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- हड्डी रोग विभाग में मरीज हो रहे परेशान।
- ईडी मेडिकल डाक्टर रवींद्रनाथ ने कहा-नजर रखेंगे।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के सेक्टर 9 हॉस्पिटल के डाक्टरों का रवैया मरीजों के प्रति काफी मायूस करने वाला है। इसका खामियाजा कार्मिकों को भुगतना पड़ रहा है। समय से पहले ओपीडी का दरवाजा बंद होने से मरीजों का कष्ट बढ़ता जा रहा है।
शुक्रवार को हड्डी रोग विभाग की ओपीडी में अफरातफरी का माहौल रहा। टी-टाइम के नाम पर डाक्टर रघुनंदन बिसोई के कमरे का दरवाजा सुबह करीब साढ़े 10 बजे बंद हुआ। दोपहर करीब पौने 1 बजे डाक्टर साहब ने मरीजों को दर्शन दिया। इस बीच काफी शोर-शराबा और हंगामा होता रहा।
बीएसपी के मशीन शॉप 1 से रिटायर कर्मचारी शुक्रवार सुबह 10.35 बजे ओपीडी में पहुंचे। वह डाक्टर रघुनंदन बिसोई से इलाज करा रहे हैं। डाक्टर साहब के पास पहुंचने का नंबर आता, इससे पहले ही 10.40 बजे गेट बंद हो गया। इंतजार करते रहे।
मरीज को उम्मीद थी कि 11 बजे से टी टाइम होता है, तब तक वह परामर्श लेकर चले जाएंगे। लेकिन, ऐसा न हो सका। बार-बार मरीज दरवाजा पीटते रहे। अंदर से कोई जवाब नहीं आया। दोपहर 12.17 बजे दरवाजा खुला और कहा गया कि मेडिकल बुक को जमा कर दीजिए, और लाइन लगा लीजिए।
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इसके बाद अंदर से महिला कर्मी बाहर निकलीं और 12.39 बजे सारी बुक लेकर बाहर निकल गईं और बैक डोर से अंदर चली गईं। जूनियर डाक्टर मरीजों को देखना शुरू कर चुके थे। इसी बीच दोपहर 12.42 बजे डाक्टर बिसोई ओपीडी में पहुंचे। बाहर मरीजों में अचानक से हलचल बढ़ी।
इसी तरह सीआरएम के एक कर्मचारी ने बताया कि वह भी साढ़े 10 बजे से इंतजार कर रहे हैं। रिटायर कर्मचारी की पत्नी भी आर्थो ओपीडी में तड़प रही थीं।
टी-टाइम को लेकर मरीजों में तरह-तरह के सवाल हो रहे थे। बताया गया कि सुबह 11 से 11.30 बजे तक टी-टाइम है। लेकिन, इससे पहले ही डाक्टर साहब का दरवाजा बंद हो जाता है।
डाक्टर साहब के रवैये को लेकर मरीजों में यह भी चर्चा रही कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। हर बार होता है। टी-टाइम के अलावा बीच-बीच में कई बार डाक्टर साहब नदारद रहते हैं। ओपीडी गेट बंद हो जाता है। डाक्टर साहब के नदारद रहने की वजह से बीएसपी के एसएमएस 3 की एक महिला जीएम को भी इंतजार करना पड़ था।
बेचारे मरीज डर की वजह से कहीं शिकायत नहीं करते हैं। उल्टे डाक्टर साहब सबको धमकाते रहते हैं कि जहां शिकायत करना है, कर दो कोई कुछ नहीं कर सकता है। सवाल उठाने पर मरीज को भी देखने से मना कर देते हैं। मेडिकल बुक तक वापस कर देते हैं। इसके साक्ष्य सूचनाजी.कॉम के पास उपलब्ध है।
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पढ़िए आरोपित डाक्टर ने क्या कहा…
सूचनाजी.कॉम ने हड्डी रोग विभग के डाक्टर रघुनंदन बिसोई का पक्ष लिया। मरीजों की शिकायत के बारे में उन्हें जानकारी दी गई। डाक्टर बिसोई का जवाब हैरान करने वाला आया। उन्होंने कहा-जिसको जो शिकायत है, वह लिखित में दे। मैं कब आता हूं, कब जाता हूं, यह मेरा अधिकार क्षेत्र है। जिसको पुलिस में शिकायत करनी है कर दे। मैं क्या कर सकता हूं। मैं भी कई आरोप लोगों पर लगा सकता हूं।
ईडी मेडिकल अब रखेंगे नजर
भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. एम रवींद्रनाथ का कहना है कि मरीजों की शिकायत को नजर अंदाज नहीं किया जाएगा। मैं खुद नजर रखूंगा। मानीटरिंग करूंगा। वैसे-मैं चेक करता रहता हूं। आर्थो को लेकर जो शिकायत आई है, निश्चित रूप से मैं नजर रखूंगा। मरीजों को इस तरह परेशान नहीं होने दिया जाएगा।