- गरिया के दुर्गम पहाड़ियों और बेहद अंदरुनी इलाका होने के कारण यहां के मतदान दल को काफी परेशानियों का सामना करके पहुंचना पड़ा टीम को।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। क्रमश: सात नवंबर और 17 नवंबर को पहले चरण और सेकंड फेस की वोटिंग हो चकी है। दोनों ही चरण में कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो निर्वाचन प्रक्रिया ओवर ऑल शांतिपूर्ण ढंग से निपट चुका है।
लेकिन 17 नवंबर को दूसरे चरण की वोटिंग में हम आपको ऐसे दुर्गम इलाकों के बारे में बताने जा रहे है जहां पहुंच पाना किसी चुनौती से कम नहीं। यहां के मतदान दल के कर्मियों को करीब आठ किलोमीटर पैदल चलकर मतदान केंद्र पहुंचना पड़ा। इससे पहले मतदान कर्मियों को नदी भी पार करना पड़ा।
बेहद दुर्गम, सुदूर और अंदरूनी वनांचल क्षेत्र में मतदान कर्मियों का हौसला तब बढ़ा जब यहां जबरदस्त मतदान करने के यहां के वोटर्स उत्हासित थे। इन केंद्रों में 80 फीसदी तक वोटिंग हुई है।
रायपुर संभाग के अंतर्गत गरियाबंद जिले के दो पोलिंग बूथ में जबरदस्त वोटिंग हुई। यहां मतदान दल नदी पार करके सात से आठ किलोमीटर तक पैदल पहुंचा था।
गरियाबंद जिले के बिंद्रानवागढ़ विधानसभा इलाके के धुर नक्सल प्रभावित पोलिंग सेंटर के अफसरों और यहां के कर्मियों को नदी पार करके सात से आठ किलोमीटर (KM)पैदल चल कर मतदान केंद्र तक पहुंचना पड़ा। दुर्गम पहाड़ियों और बेहद अंदरुनी इलाका होने के कारण यहां के मतदान दल को काफी परेशानियों का सामना करके पहुंचना पड़ा।
रायपुर संभाग (Raipur Division) के अंतर्गत आने वाले गरियाबंद जिले के बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा ओडिशा राज्य से लगा हुआ इलाका है। यह इलाका नक्सल प्रभावित माना जाता है। यहां के आममोरा में 80 फीसदी तक वोटिंग हुई।
जबकि बिन्द्रानवागढ़ विधानसभआ क्षेत्र (Bindranavagarh Assembly Constituency) के ही ओंढ़ मतदान केन्द्र में 79.33 फीसद मतदान होने की जानकारी मिल रही है। थक हारकर और नदी पार करने के बाद आठ किलोमीटर पैदल चलकर केंद्र पहुंचने वाले मतदान कर्मियों का मतदान प्रतिशत देखकर हौसला जबरदस्त बढ़ गया।