
- निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए इस बेकार ईपीएफओ योजना को बंद करने के लिए लड़ें।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। Employees Provident Fund Organization-EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ पर एक बार फिर सवाल उठाए गए हैं। सीबीटी बैठक को लेकर तरह-तरह की बातें पेंशनभोगी कर रहे हैं। पेंशनर Rajendra P. Srivastava का कहना है कि ये बैठक केवल ईपीएफओ का गुणगान के लिए होती है, जो कहते हैं उस पर कोई बात नहीं की जाती है।
ना ही किए गए वादे को पूरा किया जाता है। कोई आदर्श नहीं है। मुफ्त का पेंशन लेते है और ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) के सदस्यों से अंशदान लेकर सम्मानजनक पेंशन नहीं देते। यदि वादा पूरा नहीं करना है तो सदस्यों से ली गई अंशदान को वापस क्यों नहीं करते।
सरकार का सलोगन भी सार्थक नहीं दिखता है। बेहद दुःखदायी स्थिति बना रखा है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र जी को लाए, लेकिन रामराज्य की कल्पना साकार नहीं दिखती है। प्रभु श्री राम ही जाने और ईपीएस 95 पेंशनधारकों पर कृपा बनाए रखें। ये सरकार कुछ नहीं करेगी,विश्वास नहीं करना चाहिए।
पेंशनभोगी त्रिपुरारी सरन कहते हैं-मिनिमम कुछ नहीं, 1000 पर जिन्दा रहना है। 12% देने के बाद वृद्धा पेंशन दे दो हरियाणा में जो सरकार द्वारा दी जा रही है।
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रंजीत कुमार पाढी ईपीएफओ पर भड़के हुए हैं। पेंशन वृद्धि पर कहा-यह सच हो सकता है या नहीं। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए इस बेकार ईपीएफओ योजना को बंद करने के लिए लड़ें। सरकार अपने आप ही झुक जाएगी। सी उन्नीकृष्णन ने कहा-फिर से पेंशनभोगियों को बेवकूफ बनाना शुरू कर दिया गया।
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