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SAIL बोनस पर प्रबंधन की घेराबंदी शुरू, CITU ने छेड़ा अभियान

SAIL बोनस पर प्रबंधन की घेराबंदी शुरू, CITU ने छेड़ा अभियान

सीटू के पदाधिकारी हर कर्मचारी तक पहुंचने में जुटे। फीडबैक लेकर आगे की रणनीति का रास्ता हो रहा साफ।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल बोनस को लेकर बवाल बढ़ता जी जा रहा है। प्रबंधन ने कर्मचारियों के खाते में 23 हजार रुपए डाल दिया है, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया जा रहा है।

प्रबंधन के एकतरफा फैसले के खिलाफ सीटू ने अभियान शुरू कर दिया है। भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों के बीच यूनियन पदाधिकारी पहुंचे और पूरे घटनाक्रम पर बातचीत कर रहे हैं। कर्मचारियों से फीडबैक लेकर आगे की रणनीति का रास्ता साफ कर रहे हैं।

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कार्यालय सचिव अशोक खातरकर ने बताया कि सेल प्रबंधन ने बोनस फार्मूला तय करने के लिए 8 फरवरी 2023 को बैठक बुलाई थी, जिसमें प्रबंधन ने बेस वैल्यू के लिए जो फार्मूला पेश किया वह सिरे से ही गलत था। इसके कारण सीटू ने उस बोनस फार्मूले पर दस्तखत करने से मना कर दिया था।

इसके बाद उस बोनस फार्मूले को खारिज करने के लिए हस्ताक्षर अभियान से लेकर कई प्रदर्शनों को आयोजित किया गया। अब जब 17 अक्टूबर को बोनस की राशि तय करने के लिए दिल्ली में बैठक आयोजित की गई, तो प्रबंधन में इस फार्मूले का हवाला देकर गणना के आधार पर 22579 रुपए का प्रस्ताव रखा।

इस प्रस्ताव के साथ ही सब को समझ में आ गया कि सीटू ने बोनस फार्मूले का क्यों विरोध कर रहा था और क्यों इस फार्मूले पर हस्ताक्षर करने के लिए मना कर रहा था। जब सभी यूनियनों ने संयुक्त रूप से बोनस फार्मूले एवं उस पर बनने वाली राशि का विरोध कर दिया तो प्रबंधन ने अंतिम प्रस्ताव के रूप में 23000 रुपए का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी यूनियनों में ठुकरा दिया।

प्रबंधन ने 23000 रुपए सभी के खाते में भेज दिया है। प्रबंधन के इस एक तरफा निर्णय के खिलाफ सीटू के स्टील फेडरेशन में निर्णय लेकर सभी संयंत्रों में अभियान शुरू किया गया है।

खाते में पैसा डाल देने से नहीं होने वाला है बोनस का मामला शांत

महासचिव जेपी त्रिवेदी का कहना है कि बोनस में मिलने वाली राशि पर समझौता किए बिना ही प्रबंधन ने चालाकी दिखाते हुए पूजा का बहाना करके 20 अक्टूबर के आधी रात से कर्मियों के खाते में 23000 डाल कर मामले को शांत करने की कोशिश किया है।

प्रबंधन को शायद यह लगा कि खाते में पैसा पहुंच जाने से कर्मियों का ध्यान बोनस पर से हट जाएगा एवं पूरा मामला शांत हो जाएगा। किंतु सीटू ने स्पष्ट कहा है कि प्रबंधन इस मुगालते में ना रहे कि कर्मियों के खाते में पैसा डालकर उन्हें गुमराह कर दिया गया है। बोनस के फार्मूला को बदलने एवं परफॉर्मेंस के आधार पर उचित बोनस लेने के लिए संघर्ष तेज होगा।

कर्मियों की नाराजगी के बीच सीटू ले रहा है फीडबैक

उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्‌डी का कहना है कि प्रबंधन के द्वारा की गई कल्पनाओं के विपरीत बोनस की राशि खाते में आने से कर्मचारियों का गुस्सा और ज्यादा बढ़ गया है।

आज जब सीटू के सदस्य रेल मिल के ब्लूम यार्ड के कर्मियों के साथ बैठक करने के बाद जब बार एंड रॉड मिल पहुंचे तो वहां के कुछ कर्मी बोनस की राशि को लेकर बहुत ही नाराज हुए। कहने लगे कि 8 फरवरी को बनाए गए बोनस फार्मूले के बाद क्या सीटू को पता नहीं था कि बोनस कितना मिलेगा?

इस पर सीटू नेता द्वारा स्पष्ट किया गया कि बेस वैल्यू तय करने के लिए जो फार्मूला बनाया गया था, उससे ही यह स्पष्ट हो गया था कि बोनस 27000 से कम मिलेगा। इसीलिए सीटू एवं एटक ने इस फार्मूले पर हस्ताक्षर ना करते हुए अन्य यूनियनों को भी इस फार्मूले पर हस्ताक्षर करने से सभी को मना किया था।

साथ ही साथ फॉर्मूला बनने के बाद से ही इस फार्मूला को खारिज करने के लिए अभियान चलता रहा है। हालांकि सीटू द्वारा प्रचार करने के बावजूद इन विरोध अभियानों में लोगों की उपस्थिति बहुत कम रही।

अब फार्मूले की सच्चाई समझ में आने के बाद सभी यूनियनों ने संयुक्त रूप से इस फार्मूले को खारिज करने एवं नए सिरे से फॉर्मूले पर चर्चा कर बोनस निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं। फीडबैक के बाद बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर प्रबंधन पर दबाव बनाने के लिए आंदोलनात्मक गतिविधियां शुरू होगी।