- KYC में आधार, पैन, मोबाइल नंबर क्यों है इंक्लूड, समझिए।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। आज के दौर में KYC की उपयोगिता बढ़ चुकी है। हर जगह KYC को जरूरी कर दिया गया है। चाहें राशन कार्ड रिन्यूअल हो या फिर अपने बैंक एकाउंट में कुछ प्रोसेस करना हो। सभी जगह बगैर KYC के प्रोसेस कंप्लीट ही नहीं हो पाता। आखिर KYC का उद्देश्य क्या है?
इसकी उपयोगिता क्या है? इसे कंपल्सरी क्यों कर दिया गया? जानें इम्पॉर्टेंट बातें। साथ ही EPFO ने इसमें क्यों ज्यादा जोर दिया है जैसी तमाम बातों पर @Suchnaji.com News आपको डिटेल में बताने जा रहा है।
KYC का उद्देश्य क्या है कि उससे हर एक सदस्य को दूसरे सदस्य से अलग बनाया जाए। इसमें कोई किसी तरह का प्रवेश या सेंधमारी, जांच करना या खंगालने का काम न कर पाए। इसलिए EPFO के द्वारा इसे उक्त कर्मचारी के आधार कार्ड से लिंक कर दिया जाता है, ताकि उसकी पूरी प्राइवेसी बनी रहे।
किसी कर्मी या मेंबर की प्राइवेसी उसका निजी अधिकार है, इसमें कोई प्रवेश न कर पाए इसमें आधार कार्ड के अलावा आपके पैन कार्ड, मोबाइल नंबर को भी जोड़ा गया है। पैन को इसलिए जोड़ा गया है क्योंकि कुछ मामलों में इनकम टैक्स (Income Tax) का पेमेंट पर डिडक्शन होता है, तो पैन रहने पर डिडक्शन कम रेट पर होता है या फिर नहीं होता है जैसी भी कंडीशंस होगी।
मोबाइल को इसलिए जोड़ा जाता है, क्योंकि आपके क्रेडिट का मैसेज आपको लगातार मिलता रहे। आपके पास क्लेम अगर रिजेक्शन हुआ है या फिर रिटर्न हुआ है तो उसका भी मैसेज आपको मिले। साथ ही आप मोबाइल पर OTP पा, सकें जिससे आप अपने एकाउंट को एक्सेस कर पाएंगे। इसमें आपके अलावा कोई अन्य न एक्सेस कर पाएगा न ही आपकी गोपनीयता में प्रवेश कर पाएगा।