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ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए न करने के पीछे का खुला राज

ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए न करने के पीछे का खुला राज
  • पेंशन बढ़ोतरी को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह एक उद्देश्यपूर्ण देरी करने की रणनीति है। अधिकारियों की एक भयावह डिजाइन है।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization (EPFO)) को लेकर एक और खबर आ गई है। पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) को लेकर एक दावा किया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट करके पेंशनर्स का दर्द साझा किया है। मौजूदा हालात को बया किया है ताकि पेंशनर्स की बात रखी जाए।

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पोस्ट में कहा गया है कि ईपीएस पेंशन, सेल्फ फाइनेंशिंग पेंशन स्कीम में बढ़ोतरी की संभावना कम है। यदि पेंशन फंड (Pension Fund) का प्रदर्शन अच्छा है, तो वार्षिक बोनस ही एकमात्र संभावना है। सरकारी सहयोग से न्यूनतम पेंशन में वृद्धि एक व्यक्तिपरक संभावना है। सरकार की प्राथमिकता और उदारता पर निर्भर करता है। ईपीएस पेंशनभोगी (EPS pensioner) वर्तमान में राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक नहीं हैं।

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वहीं, स्वदेश दासगुप्ता ने पेंशनर्स के मन की बात करते हुए लिखा-न्यूनतम सम्मानजनक पेंशन? इस तरह की देरी की रणनीति से निश्चित रूप से सरकार को लाभार्थियों की संख्या और इस प्रकार शामिल लागत को कम करने में मदद मिलेगी। सभी वरिष्ठ नागरिक हैं। कईयों की इस समय तक मृत्यु हो चुकी है। कई तो बहुत बूढ़े हो गए हैं। कई की उम्र 70+ या उससे अधिक है।

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यहां तक कि उनमें से कई तो मौत के कगार पर हैं। यह एक उद्देश्यपूर्ण देरी करने की रणनीति है। अधिकारियों का एक भयावह डिजाइन। यह हमारे तथाकथित सभ्य समाज के साथ एक अमानवीय व्यवहार है। जय हिन्द। (एनएसी जिंदाबाद/पेंशनर्स एकता जिंदाबाद…।)

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