Election Effect Breaking: रायपुर के महापौर खतरे में, ढेबर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, दर्जन भर कांग्रेसी पार्षद भी समर्थन में

  • राजधानी की शहर सरकार में तख्ता पलटने भाजपा पार्षद दल लामबंद है। चर्चा है कि इसमें दर्जन भर कांग्रेसी पार्षद भी महापौर को हटाने की  कवायद में शामिल हैं।  

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ में रविवार को आए विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के परिणाम के बाद सदन की स्थिति बदल जाएगी। लगभग तीन-चौथाई बहुमत के साथ सत्ता संभाल रही कांग्रेस अब विपक्ष में बैठेगी। तो पांच साल पहले सिर्फ 15 सीट पर सिमटी भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब प्रदेश की सत्ता संभालेगी।

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सत्ता हस्तांतरण की स्थिति साफ होने के बाद से ही प्रदेश की प्रशासनिक स्तर से लेकर राजनैतिक परिदृश्य बदल रही है। तो दूसरी ओर प्रदेश के नगर निगमों में भी हालात कांग्रेस के लिए विपरीत दिख रहे है।

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मिल रही जानकारी की मानें तो राजधानी स्थित प्रदेश के सबसे बड़े रायपुर नगर निगम में महापौर को हटाने की कवायद चल रही है। महापौर कांग्रेसी है। राजधानी की शहर सरकार में तख्ता पलटने भाजपा पार्षद दल लामबंद है। चर्चा है कि इसमें दर्जन भर कांग्रेसी पार्षद भी महापौर को हटाने की  कवायद में शामिल हैं।

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आज होगी महत्वपूर्ण बैठक

प्रदेश में चुनाव परिणाम आने के बाद अब निगम में भी राजनीतिक उठापटक का दौर शुरू हो चुका है। रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर की कुर्सी संकट में है। मंगलवार को भाजपा पार्षद दल की बैठक होगी। इसमें कुछ कांग्रेस के पार्षद भी समर्थन दे रहे है।

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राजधानी से कांग्रेस का हो चुका है सफाया

विधानसभा चुनाव के बाद राजधानी से कांग्रेस का सफाया हो चुका है। राजधानी की चारों विधानसभा के साथ ही रायपुर जिले की सातों विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने कब्जा जमा लिया है। शहर की चारों विधानसभा क्षेत्र के 70 वार्ड में मिली करारी पराजय के बाद कांग्रेस के पार्षदों में भी महापौर के प्रति आक्रोश हैं।

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भाजपा पार्षद दल इस मौके को लपकने  के चक्कर में है। इसे लेकर मंगलवार को भाजपा पार्षद दल की दोपहर में बैठक होगी। इसमें महापौर एजाज ढेबर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के  संदर्भ में संवाद किया जाएगा।

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सूत्र बता रहें है कि कांग्रेस के कुछ पार्षद भी इस वक्त भाजपा के समर्थन में दिख रहे है। अब मंगलवार को यह स्पष्ट हो जाएगा कि बीजेपी  अविश्वास प्रस्ताव पर किस तरह आगे बढ़ती हैं और बीजेपी के पक्ष में दिख रहे कांग्रेस के पार्षदगण कितना फेवर करते है यह पिक्चर मंगलवार को क्लियर हो जाएगी।

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अविश्वास के लिए आवश्यक हैं एक-तिहाई बहुमत

जानकारों की मानें तो अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एक-तिहाई पार्षदों का समर्थन की आवश्यकता पड़ती हैं। इसे पारित कराने के लिए बहुमत लाना आवश्यक हो जाता हैं।

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31 पार्षद है भाजपा के पास

70 सदस्यों वाले रायपुर नगर निगम में बीजेपी के पास वर्तमान में 31 पार्षद हैं। नगरीय निकाय चुनाव में 29 सीट जीतने वाली बीजेपी के पाले में दो निर्दलीय पार्षदों के शामिल होने के बाद आंकड़ा 31 हो गया था। साथ ही कांग्रेस के दस से अधिक पार्षद भी महापौर को हटाने के फेवर में है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए बीजेपी बहुमत से काफी अधिक हैं।

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