
- अगर ईपीएफओ अवैध रूप से काम करता है, तो ईपीएफओ को खत्म कर दिया जाना चाहिए।
- कॉर्पस फंड को पीएफ धारकों और ईपीएफ 95 पेंशनभोगियों को वापस किया जाना चाहिए।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। देश में भ्रष्टाचार के कई केस सामने आने के बाद अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Pension) पर पेंशनभोगियों ने सीधा हमला बोल दिया है। ईपीएफओ फंड को लेकर सवाल उठाए गए हैं। इसका प्रबंधन कैसे हो रहा है। कहां-कहां पैसा लगाया जा रहा है। तमाम सवालों के साथ जांच की मांग की गई है।
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पेंशनभोगी Gautam Chakraborty ने कहा-संगठन द्वारा संदिग्ध लेनदेन, ईपीएफओ के फंड क्रंच के नकली दावे आदि की जांच होनी चाहिए, ताकि पता लगाया जा सके कि वे धन का प्रबंधन कैसे कर रहे हैं। यह लगभग CERTAIN है। पर्दे के पीछे एक बड़ा घोटाला हो रहा है।
अफ़सोस की बात है कि एक ऐसा गैर-अस्तित्व वाला विपक्ष है, जिसका कोई करिश्माई नेता नहीं है, जो ईपीएफओ और इसमें शामिल राजनीतिक नेताओं को बेनकाब कर सके। मीडिया से अपील की गई है कि स्टिंग ऑपरेशन करें और अपराधियों को बेनकाब करें। सुप्रीम कोर्ट से भी संज्ञान लेने की मांग की गई है। गरीब पेंशनभोगी गरीबी में डूब रहे हैं। न्यायपालिका को जांच शुरू करनी चाहिए कि ईपीएफओ द्वारा विशाल निधि का प्रबंधन कैसे किया जाता है।
एक अन्य पेंशनभोगी दक्षिणायुर्थी एच ने कहा-ईपीएफओ का गठन पीएफ अंशदाताओं के सामाजिक कल्याण के लिए है। इस तरह बनाया गया फंड ब्याज सहित रिफंड के लिए है। साथ ही पेंशन फंड में योगदान किए गए हिस्से को पेंशन यानी ईपीएफ पेंशन के वितरण के लिए भी है। इस तरह बनाए गए कॉर्पस फंड का इस्तेमाल केवल ईपीएफ, पेंशनभोगियों और पीएफ धारकों के कल्याण के लिए ही किया जाना चाहिए, अन्य उद्देश्यों के लिए नहीं।
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ईपीएफओ को अपना वेतन और अन्य खर्च सरकार से लेना होता है। विस्तृत जांच की जानी चाहिए और ईपीएफओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर ईपीएफओ अवैध रूप से काम करता है, तो ईपीएफओ को खत्म कर दिया जाना चाहिए। कॉर्पस फंड को पीएफ धारकों और ईपीएफ 95 पेंशनभोगियों को वापस किया जाना चाहिए।
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