-जिला इंटक के जनरल सेक्रेटरी एसबी सिंह का कहना है कि कलेक्टर से मांग किया जाएगा कि मजदूरों को वापस लिया जाए। रोजी-रोटी की समस्या है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। जेपी सीमेंट ( JP Cement) पर एक बार फिर किसी और का अधिकार हो गया है। अल्ट्राटेक के बाद अब डालमिया (Dalmia Company) टेक ओवर करने की प्रक्रिया में है। भिलाई स्थित प्लांट के बाहर मजदूरों ने प्रदर्शन किया। काम से निकाले गए मजदूरों की मांग है कि उन्हें दोबारा काम पर रखा जाए।
वहीं, दुर्ग जिला इंटक ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कंपनी पर दबाव बनाने की बात कही है, ताकि डालमिया कंपनी कामकाज शुरू करने से पहले मजदूरों को नौकरी पर रखें। जिला इंटक के जनरल सेक्रेटरी एसबी सिंह का कहना है कि कलेक्टर से मांग किया जाएगा कि मजदूरों को वापस लिया जाए। रोजी-रोटी की समस्या है।
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति के देवेंद्र सोनी ने बताया कि जेपी सीमेंट को डालमिया ने खरीद लिया है। भिलाई कारखाना के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में मुख्य रूप से जेपी सीमेंट से निकाले गए कर्मचारियों को पुनः काम पर वापस लेने का का नारा लगाया गया।
श्रमिक नेता कलादास डहरिया ने बताया कि 2016 से 142 मजदूरों को काम से निकाल दिया गया है, जो मजदूर आज तक इंतजार में बैठे हैं कि उन्हें दोबारा काम पर लिया जाएगा। डालमिया कंपनी द्वारा अप्रैल या मई से उत्पादन शुरू हो सकता है। ऐसी स्थिति को देखते हुए मजदूरों ने प्रबंधक को याद दिलाने के लिए गेट के सामने प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रबंधक को आवेदन सौंपने गए तो वहां कहा गया कि रजिस्ट्री के जरिए मांग पत्र भेजिए। फिर प्रबंधक ने एक साथी को बात करने के लिए बुलाया। यूनियन की तरफ से कहा गया कि हमारी एक ही मांग है कि डालमिया उत्पादन शुरू करता है तो सबसे पहले निकाले हुए 142 मजदूरों की पहली प्राथमिकता होगी।
अगर इन मजदूरों को नहीं लिया जाएगा तो उत्पादन शुरू होने के पहले आंदोलन तेज कर दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में लोकतांत्रिक इस्पात एवं इंजीनियरिंग मजदूर यूनियन से सुरेंद्र मोहंती, देवेंद्र सोनी, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति एवं जिला किसान संघ से रमाकांत बंजारे, महिला मुक्ति मोर्चा से मीरा डेहरिया ने अपने वक्तव्य रखें।
धरना में जेपी सीमेंट के श्रमिक बंधन सोनी, मनीष, उत्तरा ने भी अपनी बात रखी। इसके अलावा वेंकट, नरोत्तम, राकेश, राजाराम, राजेंद्र, रामकुमार आदि मजदूरों ने प्रदर्शन में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन कलादास डेहरिया ने किया। वहीं, जेपी सीमेंट प्लांट प्रबंधन की ओर से इस बाबत कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
भिलाई स्टील प्लांट और जेपी सीमेंट का रिश्ता
भिलाई स्टील प्लांट की जमीन पर जेपी सीमेंट का कारखाना है। बताया जा रहा है कि 2016 में जेपी सीमेंट की हालत खराब होने पर कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। उस वक्त 242 को 132 लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया था। इसके बाद बिड़ला ग्रुप ने जेपी सीमेंट को टेकओवर किया तो दोबारा प्लांट चालू हुआ, लेकिन मजदूरों को काम पर नहीं रखा गया। अब डालमिया सीमेंट के आने के बाद काम से निकाले गए मजदूर हक की आवाज बुलंद कर रहे हैं।
तो क्या 5,666 करोड़ में बिका जेपी सीमेंट
बताया जा रहा है कि जयप्रकाश एसोसिएट्स लि. (जेएएल) और उसकी समूह कंपनियों ने सीमेंट कारोबार का बचा हिस्सा डालमिया भारत को बेचने की घोषणा की थी। यह बिक्री 5,666 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर की गई है। जेपी समूह कर्ज घटाने की अपनी रणनीति के तहत उठाये गये इस कदम के साथ सीमेंट कारोबार से हट गया है।
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डालमिया भारत ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा था कि उसकी पूर्ण अनुषंगी डालमिया सीमेंट भारत लि. (डीसीबीएल) ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लि. तथा उसकी संबद्ध कंपनियों से क्लिंकर, सीमेंट और बिजली संयंत्र के अधिग्रहण को लेकर पक्का समझौता किया है। यह कंपनी के वित्त वर्ष 2026-27 तक 7.5 करोड़ टन और 2030-31 तक 11 से 13 करोड़ टन क्षमता की सीमेंट कंपनी बनने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
5400 करोड़ में अल्ट्राटेक ने खरीदा था
सीमेंट इंडस्ट्री के जानकार बता रहे हैं कि छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, कनार्टक, यूपी, हिमाचल प्रदेश के जेपी सीमेंट प्लांट को आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक ने खरीद था। कर्ज की वजह से जेपी और अल्ट्राटेक के बीच प्लांट और निर्माणाधीन प्लांट का 5400 करोड़ में सौदा हुआ था। सीमेंट कारखानों को करीब 17 करोड़ में खरीदने की घोषणा हुई थी। सौदे में 40 लाख टन क्षमता का एक निमार्णाधीन कारखाना भी शामिल था, जिसकी कीमत करीब 500 करोड़ मानी गई थी।