चुनाव से पहले यूनियन ने युवा कर्मचारियों को साधा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल बीएसपी में कार्यरत युवा कर्मचारियों ने वेतन आयोग की मांग की है। बीएसपी वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों और युवा कर्मियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक “जुड़िए दिल से” का आयोजन किया गया, जिसमें बीएसपी कर्मियों ने एक-एक कर अपनी बात रखी।
एनजेसीएस के फैसले से त्रस्त, मांगा वेतन आयोग
कर्मियों ने कहा कि एनजेसीएस में वर्षों से जमे हुए वयोवृद्ध नेता अपने आप को एनजेसीएस का आघोषित रूप से आजीवन सदस्य मान बैठे हैं। एनजेसीएस के ज्यादातर नेता सेल कर्मचारी है ही नहीं, फिर उनके हाथ में हमारे भविष्य का फैसला करने का अधिकार कैसे दिया जा सकता है? जो कभी भी सेल के कर्मचारी नहीं रहे , वो कैसे कर्मचारियों के दुख दर्द और जरूरत को समझ सकता है?
साल दर साल पेंडिग मामलो कि संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। एक मीटिंग बुलाने हेतु प्रबंधन से मिलना तो दूर, एक पत्र भी नहीं लिख पाते हैं। कभी कभार प्रबंधन इन्हें समय दे भी दे तो, इतिहास गवाह है कि आज तक यह नेता हर एनजेसीएस मीटिंग में कर्मियों के के हितों पर कुछ ना कुछ कठुराघात करके आए हैं। एनजेसीएस को तुरंत भंग किया जाए तथा केंद्रीय कर्मचारियों की तरह हमारे लिए भी वेतन आयोग का गठन किया जाए।
युवाओं ने गिनाया एनजेसीएस ने कर्मचारियों को क्या दिया?
कर्मियों का ग्रेच्युटी सीलिंग करवाया
कर्मियों पर जबरदस्ती बायोमैट्रिक अटेंडेंस प्रणाली थोपा
2012 से अभी तक 13 साल बीत जाने के बावजूद HRA का मुद्दा अभी तक लटका पड़ा है
1.1.2017 से अभी तक 8 साल बीत जाने के बाद भी वेतन समझौता आधा अधूरा है।
अपनी पूछ परख बढ़ाने हेतु करते हैं हड़ताल
बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने कहा कि एनजेसीएस के अजर अमर हो चुके नेता अपनी साख बचाने के लिए अब हड़ताल का सहारा लेते हैं। इनके इन फैसलों से इनका भला तो हो जाता है, परंतु कर्मचारियों को उनकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।
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ऐसे होनहार कर्मचारी जो इनके बहकावे में आकर हड़ताल में शामिल हो जाते हैं। उन्हें एक दिन का वेतन तो गंवना ही पड़ता था अब उन्हें प्रमोशन से भी वंचित कर दिया गया है,जिससे उनके भविष्य दाव पर लग गया है। परंतु इन्हें कर्मियों की नुकसान से क्या फर्क पड़ता है। इन्हें तो अपने टीए, डीए और टीआरपी बढ़ाने से मतलब है।
उज्वल दत्त ने किया संबोधित
बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता ने कहा कि, अब आप सभी युवा साथियों को आगे आकर नेतृत्व करना होगा। युवा जोश और वरिष्ठ पदाधिकारी के होश के साथ सामंजस्य बनाकर आगे बढ़ना होगा। आप नेतृत्व कर्ता बनें और हम मार्गदर्शन की भूमिका में रहे।
हमें कर्मचारियों की बुनियादी जरूरत पर ध्यान देना है। छोटे-छोटे कार्यों पर फोकस करना है। उन्हें अच्छा और एक साफ सुथरा टॉयलेट कैसे मिले? साफ सुथरा और बेहतर कैंटीन की व्यवस्था कैसे हो? बड़े और बेहतर आवास की व्यवस्था कैसे की जाए? कार्यस्थल पर तनाव रहित वातावरण में कार्य करने पर जोर देना है?
चुनाव से हुआ केवल नुकसान
उन्होंने आगे कहा कि मान्यता प्राप्त यूनियन के चुनाव के दौरान कई ऐसी बातें कही जाती है जिससे कर्मचारियों के बीच एक दूसरे के प्रति कटुता पैदा होता है, जो फूट का कारण बनता है। चुनाव से कर्मियों को सही मायने में फायदा होने के बजाय नुकसान ही हुआ है।
यूनियन के कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
बैठक में प्रमुख रूप से यूनियन के अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता, शिवबहादुर सिंह, अमित बर्मन, दिलेश्वर राव, विमल कुमार पाण्डेय, मनोज डडसेना, अमित बर्मन, लूमेश कुमार, प्रदीप सिंह, संदीप सिंह, कृष्णमूर्ति, नितिन कश्यप, राजकुमार सिंह, कुंते लाल साहू, अभिषेक सिंह, पवन साहू, कन्हैया लाल अहीर, ऋषभ घोष, किशोर सही, दीपेश चुग, अमर सिंह, रवि सोनी, हर्ष भारद्वाज, प्रवीण यादव, रणजीत सिंह, मनीष यादव आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अजय तमुरिया ने किया।