- नियोक्ता और कर्मचारी का योगदान कर्मचारी के मूल वेतन और DA का 12 प्रतिशत होता है। नियोक्ता के योगदान से 03.67 प्रतिशत EPF खाते में और शेष 08.33 प्रतिशत पेंशन फंड में जमा हो जाता है।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। अपने PF के बारे में ये जानते हैं आप? EPF स्कीम 1952 और इसके अंतर्गत एडवांस का प्रापधान है। साथ ही समय-समय पर इसमें जरूरी बदलावों को लागू किया गया है। इसके बारे में @Suchnaji.com पर हम आपको विस्तार से बताएंगे…। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization (EPFO)) के नियमों को सरल भाषा में समझिए।
आज हम आपको आर्टिकल की सीरीज में EPF स्कीम (EPF Scheme) और इसके लाभों के बारे में विस्तार से बताएंगे। EPF क्या है? यह स्कीम EPF एक्ट 1952 के तहत लागू की गई पहली सामाजिक सुरक्षा योजना है। यह एक नवंबर 1952 से प्रभावी हुई थी। EPF अधिनियम (EPF Act) के अंतर्गत कवर्ड प्रतिष्ठान के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर या नौकरी छोड़ने के बाद भविष्य निधि का लाभ मिलता है। EPF स्कीम (EPF Scheme) के तहत सेवा में रहते हुए सदस्यों को विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एडवांसेस यानी आंशिक निकासी की सुविधा भी मिलती है।
इस स्कीम का उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा के साथ लोगों में बचत की भावना पैदा करना भी है। इस स्कीम का लाभ किसी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके आश्रित या नामित को मिलता है। EPF स्कीम (EPF Scheme) में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान होता है। EPF खाते में जमा राशि पर प्रतिवर्ष घोषित दरों पर ब्याज जमा किया जाता है।
यह ब्याज गारंटीड है और एक निर्धारित सीमा तक इनकम टैक्स से छूट प्राप्त है। यह योजना अधिनियम के अंतर्गत सूचीबद्ध उन औद्योगिक और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर लागू होती है, जहां 20 या इससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। हालांकि सिनेमा प्रतिष्ठानों में यह पांच या इससे अधिक कर्मचारियों पर ही लागू हो जाती है। इस स्कीम की कवरेज के बारे में विस्तार से जानकारी के लिए Suchnaji.com के अन्य आर्टिकल पढ़ सकते है।
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यह है कर्मचारी और नियोक्ता के अंशदान का फॉर्मूला
इस योजना में नियोक्ता और कर्मचारी का योगदान कर्मचारी के मूल वेतन और DA का 12 प्रतिशत होता है। नियोक्ता के योगदान से 03.67 प्रतिशत EPF खाते में और शेष 08.33 प्रतिशत पेंशन फंड में जमा हो जाता है। कुछ विशेष प्रतिष्ठानों के लिए नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के अंशदान की दर 10 प्रतिशत है।
EPF योजना में एडवांस के प्रकार
इस स्कीम के तहत सेवाकाल में या जॉब में रहते हुए एडवांस लेने का प्रावधान है। ये एडवांस कितने प्रकार के है और किन परिस्थितियों में लिए जा सकते है, आइए इस पर भी एक नजर डालते है…।
01) EPF स्कीम के विभिन्न पैरा के अंतर्गत प्लॉट या फ्लैट खरीदने, मकान के निर्माण या मरम्मत आदि के लिए एडवांस।
02) विशेष मामलों जैसे बेरोजगारी, प्रतिष्ठान बंद होना और दो महीने से अधिक रोजगार न मिलने पर एडवांस।
03) स्वयं या परिवार के किसी सदस्य की अस्वस्थता की स्थिति में एडवांस।
04) विवाह या पोस्ट मैट्रिक शिक्षा के लिए एडवांस।
05) प्राकृतिक आपदाओं के मामले में एडवांस जैसे कोविड के समय विशेष एडवांस।
06) बिजली आपूर्ति में कटौती की स्थिति में एडवांस।
07) शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति द्वारा उपकरणों को खरीदने के लिए एडवांस।
08) 54 साल या इससे ज्यादा उम्र प्राप्त करने के बाद और सेवानिवृत्ति से एक साल पहले कुल जमा शेष का 90 प्रतिशत एडवांस आदि।
एडवांसेज ‘उमंग एप’ से लें, आइए जानते है संशोधनों के बारे में…
01) साल 2020 में कोविड महमारी की वजह से लोगों को काफी परेशानियां हुई। ऐसे में उन्हें अकस्मात पैसों की जरूरत पड़ी। इसको देखते हुए नॉन रिफंडेबल विशेष कोविड एडवांस का प्रावधान किया गया है।
02) इससे पहले साल 2018 में एक महीने से अधिक बेरोजगारी की स्थिति में नॉन रिफंडेबल एडवांस का प्रावधान किया गया।
03) साल 2017 में इलेक्ट्रॉनिक अथवा डिटिजल माध्यम (Electronic or Digital Medium) से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का प्रावधान किया गया।
04) साल 2015 में इंटनेट बैंकिंग (Internet Banking) के माध्यम से अंशदान जमा करना अनिवार्य किया गया।
तो यह थी जानकारी EPF योजना (EPF Scheme) और इसके लाभों की। हमें उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही स्कीमों और उनके बदलावों के बारे में जानने आप लगातार Suchnaji.com News पढ़ते रहिए और शेयर करते रहिए।