सूचनाजी न्यूज, बोकारो। Bokaro Steel Officers Association का चुनाव खत्म हुए एक माह हो गया। मजे की बात यह है कि पुरानी कमेटी अपना कार्यभार नई कमेटी को सौंपने में आना कानी कर रही है।
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परंपरा के अनुसार जनरल बॉडी मीटिंग में पूरे टेन्योर का लेखा जोखा, BSOA की संपत्ति का हस्तांतरण इत्यादि जनता के समक्ष सौंपी जाती है और BSOA संविधान के अनुसार जनरल बॉडी मीटिंग के लिए घोषणा के 21 दिन का समय तय है। बावजूद पुरानी कमेटी मौन साधे हुए है।
महासचिव अजय पांडेय के समर्थकों का कहना है कि अध्यक्ष की टीम के समर्थित अधिकांश प्रत्यासी इस बार हार गए हैं। यही कारण है कि वो बौखलाए हुए हैं। नई एक्जीक्यूटिव कमेटी को कार्यभार सौंपने में आना कानी कर रहे हैं। बड़े जद्दोंजहद के बाद 21 मार्च को पूर्व महासचिव और पूर्व एवं वर्तमान अध्यक्ष ने 30 मार्च को हैंड ओवर, टेक ओवर को राजी हुए थे।
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इसी बीच एक साजिश कर BSOA गेस्ट हाउस में कुछ साजिश किया गया। वर्तमान महासचिव को बदनाम करने का प्रयास किया गया। जिससे बीएसएल अधिकारियों की बदनामी भी हुई। विदित हो कि कुछ लोगों की ये पुरानी आदत रही है। पूर्व में भी ये कई BSOA चुनाव में टीम की पटखनी खाने के बाद नए कोषाध्यक्ष आदि पदाधिकारी को रिजाइन करने को मजबूर करवा चुके हैं।
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इन्हीं आदत के तहत SEFI इलेक्शन में हारने के बाद होटल में जहा इलेक्शन हुआ था थाली इत्यादि पटक कर बोकारो की छवि खराब कर चुके हैं।
इस बार भी इसी तरह बौखलाए हुए हैं और हैंड ओवर, टेक ओवर होने के ठीक एक दिन पहले अपनी बात से मुकर गए, जबकि 21 मार्च को BSOA के संविधान इत्यादि की चर्चा पूरी BSOA काउंसिल में करने के बाद 30 मार्च का डेट तय हुआ था। उस दिन जनरल बॉडी मीटिंग के नोटिस पर अध्यक्ष ने थम्स अप भी किया था।
वहीं, बीएसएल आफिसर्स आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एके सिंह का कहना है कि चार्ज हैंडओवर करने की तारीख कैंसिल करने के पीछे का कारण है। यह बहुत लोगों को पता नहीं है। इसलिए गलत जानकारी साझा की गई है। गेस्ट हाउस कांड भी एक बड़ी वजह है। जब तक हैंडओवर-टेक ओवर की बात है, मैं कई बार बोल चुका हूं, काम शुरू कीजिए। लेकिन वह काम नहीं कर रहा है। गेस्ट हाउस बुकिंग पर अजय पांडेय को प्रबंधन को चिट्ठी मिला है।
बोकारो के अधिकारियों की जुबान पर तरह-तरह की चर्चा
आज पुनः BSOA के अध्यक्ष के इस रवैए की चर्चा बोकारो के अधिकारियों के जुबान पर चल रही है। और अगले आदेश तक हैंड ओवर टेक ओवर को टाल दिया गया है।
विदित हो कि BSOA के संविधान के अनुसार चुनाव जून में ही होना चाहिए था। सेफी के लाइन को फॉलो करना होता है।
महासचिव अजय पांडेय ने ये कहा…
-मैं पहली बार महासचिव निर्वाचित हुआ हूं।
-मुझे BSOA का कोई चार्ज नहीं मिला है।
-ताला चाबी या संपत्ति पुरानी कमेटी के पास ही है।
-जनता पुरानी कमेटी से जबाव मांगेगी।
-ऑडिट अकाउंट कैसे सही होता है ये जरूर जान लिया जाए।
-BSOA के अकाउंट से कोई लेन देन नियम: अब वर्जित है। यदि होता है तो इसके लिए संबंधित व्यक्ति अकाउनेटेबल होगा।