डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र: EPFO की EPS पेंशनभोगियों को बड़ी राहत, पेंशन चाहिए तो चेहरे से पहचान कराइए

इस तकनीक के उपयोग पर एक विस्तृत वीडियो ईपीएफओ के आधिकारिक यूट्यूब हैंडल @SOCIALEPFO पर उपलब्ध है।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) से अच्छी खबर है। ईपीएफओ सदस्यों खासतौर से पेंशन के लिए ईपीएफओ (EPFO) ने ईपीएस पेंशनभोगियों द्वारा चेहरे से पहचान (फेस ऑथेंटिकेशन) तकनीक का उपयोग करने की सुविधा दी है।

देश में 78 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं, जिन्हें पेंशन पाते रहने के लिए हर साल जीवन प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। पहले उन्हें भौतिक जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए बैंकों में जाना पड़ता था, जिसमें कई तरह की परेशानियां होती थीं।

डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी)

ईपीएफओ ने 2015 में अपने पेंशनभोगियों का जीवन आसान बनाने के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) को अपनाया। ईपीएफओ ईपीएस पेंशनभोगियों से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के आधार पर डीएलसी स्वीकार करता है।

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बायोमेट्रिक आधारित डीएलसी जमा करने के लिए पेंशनभोगी को किसी भी बैंक, डाकघर, कॉमन सर्विस सेंटर या ईपीएफओ कार्यालय की शाखा में जाने की आवश्यकता होती है क्योंकि वहां फिंगरप्रिंट/आईरिस कैप्चर डिवाइस उपलब्ध है।

फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी

बुजुर्गों को बैंक/डाकघर आदि में शारीरिक रूप से जाने में होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए, एमईआईटीवाई और यूआईडीएआई ने फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (एफएटी) विकसित की है, जिसके तहत चेहरा पहचान तकनीक का इस्तेमाल जीवन प्रमाण पत्र के प्रमाण के लिए किया जा सकता है।

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एंड्रॉइड आधारित स्मार्टफोन का उपयोग

ईपीएफओ ने जुलाई, 2022 में इस तकनीक को अपनाया। इससे पेंशनभोगियों द्वारा अपने घरों से डीएलसी जमा करने की एक पूरी तरह से नई प्रक्रिया शुरू हुई और उनके लिए यह प्रक्रिया आसान और सस्ती हो गई। इससे बुजुर्ग किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्टफोन का उपयोग कर प्रक्रिया को पूरी कर सकते हैं और बुढ़ापे में बैंक, डाकघर आदि जाने की परेशानी से बच सकते हैं।

इस पद्धति से पेंशनभोगी की पहचान उनके घर बैठे ही स्मार्टफोन कैमरे का उपयोग करके चेहरे के स्कैन द्वारा की जा सकती है। यह प्रमाणीकरण यूआईडीएआई फेस रेकग्निशन ऐप का उपयोग करके यूआईडीएआई के आधार डेटाबेस से किया जाता है।

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2023-24 में 6.6 लाख लोगों को लाभ

ईपीएफओ में इसकी शुरुआत के बाद से, 2022-23 में 2.1 लाख पेंशनभोगियों द्वारा फेशियल ऑथेंटिकेशन तकनीक आधारित डीएलसी जमा किए गए हैं, जो 2023-24 में बढ़कर 6.6 लाख हो गए, जो इस तकनीक के उपयोग में साल-दर-साल 200 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

यह भी उल्लेखनीय है कि 2023-24 में 6.6 लाख एफएटी आधारित डीएलसी वर्ष के दौरान प्राप्त कुल डीएलसी का लगभग 10 प्रतिशत है। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान पेंशनभोगियों से कुल मिलाकर लगभग 60 लाख डीएलसी प्राप्त हुए थे।

“आधार फेस आरडी” और “जीवन प्रमाण” इंस्टॉल करें

चेहरे से पहचान की पद्धति के उपयोग के लिए अपने स्मार्टफोन में दो एप्लिकेशन, अर्थात “आधार फेस आरडी” और “जीवन प्रमाण” इंस्टॉल करने की आवश्यकता होती है। इन एप्लिकेशन के लिए ऑपरेटर का प्रमाणीकरण आधार से जुड़े मोबाइल नंबरों के माध्यम से किया जाता है। सफल फेस स्कैन सुनिश्चित करने के लिए ऐप्स में विस्तृत दिशानिर्देश दिए गए हैं।

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स्कैन पूरा होने के बाद, जीवन प्रमाण आईडी और पीपीओ नंबर के साथ मोबाइल स्क्रीन पर डीएलसी सबमिशन की पुष्टि हो जाती है, जिससे घर बैठे ही यह प्रक्रिया सुविधाजनक तरीके से पूरी हो जाती है।

यूट्यूब हैंडल @SOCIALEPFO से भी लें मदद

ईपीएस पेंशनभोगियों के डीएलसी के लिए इस अभिनव और सुविधाजनक तकनीक का उपयोग जुलाई, 2022 में ईपीएफओ के सॉफ्टवेयर में जोड़ा गया था। यह सुनिश्चित करने के लिए कि नई पद्धति अधिक से अधिक पेंशनभोगियों के बीच लोकप्रिय हो, सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को विस्तृत निर्देश जारी किए गए थे।

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इस प्रक्रिया को न केवल क्षेत्रीय कार्यालयों में, बल्कि जनवरी, 2023 से पूरे भारत के सभी जिलों में आयोजित किए जा रहे ‘निधि आपके निकट’ कार्यक्रम के दौरान भी पेंशनभोगियों को नियमित रूप से समझाया जाता है। इस तकनीक के उपयोग पर एक विस्तृत वीडियो ईपीएफओ के आधिकारिक यूट्यूब हैंडल @SOCIALEPFO पर उपलब्ध है।