- पूरे स्तन को निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
- सिर्फ गठान (ट्यूमर) वाले भाग को निकालना पड़ता है।
- सर्जरी की इस पद्धति को ब्रेस्ट कन्जर्विंग सर्जरी (बीसीएस) कहा जाता है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) संपूर्ण विश्व एवं हमारे देश की महिलाओं में होने वाली एक आम कैंसर है। पारंपरिक रूप से इसके इलाज में पूरे स्तन को सर्जरी द्वारा निकाला जाता था, जिससे महिलाओं में कई मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्याओं का समना करना पड़ता था। किन्तु समय के साथ ब्रेस्ट कैंसर के उपचार एवं सर्जरी में बदलाव आते गए।
अब इसके इलाज में पूरे स्तन को निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ती, सिर्फ गठान (ट्यूमर) वाले भाग को निकालना पड़ता है। सर्जरी की इस पद्धति को ब्रेस्ट कन्जर्विंग सर्जरी (बीसीएस) कहा जाता है।
अब यह सर्जरी भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant’s ) के मुख्य चिकित्सालय (जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र (Jawahar Lal Nehru Hospital and Research Center)) में शुरू हो गई है। हाल ही में स्तन कैंसर से पीड़ित दो महिलाओं में यह सर्जरी सफलतापूर्वक किया गया। यह सर्जरी, मुख्य सलाहकार एवं यूनिट प्रमुख (बीसीएस) डॉ. मनीष देवांगन के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम द्वारा किया गया। टीम के अन्य सदस्यों में वरिष्ठ सलाहकार डॉ. धीरज शर्मा एवं सलाहकार डॉ. राज शेखर राव शामिल थे।
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मुख्य चिकित्सा अधिकार प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. रविन्द्रनाथ एम ने सर्जरी टीम के सभी डॉक्टरों के सराहनीय प्रयासों से इस उपलब्धि के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने यह भी बताया कि जेएलएन अस्पताल में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत निःशुल्क सर्जरी की सुविधा भी प्रदान की जाती है और अब तक 132 मरीजों ने इसका लाभ लिया है।
ब्रेस्ट कैंसर से लड़ रहे मरीजों के लिए वरदान
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. विनीता द्विवेदी के अनुसार, यह सर्जरी ब्रेस्ट कैंसर से लड़ रही महिलाओं के लिए मददगार साबित होगी, जिससे वह आत्मविश्वास के साथ सर्जरी के बाद भी अपना जीवन निर्वहन कर सकेगी।
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सर्जरी विभाग के प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकार (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. कौशलेन्द्र ठाकुर ने बताया, कि यह सर्जरी इस अस्पताल में पहली बार की गई है और यह ब्रेस्ट कैंसर से लड़ रहे मरीजों के लिए वरदान साबित होगी।
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ऑपरेशन में इनकी भूमिका रही खास
डॉ. मनीष देवांगन के अनुसार सभी मरीजों में ब्रेस्ट कन्जर्विंग सर्जरी उपुक्त नहीं होती है। इस सर्जरी के लिए मरीजों का चयन बहुत महत्वपूर्ण है।
इस सर्जरी को सफल बनाने में प्रमुख (रेडियो डायग्नोसिस) डॉ. प्रतिभा ईस्सर, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अतुल श्रीवास्तव, मुख्य सलाहकार (एनेस्थीसिया) डॉ. जयिता सरकार एवं वरिष्ठ सलाहकार (पैथोलॉजी) डॉ. प्रिया साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
वर्तमान समय में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए, ब्रेस्ट कन्जर्विंग सर्जरी (बीसीएस) की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित हो रहा है। बीसीएस में केवल ट्यूमर को हटाने के बाद रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी की आवश्यकता होती है और स्तन को कन्जर्व किया जाता है।
बीसीएस से स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की देखभाल और इलाज के पारंपरिक तरीके से संबंधित मनोवैज्ञानिक और सामाजिक संदर्भ से सम्बंधित परेशानियों को कम करने में भी मदद मिली है।