EPS 95 Higher Pension: PF ट्रस्ट विवाद होगा हल या सरकार देगी EPFO का साथ

  • मथुरा से सांसद हेमा मालिनी खुद पेंशन आंदोलन करने वाले पेंशनभोगियों को साथ लेकर पीएम मोदी के दरबार में पहुंची थीं।

अज़मत अली, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) को लेकर एक बार फिर से कवायद तेज होगी। उच्च वेतन पर उच्च पेंशन के लिए ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म जमा कि जा चुके हैं। डिमांड लेटर जारी हुआ और पैसा तक जमा हो चुका है। एक कार्मिक द्वारा अधिकतम करीब 40 लाख रुपए तक ईपीएफओ के खाते में जमा किए जा चुके हैं।

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स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के कर्मचारियों और अधिकारियों का पैसा वापस किया जा चुका है। पीएफ ट्रस्ट का विवाद है। इसको आधार बनाकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ ने खाते में जमा हो चुके पैसे को वापस कर दिया है।

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चुनाव की वजह से सारी कवायद थमी थी

ऐसी सूरत में कर्मचारियों और अधिकारियों की पेंशन पर विराम लगा हुआ है। लोकसभा चुनाव की वजह से सारा मूवमेंट थमा हुआ था। ईपीएफओ चुनाव में व्यस्त होने की बात बोल रहा था। वहीं, सरकार स्तर पर कुछ भी होना नामुमकिन था। अब नई सरकार बन रही है। शपथ ग्रहण के बाद मंत्री भी तय हो जाएंगे। इसके बाद ईपीएस 95 हायर पेंशन की फाइल को लेकर नए सिरे से कवायद होगी।

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सरकार से राहत या ईपीएफओ के साथ खड़ी रहेगी सरकार

अब देखना यह है कि जिन लोगों का पैसा वापस किया गया है। उन्हें सरकार से राहत मिलती है या ईपीएफओ के साथ सरकार खड़ी रहती है। पीएफ ट्रस्ट का मामला जब तक हल नहीं होता, तब तक पेंशन मिलनी नामुमकिन है।

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न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए की गुहार

वहीं, न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए को 7500 रुपए की मांग फिर से तेज होगी। पिछली मोदी सरकार से आश्वासन मिलता रहा, लेकिन पेंशन नहीं बढ़ी। मथुरा से सांसद हेमा मालिनी खुद पेंशन आंदोलन करने वाले पेंशनभोगियों को साथ लेकर पीएम मोदी के दरबार में पहुंची थीं।

बावजूद, कोई रिजल्ट नहीं निकल सका था। अब देखना यह है कि इस बार पेंशनर्स की पुकार सुनी जाएगी या मायूस किए जाएंगे। फिलहाल, सरकार गठन होने के बाद ही कुछ बात आगे बढ़ेगी।

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