एटक जिस आशंका को 2 साल से जाहिर कर रही है, वह हादसा 22 जुलाई को हो गया।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल (SAIL) को बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) से बड़ी उम्मीद है। प्रोडक्शन और प्रॉफिट पर जोर है। लेकिन, कुछ गैर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही, ठेकेदारों की मनमर्जी से अब ये कारखाना कत्लखाना की राह पर है। बंद कमरे तक खुद और दिमाग को कैद रखने वालों को सुझाव दिया जाता है, जिस पर अमल के बजाय उसे कूड़ेदान में डाल दे रहे हैं। ताज़ा मामला हैरान करने वाला है।
22 जुलाई को बोकारो स्टील प्लांट के एसएमएस-1 (SMS 1) में हादसा हुआ। स्ट्रिपर यार्ड में लोको के डी-कपलिंग के दौरान 51 वर्षीय ठेका कर्मी दाल चंद पंडित का एक हाथ कंधे से कट गया।
इस हादसे को रोका जा सकता था। लेकिन, लापरवाह लोगों ने मजदूर को अपाहिज कर दिया है। फिलहाल, रांची के मेडिका में इलाज चल रहा है।
बोकारो इस्पात कामगार यूनियन एटक की चिट्ठी पर ध्यान नहीं
इस तरह की घटना को लेकर बोकारो इस्पात कामगार यूनियन एटक (Bokaro Ispat Kamgar Union AITUC) ने साल 2024 और 2025 में आशंका जताते हुए कई सुझाव दिए। महासचिव रामाश्रय प्रसाद सिंह की ओर से प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा गया। मई 2024 और अप्रैल 2025 में ज्ञापन दिया जा चुका है। ट्रैफिक विभाग की लापरवाही सीधेतौर पर नजर आ रही है।
एटक के प्रवक्ता अबु नसर बताते हैं कि यूनियन ने अपनी चिट्ठी में मुद्दा उठाया था। लिखा था कि ठेकेदार द्वारा मजदूरों को जबरन अकेले लोको ड्राइवर एवं यार्ड पोर्टर को काम करा रहे हैं। जबकि माइनिंग दो यार्ड पोर्टर एवं दो लोको ड्राइवर का है।
आठ घंटे लगातार अकेले काम
आठ घंटे लगातार अकेले काम कराने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कभी-कभी दो शिफ्ट भी संभालने के लिए विवश किया जाता है। कम मैन पावर में काम कराया जा रहा है। इसके कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
कभी भी दुर्घटना हो सकती है। मजदूरों को अनुचित ढंग से काम कराने के लिए विवश किया जा रहा है। साथ ही साथ पूरी मजदूरी भी नहीं दी जाती है। विरोध करने पर गेट पास छीलने की धमकी दी जाती है।
जिस बात का था डर, वही हुआ बोकारो में
ध्यान देने वाली बात यह है कि एटक जिस आशंका को 2 साल से जाहिर कर रही है, वह सच साबित हुई। हादसा 22 जुलाई को हो गया। मजदूर अकेले ही इंजन की कपलिंग खोल रहा था,जबकि एक अन्य साथी वहां होना चाहिए था।
वॉकी-टॉकी की मदद से वह लोको के पीछे की स्थिति को लोको पायलट से अवगत कराता। लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। अकेले ही मजदूर कपलिंग खोलने पहुंचा और हादसे की चपेट में आ गया, जिससे कंधे से उसका बाया हाथ कट गया।
समय पर वेतन तक नहीं देते, पैसा वापस लेने की भी शिकायत
यूनियन का आरोप है कि जब भी गेट पास नवीनीकरण होता है तो तीन-चार मजदूरों को काम से बैठा दिया जाता है। इस प्रकार मजदूरों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।
मासिक वेतन का भुगतान समय पर नहीं करना, वेतन पर्ची नहीं देना आम बात है। अटेंडेंस कम करके दिखाना, वेतन भुगतान के बाद पैसा वापस करने के लिए दवाव बनाना, मानो कार्य शैली बन चुकी है।
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डीआइसी को लिखे पत्र की कॉपी यहां तक गई, लेकिन रिजल्ट शून्य
1. अधिशासी निदेशक (संकार्य)
2: अधिशासी निदेशक (मानव संसाधन)
3. मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन)
4. मुख्य महाप्रबंधक (यातायात विभाक)
5. महाप्रबंधक (मानव संसाधन-अद्योगिक)