- बीएसएल कर्मचारियो द्वारा बनाई गई नवगगठित यूनियन बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरिओम कुमार और महासचिव दिलीप कुमार ने सभी मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की मांग की है।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने सेल स्तर तथा बीएसएल स्तर का अलग-अलग चार्टर ऑफ डिमांड बना कर निदेशक कार्मिक तथा निदेशक प्रभारी को भेजा है। कर्मचारियों के राय से बनाया गया सीओडी में बीएसएल कर्मचारियों के सभी मद्दों को समाहित किया गया है। यूनियन अध्यक्ष हरिओम कुमार और महासचिव दिलीप कुमार ने सभी मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की मांग की है।
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सेल स्तर के मुद्दों की सूची
1. फिटमेंट बेनिफिट (MGB ) को दूसरे प्रमुख महारत्ना कंपनियों के तर्ज पर 15% किया जाए।
2. पर्क्स प्रतिशत को 35% किया जाए।
3. 39 माह का फिटमेंट एरियर का भुगतान हो।
4. 58 माह का पर्क्स एरियर का भुगतान हो।
5. महारत्ना पीएसयू पावरग्रिड ऑफ इंडिया लिमिटेड की तर्ज पर रात्रि पाली भत्ता 610 रुपया प्रति रात्रि पाली हो साथ ही “ए” तथा “बी” शिफ्ट के लिए भी सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के तर्ज पर “शिफ्ट रोटेटिंग एलाउंस” 300 रुपया प्रति पाली हो।
6. वेतन समझौता विलम्ब के कारण हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए दो विशेष इंक्रीमेंट का भुगतान हो।
7. बंद नॉन सैचुअरिटी बेनिफिट जैसे आवास ऋण 50 लाख तक, वाहन ऋण कुल किमत का शत प्रतिशत किया जाए या दूसरे महारत्ना कंपनियों के समतुल्य किया जाए।
8. फेस्टिवल एडवांस की राशि को एक महीने की डीए बेसिक का बराबर किया जाए।
9. कर्मियों के बच्यों को मिलने वाले स्कॉलरशिप को रिवाइज्ड किया जाए, जो शिक्षा में कुल खर्च का 100% तक हो।
10. लैपटॉप एडवांस 50000 रुपया, फर्नीचर एडवांस 75000 रुपया को शुरू किया जाए।
11. बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए दस लाख रुपया तक शिक्षा ऋण का प्रावधान हो।
12. सेल की जमीन पर संचालित होने वाले निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले कर्मियों के बच्चों का शुल्क केंद्रीय विद्यालय द्वारा तय की गई दर हो या केंद्र सरकार के कर्मचारियों के तर्ज पर प्रति बच्चा 27000 रुपया तथा छात्रावास में रहने वाले बच्चों हेतु 84000 रुपया देने का प्रावधान हो।
13. ट्रेनिज कर्मचारियो को मैनेजमेंट ट्रेनिज के तर्ज पर प्रशिक्षण अवधि में डीए बेसिक का भुगतान हो।
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14. जिस तरह अधिकारी वर्ग को नियुक्ति तथा पदनाम में नवरत्ना कंपनियों के मुकाबले एक ग्रेड का अतिरिक्त लाभ दिया गया है, उसी तरह नवरत्न स्टील पीएसयू “आरआईएनएल” में नियुक्ति ग्रेड तथा लागू पदनाम को सेल कर्मियों हेतु एक ग्रेड अपग्रेड किया जाए, ताकि सेल कर्मियों को भी महारत्ना स्टेटस का लाभ मिल सके।
15. पर्क्स एरियर का पूर्ण भुगतान के बाद ही एलटीसी/एलएलटीसी राशि की कटौती हो।
16. औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 का अध्याय 2 का तीसरा बिंदु, जिसमे साफ लिखा है कि नियोजित कर्मकारों के प्रतिनिधियों की समिति के द्वारा ही मैनेजमेंट का बंटवारा होगा, जबकि एनजेसीएस में 25 में से मात्र 4 प्रतिनिधि ही लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित हैं। वहीं, 25 में से 12 प्रतिनिधि बाहरी तथा सेवानिवृत व्यक्ति हैं।
17. इस्को, बीएसएल , एएसपी, डीएसपी, सीएफपी चंद्रपुर से बगैर सदस्यता वेरिफिकेशन या गुप्त मतदान प्रणाली द्वारा यूनियन चयन होने तक किसी भी यूनियन तथा उसके प्रतिनिधियों को रिकॉगनाईजेशन का लाभ नहीं दिया जाए।
18. एचआरए को शुरू करना: कंपनी का लगभग सभी आवास/क्वाटर्र अपनी आयु पूरी कर चुका है। आवास और शहरी मंत्रालय की रिपोर्ट का अनुसार सिमेंट से बने आवासों की आयु 40 साल होती है। वहीं, कंपनी का आवासों का लगातार अनुरक्षण भी नहीं होता है। वहीं, कंपनी आवास का क्षेत्रफल/डिजाइन भी वर्तमान आधुनिक जरूरतों पूरा करने हेतु पर्याप्त नहीं है। इसलिए कर्मचारियों के इच्छा पर छोड़ दिया जाए कि वह कंपनी आवास में रहें या किराए के आवास में।
19. होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस, गुरुनानक जयंती, दुर्गा पूजा, मई दिवस जैसे त्योहारों के दिन ड्युटी करने पर एक अतिरिक्त दिवस का वेतन भुगतान किया जाए। सेल कोलियरी में यह सुविधा पहले से लाहू है। उस दिन अधिकतर अधिकारी भी छुट्टी पर रहते हैं।
20. नीड बेस की जगह पर सभी कार्यरत कर्मचारियों को मोबाइल खरीदने तथा बात करने हेतु सीम या मोबाईल भत्ता (एक माह का इंटरनेट तथा कॉलिंग पैक) दिया जाए।
21. छुट्टियों में समरूपता: सेल की सभी यूनिटों में एक समान 15 CL, 30 EL, 7 RH
22. लीव बैंक की स्थापना: किसी कर्मचारी का कैलेंडर वर्ष में छुट्टी बच जाता है तो उसको लैप्स करने की जगह कर्मचारी की सहमती से लीव बैंक में डाल दिया जाए। लंबी बिमारी से ग्रस्त कर्मचारियों को इस लीव बैंक से छुट्टी दी जानी की व्यवस्था हो।
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बीएसएल स्तर के मुद्दों की सूची
1. नगर सेवा/टाउनशिप से जुड़ा मुद्दा:
(क) मोबाइल एप-टाउनशिप से जुड़े सभी अनुभागों की शिकायत को केंद्रित रूप से दर्ज कराने के लिए एक मोबाइल एप बनाया जाए, जिसमे सिविल, विद्युत, जन स्वास्थ्य, आवास आवंटन, लैंड एंड रेवेन्यु, हॉर्टिकल्चर, सड़क निर्माण, स्ट्रीट लाइट से जुड़े सभी शिकाययों को दर्ज कराने का प्रावधान हो। एप में शिकायतों को निवारण कराने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम, मोबाइल नं प्रदर्शित हो।
-साथ ही प्रत्येक सेक्टर के प्रभारी अधिकारी एवं अनुभागों से जुड़े कर्मचारियों का सीयूजी मोबाइल नंबर भी प्रदर्शित हो।
-जिम्मेदार अधिकारी को सभी समस्याओं का निवारण के लिए एक निश्चित टाइम लाइन तय किया जाए।
-मोबाइल एप में ऐसी व्यवस्था हो कि शिकायतों का निवारण के स्टेटस की जानकारी भी शिकायतकर्ता कर्मचारी को मिलती रहे।
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(ख) आवास आवंटन:
-E टाइप आवास का क्षेत्रफल वर्तमान आधुनिक युग में निवास के लिए अपर्याप्त है। अतः इच्छुक कर्मचारियों को आपस में जुड़ा हुआ दो E टाइप आवास देने का प्रावधान हो। भिलाई टाउनशिप में ऐसी व्यवस्था है। यहां ट्विन क्वार्टर अलॉट किया जाता है।
-वैसे सभी C Type आवास, जिसको दस बार आवंटन होने के बाद अगर कोई भी अधिकारी नहीं ले तो वैसे क्वाटर को कर्मचारी वर्ग के लिए आवंटित किया जाए।
-सभी प्रमुख सेक्टरों तथा एनएच में थर्ड पार्टी आवास आवंटन बंद किया जाए। वैसे थर्ड पार्टी आवासधारी जो वर्षों से किराया नहीं चुका रहे हैं, उनका आवास एलॉटमेंट रद्द किया जाए।
-दस बार खाली आवास की सूची प्रदर्शित होने के बाद जिन आवासों को लेने के लिए कर्मचारी तैयार नहीं हो उन आवासों की सूची ही थर्ड पार्टी एलॉटमेंट के लिए निकाला जाए।
-आवास सरेंडर करते समय अतिरिक्त निर्माण को तोड़ने का नियम को बदल कर सब्जेक्ट-टू-वेकेशन की नीति लागू किया जाए। अगर अतिरिक्त निर्माण वाले आवास को दूसरा योग्य कर्मचारी लेना चाहता है तो दोनों आवासधारियों की पारस्परिक सहमती से उक्त आवास को आवंटित कर दिया जाए।
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(ग) आवास अनुरक्षण:
-आवासों का आंतरिक सिविल अनुरक्षण के लिए प्रत्येक वर्ष 10000 रुपया प्रति कर्मचारी को भुगतान किया जाए।
-वहीं, फ्रेश क्वाटर आवंटन होने पर 200 रुपया स्कवायर फीट के हिसाब से अनुरक्षण का खर्च संबंधित कर्मचारी को भुगतान किया जाए। नगर सेवा का सिविल अनुभाग अनुरक्षण कराने का गाईडलाईन बना कर दें, जिसके मानकों के हिसाब से कर्मचारी खुद अनुरक्षण करा लें।
(घ) विद्युत अनुरक्षण
आवासों में विद्युत सप्लाई के लिए लगाए गए केबल तथा वायर को जल्द बदला जाए, क्योंकि वह केबल तथा वायर 1980 के दशक के विद्युत लोड के हिसाब से लगाए गए थे, जबकि आधुनिक वर्तमान युग में विद्युत लोड तथा खर्च की प्रवृत्ति काफी बदल गई है। एयर कंडिशनर, फ्रीज, गीजर, वाशिंग मशीन, हीटर आदि उपकरण काफी विद्युत खर्च करते हैं, जिसके कारण वर्तमान केबल तथा वायर पर काफी लोड पड़ रहा है, जिससे आग लगने की आशंका बनी हुई है।
(ङ) सिवरेज लाइन का मरम्मत:
-वर्तमान सभी सिवरेज लाइन अपनी औसत आयु 30 वर्ष को काफी पहले पूरा कर चुके है। अतः सभी सिवरेज लाइन का फिर से निर्माण कराया जाए।
-सभी आवासों के बैक लाइन पर बने अवैध आवासों तथा निर्माण को तोड़ा जाए ताकि बैक लाइन में सिवरेज जाम होने की समस्या न हो।
(च) सिटी पार्क का जिर्णोद्धार:
-सिटी पार्क का जिर्णोद्धार कराया जाए। सिटी पार्क मे चाईल्ड पार्क बनवाया जाए, जिसमे बच्चों के लिए सभी तरह का झूला, स्लाइड आदि की व्यवस्था हो। सिटी पार्क में बने टापू/द्विप को आम नगर वासियों के लिए खोल दिया जाए।
(छ) ओपेन जिम:
-सेक्टर के सभी खेल के मैदानों में ओपेन जिम बनवाया जाए। ओपेन जिम के ग्राउण्ड में पेवर ब्लाॉक लगाया जाए तथा जिम के आस पास रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था भी कराई जाए।
बीजीएच, हेल्थ सेंटरो में सुधार का रोडमैप
-बीजीएच की चिकित्सा नीति में “कर्मचारी प्रथम” की नीति लागू किया जाए। कर्मचारी तथा उनके आश्रितों का इलाज भीड़ तथा परेशानी रहित हो, इसकी व्यवस्था की जाए।
-ओपीडी में चिकित्सक परामर्श, दवा काउंटर पर दवा वितरण में कर्मचारियों और उनके आश्रितों को पहले वरीयता दिया जाए। इसके लिए अलग से टाइम स्लॉट बनाया जाए।
-पैथोलॉजी जांच, एक्स रे, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउण्ड, एमआरआई आदि जांच को एक दो दिन मे किया जाए। अगर बीजीएच के पास अधारभूत संरचना में कमी हो तो निजी जांच घरों से जांच कराने तथा उसका खर्च का भुगतान कर्मचारी को करने का प्रावधान किया जाए।
-प्रत्येक वार्ड में कर्मचारियों के भर्ती होने लिए केबिन नुमा वार्ड बनाया जाए, जिससे कर्मचारियों की प्राईवेसी कायम रहे।
-गर्भवती आश्रित महिलाओं के लिए अलग कमरा की व्यवस्था हो।
-रेफरल सिस्टम को पूर्णतः पारदर्शी किया जाए।
-चश्मा बनाने में लगने वाले पैसों का भुगतान किया जाए।
3. पर्सनल विभाग से संबंधित मुद्दा
-अर्ली सेपरेशन सह जॉब फॉर जॉब स्कीम: 50 वर्ष से अधिक के वैसे कर्मचारी जो अपनी जगह कंपनी के योग्यतानुसार अपने पुत्र को नौकरी देना चाहते है, उनके लिए अर्ली सेपेरेशन सह जॉब फॉर जॉब स्कीम शुरू किया जाए।
-S1 से S5 ग्रेड तक प्रत्येक तीन वर्ष में पदोन्नती देने का प्रावधान किया जाए।
-एक ग्रेड में चार वर्ष पूरा कर चुके सभी कर्मियों को ग्रेड परिवर्तन नहीं होने की सूरत में स्टैगनेशन इंक्रीमेंट दिया जाए।
-इंटरनल वैकेंसी: सभी विभागों में लगातार सेवानिवृत्ति के कारण उच्च ग्रेड का कई पद खाली है। अतः उक्त ग्रेड को भरने के लिए इंटरनल वैकेंसी निकाली जाए।
-आश्रितो की बहाली: केंद्र सरकार का कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग का गाईडलाईन है कि कुल बहाली का 5% भाग अनुकंपा नियुक्ति के लिए आरक्षित रहेगा। अतः उक्त गाईडलाइन के तहत कुल किए गए बहाली का 5% भाग मृत कर्मचारियों के आश्रितों से भरा जाए।
-तत्काल राहत के रूप में मृत कर्मचारियों के सभी इच्छुक आश्रितों को अप्रेंटिशिप प्रशिक्षिण कराई जाए, फिर उसके बाद उनको हाईली स्कील्ड वर्कर के रूप मे तुरंत रोजगार दिया जाए। उनके रहने के लिए आवास तथा चिकित्सा की सुविधा दी जाए।
-विस्थापित कोटे से नियुक्त कर्मचारियों के आश्रितों को पर्याप्त रोजगार का प्रशिक्षण दिया जाए, जिसके तहत आईटीआई, डिप्लोमा कोर्स कराने का प्रावधान किया जाए।
-बीएसएल की वैकेंसी निकलने पर उन्हें प्रतियोगी परिक्षा की तैयारी कराई जाए। वैकेंसी में विस्थापितों के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित की जाए।
-तत्काल राहत देने के लिए ट्रेनिंग प्राप्त विस्थापितों को हाइ स्किल्ड वर्कर के दैनिक वेतन पर नियुक्त किया जाए।
इंडस्ट्रीयल कैंटीन
बीएसएल की सभी कैंटीन संचालकों के लिए फूड लाइसेंस लेने का प्रावधान किया जाए। कुछ प्रमुख कैंटीन को तीनों शिफ्ट में खुला रखने का प्रावधान किया जाए। प्रत्येक कैंटीन से जुड़े विभागों के कर्मचारियों को मिलाकर कैंटीन कमेटी बनाई जाए।
कारपोरेट कार्यालय कैंटिन की तर्ज पर मेन्यू तथा खाद्य पदार्थों की दर तय हो।
-कार पास: भारत में जब समानता का अधिकार मिला हुआ है तो ड्युटी जाने आने के लिए ग्रेड या पद के अनुसार वाहन का नियम को खत्म किया जाए। सभी कर्मचारियों चाहे वह किसी भी ग्रेड में हो उनको कार से ड्युटी जाने की अनुमती दी जाए।
सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा
-सुरक्षा उपकरण: सभी कार्मिकों को सभी तरह का सुरक्षा उपकरण हर हालत में प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में प्रदान किया जाए। सेफ्टी शू “लिबर्टी कंपनी का दिया जाए जो पहनने में आरामदायक के साथ साथ सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी बढ़िया है। रेनकोट की राशि का भुगतान किया जाए।
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