- 16 नवंबर 1995 से 31 अगस्त 2014 तक के दिन को फॉर्मूला C में मर्ज किया गया है।
अज़मत अली, भिलाई। EPS 95 हायर पेंशन के लिए ईपीएफओ (EPFO) ने जो फॉर्मूला बनाया था, उसमें बदलाव किया गया है। बदलाव से पेंशनर्स (Pensioners) को अधिक लाभ मिलने वाला है। पहले के फॉर्मूले को मर्ज किया गया है, जिससे गणना करना भी आसान हो गया है। साथ ही अधिक एरियर का भी रास्ता खुल गया है।
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ईपीएफओ (EPFO) ने पूर्व में पेंशन गणना के लिए 4 फॉर्मूला तय किया था। A, B, C और D फॉर्मूला था। अब ए और सी को मर्ज कर दिया गया है। पहले नंबर ऑफ डे दो पार्ट में था। अब एक ही पार्ट् में शामिल हो गया है। 16 नवंबर 1995 से 31 अगस्त 2014 तक के दिन को फॉर्मूला C में मर्ज किया गया है।
पेंशनेबल सैलरी और 2 साल का बोनस
पेंशनेबल सैलरी (pensionable salary) के लिए सर्विस के आखिरी के 60 माह के वेतन का औसत लिया जाता है। जिस तारीख को 58 साल पूरा हो रहा है, वहां से पहले 60 माह का औसत बेसिक-डीए पेंशनेबल सैलरी के रूप में लिया जाएगा। 2 साल के बोनस के मामले में पहले, जिधर सर्विस ज्यादा थी, उधर की औसत सैलरी ले रहे थे। अब आखिरी के 60 माह के वेतन के औसत पर ही बोनस यानी वेटेज मिलेगा।
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जानिए EPS 95 फॉर्मूला A और C में क्या है
फॉर्मूला A: पेंशनेबल सैलरी को पेंशनेबल सर्विस (Upto 31-08-2014) से गुणा करके 25550 (70 गुणे 365) से भाग देना।
फॉर्मूला C: पेंशनेबल सैलरी को पेंशनेबल सर्विस (After 31-08-2014) से गुणा करके 25550 (70 गुणे 365) से भाग देना।
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EPS 95 उच्च पेंशन फॉर्मूला A और C मर्ज करने से ये फायदे
-सीटू भिलाई के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी के मुताबिक EPS 95 उच्च पेंशन (Higher Pension) फॉर्मूला A और C मर्ज करने से कई फायदे पेंशनर्स को होंगे।
-सबसे बड़ा फायदा यह है कि दिनों की संख्या बढ़ गई है।
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-आखिरी के 60 माह के औसत वेतन लेने से पेंशन बढ़ जाएगी।
-पेंशनर्स को अधिक एरियर का लाभ मिल सकेगा।
-2020, 21, 22 में जिनका 58 साल हुआ, उनको बढ़ी पेंशन और एरियर का लाभ मिलेगा।