BSP OA Election: सेफी नॉमिनी बने अखिलेश मिश्र, संतोष, नीतिश, प्रह्लाद, अनू पी. जीते, 1 वोट से हारे मिलिंद

BSP OA Election Akhilesh Mishra Became the SEFI Nominee, Santosh Nitish Prahlad, Anu P won Milind Lost by 1 Vote
  • पिछले साल जेडआर पर कृष्णानंद राय को 1 वोट से मिलिंद ने हराया था, अब एक वोट से खुद हार गए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन की कार्यकारिणी का रिजल्ट घोषित कर दिया है। सेफी नॉमिनी पद पर अखिलेश मिश्र ने जीत हासिल की है। पांच पदों पर शनिवार को शाम को इंजीनियर भवन में वोट डाले गए। शाम 7 बजे से रात 8 बजे तक वोटिंग हुई। 48 वोटरों ने मताधिकार का प्रयोग किया। जबकि 2 वोट इनवैलिड हो गया है। एक वोटर रोहित सान्याल मतदान करने नहीं पहुंचे।

चुनाव अधिकारी जीएम आइआर जेएन ठाकुर, विकास चंद्रा, संदीप झा और सैफुद्दीन फज़ली की निगरानी में वोटों की गिनती हुई। सेफी नॉमिनी पद पर अखिलेश मिश्र को 28 वोट मिले, जबकि विरोध में खड़े संजय कुमार तिवारी को 19 वोट मिले। इसी तरह वाइस प्रेसिडेंट फर्स्ट पर संतोष कुमार सिंह ने रोहित हरित को हरा दिया है। संतोष को 27 और रोहित को 20 वोट मिले।

वहीं, वाइस प्रेसिडेंट माइंस के रूप में नीतिश छत्री जीत गए हैं। इन्होंने 13 वोटों से प्रवीण मराठे को हराया। नीतिश को 30 और प्रवीण को 17 वोट मिले। सेक्रेटरी फर्स्ट पद प्रह्लाद मौर्या ने जीत हासिल की। प्रह्लाद को 31 वोट मिले, जबकि प्रतिद्धंदी को महज 16 वोट ही मिले। सेक्रेटरी सेकेंड के रूप में अनू पी चुनाव जीत गए। अनू को 24 वोट मिले, जबकि मिलिं कुमार बंसोड को 23 वोट मिले। बता दें कि पिछली बार मिलिंद ने जेडआर पद पर कृष्णानंद राय को 1 वोट से हराया था। अब एक वोट से ही मिलिंद को हार मिली।

रिजल्ट घोषित होने के बाद सेफी चेयरमैन व बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर, बीएसपी ओए महासचिव अंकुर मिश्रा, कोषाध्यक्ष सौभाग्य रंजन साहू ने विजेताओं को बधाई दी। साथ ही एकजुटता दिखाते हुए पूरी टीम को एक साथ लेकर चलने की बात कही। जो चुनाव जीत गए और जिन्हें जीत नहीं मिली, सबको साथ लेकर चलने का दम भरा गया है।

वहीं, रिजल्ट आने के बाद तरह-तरह की बातें भी चलनी शुरू हो गई। कुछ पदाधिकारियों ने यहां तक बोल दिया कि इस चुनाव में कई आस्तीन के सांप उजागर हो गए। जिस थाली में खा रहे थे, उसी को छेद किए। प्लांट के अंदर घूम-घूमकर बोल रहे थे कि मेरा वोट ज़ाया नहीं गया। अब ऐसे छुटभैय्या नेताओं की किरकिरी हो रही है।