- बीएसपी वर्कर्स युनियन ने बीएसपी डीआईसी को नववर्ष की बधाई देते हुए गिनाये बीएसपी वर्कर्स की समस्याएं।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BSP Workers Union) के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष उज्जवल दत्ता के नेतृत्व में भिलाई इस्पात संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता से मिलकर उन्हें नववर्ष 2025 की बधाईयां दी।
बीएसपी के निदेशक प्रभारी के साथ इस बैठक में बीएसपी वर्कर्स युनियन के पदाधिकारियों ने निदेशक प्रभारी की 2024 में प्लांट में रिकार्ड उत्पादन, सेक्टर 9 हॉस्पिटल में नई एमआरआई मशीन लगवाने और ठेका श्रमिकों के 10 लाख का मेडिक्लेम करवाने पर सराहना की। इसके साथ ही बीएसपी वर्कर्स को प्लांट, टाऊनशिप और हॉस्पिटल को लेकर हो रही अन्य समस्याओं से अवगत कराया।
बैठक में बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने निदेशक प्रभारी को नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि साल तो बदल गया। परन्तु बीएसपी कर्मचारियों की समस्याएं आज भी यथावत है। बीएसपी कर्मचारियों के आर्थिक मुद्दें जैसे वेज रिवीजन, एरियर, एचआरए, कम इंसेटिव आदि 8 वर्षों बाद आज भी लंबित है, जिस पर दिल्ली और भिलाई दोनों प्रबंधनों ने चुप्पी साध रखी है।
एनजेसीएस कमिटी में भी एनजेसीएस यूनियनों की लाचारी और सेल प्रबंधन का निरंकुश रवैया बीएसपी कर्मचारियों को बेसिक-डीए पर लाने के कगार पर है।
उज्जवल दत्ता ने कहा कि बीएसपी कर्मचारी का प्लांट में अधिकारियों के अनावश्यक दबाव में काम करने के बाद भी उसे स्वादिष्ट और हाइजेनिक खाद्य पदार्थों वाली कैंटीन, साफ सुथरा टॉयलेट और कठोर काम के बाद रेस्ट करने के लिए आरामदायक रेस्ट रूम भी नहीं मिल रहा है।
इसके बाद उन्हें टाउनशिप में बीएसपी आवास की बदहाल स्थिति और बीएसपी हॉस्पिटल में विभिन्न असुविधाएं झेलनी पड़ती हैं। जिसमें बदलाव की उम्मीद लगाते लगाते 2024 भी खत्म हो गया।
20 लाख के मेडिक्लेम पर प्रबंधन ने ये कहा…
बीएसपी वर्कर्स युनियन के पदाधिकारियों ने बीएसपी कर्मचारियों के लिए 20 लाख का मेडिक्लेम करवाने की भी माँग निदेशक प्रभारी से की, जिससे बीएसपी कर्मचारी अपने सुविधानुसार चिकित्सकीय परामर्श ले सकें, उसे बीएसपी के जेएलएन हॉस्पीटल के भरोसे ना रहना पड़े और गंभीर बिमारियों के इलाज के लिए रेफरल के लिए परेशान ना होना पड़े।
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बीडब्ल्यूयू के इस सुझाव पर निदेशक प्रभारी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए वर्तमान में रेफरल और गैर बीएसपी डाक्टरों पर हो रहे खर्च और सभी कर्मचारियों और उनके के लिए 20 लाख के मेडिक्लेम के प्रीमियम पर होने वाले खर्च का संपूर्ण डाटा निकालने एवं इनमें तुलना करके इस पर निष्कर्ष निकालने की बात कहीं।
हड़ताल के बाद कर्मचारियों का प्रमोशन रोकना गलत
बीएसपी वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष ने 28 अक्टूबर की हड़ताल में शामिल कुछ कर्मचारियों के प्रोमोशन और अन्य सुविधाओं को रोकने पर बीएसपी प्रबंधन और एनजेसीएस युनियनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हड़ताल में शामिल कुछ कर्मचारियों को प्रोमोशन और अन्य सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है, जो सर्वथा अनुचित है।
इस प्रकार से द्वेष पूर्ण किए गए करवाई भिलाई इस्पात संयंत्र के अंदर औद्योगिक शांति को समाप्त करने की दिशा में उठाया गया कदम होगा। भिलाई इस्पात संयंत्र का अपना एक गौरवपूर्ण इतिहास सदैव रहा है, जिसमें कभी भी बदला लेने की नीयत से या द्वेष पूर्ण भाव से कोई कार्रवाई किसी कर्मचारी पर कभी भी नहीं की गई है। इस प्रकार की परिपाटी प्रथम बार प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है जो की उचित नहीं होगा और भिलाई इस्पात संयंत्र के गरिमा को प्रभावित करेगा।
अध्यक्ष ने कहा कि हड़ताल के समय कुछ संगठनों ने कर्मचारियों के अंदर यह भावना बनाई थी और उन्हें इस बात को समझाया कि यह हड़ताल उनके मौलिक अधिकारों के आधार पर है। और पूर्ण रूप से वैधानिक है। परंतु प्रबंधन इस बात को समझाने में असफल रहा कि हड़ताल वैधानिक है या अवैधानिक।
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इस कारण ही कर्मचारियों को अपने मांगों को लेकर खड़े होने के प्रति बल मिला चुकी आईडी एक्ट के तहत यह प्रावधान है कि वैधानिक रूप से कोई भी हड़ताल करने का अधिकार कर्मचारियों को है।
अगर प्रबंधन यह मानता है की हड़ताल वैधानिक नहीं थी तो फिर प्रबंधन ने इस बात को सिद्ध करने के लिए कि हड़ताल वैधानिक नहीं था। आज तक कोई भी प्रकार का कदम क्यों नहीं उठाया और अपने नाकामी को छुपाने के लिए उन कर्मचारियों को निशाना बनाया जो कि भावनात्मक रूप से अपनी मौलिक समस्याओं को देखते हुए ऐसे आंदोलन में चले गए थे।
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बीएसपी वर्कर्स यूनियन यह माँग करता है कि कर्मचारियों के साथ इस प्रकार दुर्भावना पूर्ण व्यवहार ना किया जाए और जिन कर्मचारियों को प्रमोशन एवं अन्य सुविधाओं से वंचित किया गया है उन्हें तुरंत प्रमोशन दिया जाए और उन्हें किसी भी सुविधा से वंचित न किया जाए।
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बैठक में ये पदाधिकारी रहे मौजूद
बैठक में प्रमुख रूप से यूनियन के अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता, विमल कुमार पाण्डेय, शिव बहादुर सिंह, दिलेश्वर राव, मनोज डडसेना, सुरेश सिंह, अमित बर्मन, लुमेश राहंगडाले, प्रदीप सिंग, रविन्द्र यादव, संदीप सिंह, कृष्णमूर्ति, नितिन कश्यप, राजकुमार, रिषभ घोष, अभिषेक सिंह, कुंतेलाल साहु, दीपेश चुघ, रामेश्वर बिसेन, अभिषेक आदि थे।