- CITU ने कहा-अतिरिक्त वेतन वृद्धि, HRA और RINL में नए वेतन का कार्यान्वयन केवल बड़े पैमाने पर आंदोलन से ही हासिल किया जा सकता है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। सेल प्रबंधन और एनजेसीएस नेताओं (SAIL Management and NJCS Leaders) के बीच गुरुवार को एक बड़ा फैसला हुआ। नाइट शिफ्ट एलाउंस (Night Shift Allowance) तय हो गया। साथ ही बायोमेट्रिक का रास्ता भी साफ हो गया। यूनियन नेताओं ने साइन कर दिया है। आखिर, इस मीटिंग सुबह 11 बजे से शाम तक क्या-क्या हुआ। पूरा डिटेल सूचनाजी.कॉम बताने जा रहा है।
उप समिति की बैठक में सीटू से बिस्वरूप बनर्जी ने सीआईटीयू/एसडब्ल्यूएफआई का प्रतिनिधित्व किया। बैठक की शुरुआत में सीआईटीयू प्रतिनिधि ने मांग की कि प्रबंधन को 39 महीने के बकाया के बिना शर्त भुगतान और “1/1/2022 से एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि” के अलावा अन्य भत्तों में सम्मानजनक वृद्धि, आरआईएनएल में नए वेतन का कार्यान्वयन आदि पर स्पष्ट प्रतिबद्धता के साथ सामने आना चाहिए, जो वेतन समझौता प्रक्रिया के सम्मानजनक समापन के लिए एनजेसीएस (NJCS) में सभी यूनियनों की न्यूनतम मांगें थीं।
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प्रबंधन पर दबाव डाला गया कि एनजेसीएस के सभी लंबित मुद्दों को पूरा करने के लिए त्वरित निवारण के साथ सामने आना चाहिए। प्रबंधन का कानूनी दायित्व है कि वह सुलह की तारीख (24 जनवरी, 2024) से 75 दिनों तक सभी मुद्दों को सुलझाए।
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दुर्भाग्य से प्रबंधन ने एनजेसीएस के प्रमुख लंबित मुद्दों के संबंध में केंद्रीय श्रम आयुक्त (सीएलसी) के समक्ष दी गई लिखित प्रतिबद्धता पर कोई ध्यान नहीं दिया। सीटू का कहना है कि हमने पहले ही बताया है कि प्रबंधन इस बुनियादी दायित्व के बारे में चिंतित नहीं है। हालांकि प्रबंधन ने हमेशा की तरह श्रमिक प्रतिनिधियों के प्रस्तुतिकरण को नजरअंदाज कर दिया और चर्चा के लिए रात्रि पाली भत्ते को उठा लिया।
सेल प्रबंधन ने बकाया एरियर पर टिप्पणी से किया इन्कार
सीटू के मुताबिक सेल प्रबंधन ने 39 महीने के एरियर के मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया, जो मांग को पूरी तरह से नकारने की साजिश के अलावा और कुछ नहीं है। रात्रि पाली भत्ते पर प्रबंधन ने कर को छोड़कर एक नया ग्रेडवार प्रस्ताव (10% से 30%) पहले से प्रसारित तालिका के अनुसार आरआईई (आकस्मिक व्यय की प्रतिपूर्ति) के नए नाम के साथ रखा। हमने राशि और प्रबंधन की ग्रेडवार अवधारणा को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि प्रस्ताव भेदभावपूर्ण और अपमानजनक था।
अंत में प्रबंधन ने सभी ग्रेड के लिए 180 रुपये आरआईई (रात्रि पाली भत्ता) के रूप में पेश किया, यानी बिना टैक्स के। बगैर टैक्स के 230 रुपये की मांग की गई।
एचआरए और एचआरआर पर प्रबंधन का ये प्रस्ताव
अंत में प्रबंधन ने एचआरए और एचआरआर पर पिछली बैठक का वही पुराना प्रस्ताव दिया है। पूर्व संशोधित बेसिक और एचआरआर पर एचआरए 2 रुपये प्रति वर्ग फीट है। एचआरए और एचआरआर के संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई। यहां तक कि रात्रि पाली भत्ते पर भी सहमति नहीं बन पाई।
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चूंकि प्रबंधन ने एरियर, वेतन वृद्धि और अन्य मुद्दों पर एक भी शब्द बोलने से इनकार कर दिया, इसलिए हमने कड़ी आपत्ति जताई है। स्वाभाविक रूप से यह एरियर से इनकार करने की स्पष्ट साजिश को उजागर करता है, जिससे हर कर्मचारी को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। इसलिए इस तरह के षड्यंत्रकारी और भेदभावपूर्ण रवैये से सहमत होने का सवाल ही नहीं उठता, जिसे सीआईटीयू या कोई भी यूनियन स्वीकार नहीं कर सकती।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम पर यह शर्त
सीटू के प्रतिनिधि ने एरियर से इनकार करने के लिए प्रबंधन के इस टुकड़े-टुकड़े दृष्टिकोण और रात्रि पाली भत्ते पर इसके बेमेल प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। एटक के प्रतिनिधि ने भी यही रुख अपनाया और प्रबंधन के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। यहां तक कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम (BAS) भी हर जगह संशोधित रात्रि पाली भत्ता पाने के लिए एक शर्त है, जो उप-समिति की बैठक के दायरे से बाहर है।
दुर्भाग्य से, अन्य यूनियनें ऐसा दृढ़ रुख नहीं अपना सकीं और रात्रि पाली भत्ते पर प्रबंधन के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति नहीं दे सकीं, जबकि प्रबंधन की ओर से वैध बकाया और अन्य मांगों को नकारने की स्पष्ट साजिश दिखाई दे रही थी।
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बड़े संघर्घ की तैयारी का संकेत
तमाम कठिनाइयों के बावजूद, कृपया बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहें। बिना शर्त बकाया, अतिरिक्त वेतन वृद्धि, HRA और RINL में नए वेतन का कार्यान्वयन केवल बड़े पैमाने पर आंदोलन से ही हासिल किया जा सकता है।