BSP OA: चंद मिनट की केके सिंह से मुलाकात, SAIL हॉस्पिटल, जूनियर आफिसर पॉलिसी, प्रमोशन, वेतन विसंगति, परिवहन भत्ते पर बात रही खास

BSP OA A few Minutes Meeting with KK Singh, the Main Focus was on the SAIL Junior Officer Policy, Promotion, Salary Discrepancy, and Transport Allowance
  • सेल अस्पतालों, जूनियर ऑफिसर नोशनल पदोन्नति, जेओ प्रमोशन पॉलिसी में सुधार, एंट्री-लेवल पे एनॉमली (2007-2016) का समाधान पर बात।
  • ओए-बीएसपी ने निदेशक कार्मिक केके सिंह से अधिकारियों के हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर की चर्चा की।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के अधिकारियों के विषयों को लेकर डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह से बातचीत काफी खास रही। चंद मिनट की मुलाकात में ही कई मुद्दों पर सकारात्मक आश्वास मिले हैं।

भिलाई निवास में सेफी चेयरमेन एवं ओए-बीएसपी अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में ओए-बीएसपी की टीम ने सेल के निदेशक कार्मिक केके सिंह से मुलाकात की। इस बैठक में ओए के महासचिव अंकुर मिश्रा, सेफी नामिनी अखिलेश मिश्रा एवं कोषाध्यक्ष सौभाग्य रंजन साहू उपस्थित थे।

स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड-सेल के निदेशक कार्मिक भिलाई में सेल के सभी इकाईयों के एचआर अधिकारियों के साथ मीटिंग में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।

इस दौरान ओए-बीएसपी प्रतिनिधिमंडल ने सेल अस्पतालों, जूनियर ऑफिसर नोशनल पदोन्नति, जेओ प्रमोशन पॉलिसी में सुधार, एंट्री-लेवल पे एनॉमली (2007-2016) का समाधान, दिव्यांगजन कर्मचारियों के लिए परिवहन भत्ता बढ़ाने, जेओ-2008 एवं जेओ-2010 बैच के वेतन विसंगतियों सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

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सेल अस्पतालों को लेकर स्पष्टता की मांग

ओए-बीएसपी ने कहा कि सेल अस्पतालों के आउटसोर्सिंग से संबंधित किसी भी निर्णय से पहले सभी हितधारकों, मौजूदा कार्मिकों, पूर्व कार्मिकों एवं आश्रितों का ध्यान रखते हुए एसोसिएशन/यूनियन से व्यापक चर्चा आवश्यक है।

सेल-सेफी मीटिंग में सिर्फ यही चर्चा हुई थी कि सेल अस्पतालों के लिए भविष्य के रोडमैप की सिफारिश करने के लिए डेलॉइट एजेंसी को कार्य सौंपा गया है। परंतु व्यापक चर्चा न होने के कारण स्थानीय मीडिया की खबरों से सभी हितधारकों में अनावश्यक चिंता उत्पन्न हो गई है।

सेफी चेयरमैन एनके बंछोर ने अनुरोध किया है कि मौजूदा अस्पताल कार्मिकों को मैनेजमेंट के उन फैसलों के बारे में जानकारी दी जाए, जो उनके करियर की संभावनाओं पर असर डाल सकते हैं।

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जेओ बैच की पदोन्नति

प्रतिनिधिमंडल ने निवेदन किया कि जेओ-2018 बैच को जून 2026 में ई-3 ग्रेड में पदोन्नति हेतु योग्य माना जाए। सेल में जूनियर ऑफिसर्स की पदोन्नति नीति के अनियमित क्रियान्वयन के कारण जेओ-2018 बैच को अपने करियर में गंभीर प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। जेओ-2018 बैच को तीन पदोन्नति चक्रों का नुकसान और आठ वर्ष की देरी झेलनी पड़ी है।

जूनियर ऑफिसर्स, नॉन-एग्जीक्यूटिव कैडर से लगभग 15 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद कार्यकारी पद पर पदोन्नत होते हैं। वे अपने प्रारम्भिक ज्वाइनिंग ग्रेड में आवश्यक सभी प्रशिक्षण पहले ही प्राप्त कर चुके होते हैं। इसके बावजूद, जेओ ग्रेड में पदोन्नति पर उन्हें “पुनः-प्रशिक्षण” अवधि से गुजरना पड़ता है, जिससे पदोन्नति में हुई देरी को और भी बढ़ा दिया।

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परिणामस्वरूप इस बैच को कैरियर और वरिष्ठता में हानि उठानी पड़ी है। उनकी लंबी सेवा, व्यावहारिक ज्ञान, तकनीकी दक्षता और व्यापक अनुभव को ध्यान में रखते हुए ओए-बीएसपी ने आग्रह किया कि जेओ बैचेस् को 6 माह के ट्रेनिंग अवधि का ई-1 से ई-2 पदोन्नति में जोड़ा जाए व 6 माह की नोशनल सीनियारिटी देते हुए सभी जेओ बैचेस् को कॉमन प्रमोशन साइकिल (जून) में पदोन्नत किया जाए।

जेओ-2008 एवं जेओ-2010 बैच में वेतन विसंगति

ओए-बीएसपी पदाधिकारियों ने बताया कि कुछ वरिष्ठ अधिकारी (ई-4/ई-5) अपने जूनियर कर्मचारियों/अधिकारियों से भी कम वेतन पा रहे हैं, जो गंभीर वेतन असमानता है। 1 जनवरी 2023 से प्रभावी इस विसंगति को दूर करने हेतु निदेशक कार्मिक से हस्तक्षेप की मांग की गई।

एंट्री-लेवल पे एनॉमली (2007-2016) का समाधान

प्रतिनिधिमंडल ने 2007 से 2016 के बीच सेल को इंट्री लेवल पर ज्वाइन करने वाले अधिकारियों को प्रभावित करने वाली एंट्री स्केल विसंगति को शीघ्र दूर करने का आग्रह किया, जिससे संबंधित अधिकारियों को दस वर्षों तक उच्चतर स्केल और इंक्रीमेंट के लाभों से वंचित रहना पड़ा है।

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01.01.2017 से ई-1 और ई-2 स्केल अपग्रेड होने के बाद 01.01.2007 और 31.12.2016 के बीच ज्वाइन करने वाले एग्जीक्यूटिव को इसका लाभ नहीं मिला था। इसके कारण इस अवधि में ज्वाइन करने वाले कुछ सीनियर बैचेस् के अधिकारियों की उनके जूनियर बैचेस् के अधिकारियो के साथ वेतन विसंगति उत्पन्न हो गयी है।

अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर सेल में दिव्यांगजन कार्मिकों के लिए परिवहन भत्ता बढ़ाने की मांग
सेफी चेयरमेन ने निदेशक कार्मिक को सेल द्वारा दिव्यांगजन कर्मचारियों के लिए विशेष अवकाश लागू करने तथा वास्तविक उपस्थिति के आधार पर प्रतिदिन ₹65 का परिवहन भत्ता लागू करने के लिए धन्यवाद दिया एवं अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (3 दिसम्बर) के अवसर पर, दिव्यांगजन कार्मिकों के सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए यह मांग रखी कि डीपीई के दिशा-निर्देशों तथा कई अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में प्रचलित व्यवस्था के अनुरूप सेल में भी दिव्यांगजन कर्मचारियों को मूल वेतन का 5 प्रतिशत परिवहन भत्ता प्रदान किया जाए। यह संशोधन न केवल समानता और न्याय सुनिश्चित करेगा, बल्कि सेल को एक जिम्मेदार, प्रगतिशील और संवेदनशील नियोक्ता के रूप में और सुदृढ़ करेगा।

एमटीटी-2008 बैच को ई5 से ई6 प्रमोशन में प्राथमिकता

ओए-बीएसपी ने निदेशक कार्मिक से आग्रह किया है कि एमटीटी-2008 बैच के अधिकारियों के साथ हुई पदोन्नति देरी ध्यान में रखते हुए उन्हें जून 2026 की ई5 से ई6 प्रमोशन में प्राथमिकता दी जाए।

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यह बैच अक्टूबर 2008 में ज्वाइन करने के कारण पदोन्नति चक्र एक वर्ष पिछड़ गया है, जिससे पिछले कई वर्षों में उनकी वरिष्ठता और कैरियर प्रगति प्रभावित हुई है। ओए-बीएसपी पदाधिकारियों ने यह भी उल्लेख किया है कि पूर्व में एमटीए-1993 बैच के मामले में इसी प्रकार की विसंगति को सेल प्रबंधन ने सुलझाया था।

जेओ प्रमोशन पॉलिसी में सुधार की जरूरत

एनके बंछोर ने निदेशक कार्मिक से अनुरोध किया कि जेओ प्रमोशन पालिसी में संशोधन अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में सेल के विभिन्न इकाइयों में ग्रेजुएट इंजीनियर्स एवं अनुभवी डिप्लोमा इंजीनियर्स बड़ी संख्या में गैरकार्यपालक वर्ग में कार्यरत हैं। अतः इनके योग्यता व अनुभव का समुचित उपयोग किया जाना उचित होगा।

जिससे अधिकारियों की कमी से जूझ रहे विभागों को बेहतर इंजीनियर्स/शिफ्ट इंचार्ज उपलब्ध हो पाएंगे।
इस हेतु वर्तमान में सेल में गैर-कार्यपालक से कार्यपालक पदोन्नति की पॉलिसी (जूनियर आफिसर्स प्रमोशन पॉलिसी) में आवश्यक संशोधन करके कंपनी में कार्यरत युवा इंजीनियरों/डिप्लोमाधारकों को चयनित कर उनकी क्षमताओं का समुचित उपयोग किया जा सकता है। सेफी चेयरमेन ने जेओ पालिसी में कवरेज में बढ़ोत्तरी, पात्रता में राहत, क्वालिफीकेशन का वेटेज जोड़ना और वेटेज में बदलाव करने का सुझाव दिया।