जरूरी है, भाजपा सरकार ने ईपीएफ95 पेंशनधारकों के साथ धोखा किया है। और वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल रियायतें भी अब तक बहाल नहीं की गई हैं। इससे उन्हें वोट नहीं मिलेंगे, केवल भाजपा की सोच है।
रंजीत कुमार दत्ता का कहना है कि भाजपा सरकार ईपीएस 95 पेंशनभोगियों की स्थिति को समझने में विफल रही, जो भुखमरी की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन किसी भी पार्टी ने ज्वलंत बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित नहीं किया है।
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दूसरी बात यह है कि कोरोना महामारी के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रेलवे रियायत वापस ले ली गई थी, जो अब तक बहाल नहीं की गई है। इसके अलावा इसे बहाल करने का वादा भी किया गया था। लेकिन अभी भी इसका इंतजार किया जा रहा है। जिंदगी बचाने के लिए दोनों मुद्दे अहम हैं। हालांकि अगर विपक्षी नेताओं में जरा भी नैतिकता है तो उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान इस मुद्दे को उठाना चाहिए।
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Biswajit Deb ने कहा-जमा पर ब्याज दर कम होने, ईपीएस 95 पेंशन की अल्प राशि, पुरानी पेंशन योजना समाप्त होने तथा रेलवे रियायतें समाप्त होने से वंचित वरिष्ठ नागरिकों को अब मुफ्त इलाज का लालच दिया जा रहा है। देश के वरिष्ठ नागरिकों को मूर्ख बनाने की कोशिश मत करो।
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