- पेंशनर्स ने कहा-हमें एक और उम्मीद है।
- नई दिल्ली में भाजपा पार्टी की दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक होगी।
- भाजपा शासित राज्यों के सीएम से मुलाकात करें पेंशनर्स।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) को लेकर सरकार पर लगातार दबाव डाला जा रहा है। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी, ईपीएफओ और श्रम मंत्रालय को घेरा जा रहा है। 1000 रुपए न्यूनतम पेंशन पाने वाले बुजुर्गों की मांग है कि 7500 रुपए पेंशन की जाए।
पेंशनभोगी गौतम चक्रवर्ती लिखते हैं कि नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने वाले इंडिया ब्लॉक से बेहद निराश हूं। सात गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों ने लोकतंत्र में विपक्ष के महत्व के बारे में अपने गृह राज्यों से प्रवचन दिया।
अगर ऐसा था तो बहिष्कार क्यों? हम, ईपीएस 95 पेंशनभोगियों (EPS 95 Pensioners) ने विपक्षी नेताओं से उम्मीद लगाई थी कि वे नीति आयोग की बैठक में हमारी उचित मांग के बारे में बताएंगे और बुजुर्गों के लिए एक मानवीय पेंशन नीति बनाने में मदद करेंगे।
उनकी प्रतिनिधि, सीएम ममता बनर्जी का मीडिया सम्मेलनों और यहां तक कि वर्तमान बैठक जैसी महत्वपूर्ण बैठकों से बाहर निकलने का ट्रैक रिकॉर्ड है। उन्होंने वही किया जो वे करती हैं।
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पेंशनर्स ने कहा-हमें एक और उम्मीद है। बहुत जल्द, नई दिल्ली में भाजपा पार्टी की दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक होगी। भाजपा शासित राज्यों में हमारे एनएसी नेतृत्व से मेरी प्रार्थना है कि वे बैठक में भाग लेने वाले संबंधित मुख्यमंत्रियों को हमारी उचित मांगों का विवरण देते हुए ज्ञापन सौंपें।
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मुख्यमंत्रियों को वहां हमारी दुर्दशा पर चर्चा करने और स्वर्गीय अरुण जेटली जी द्वारा परिकल्पित ईपीएस 95 (EPS 95) के तहत पेंशन पर एक राष्ट्रीय नीति तैयार करने में मदद करने पर जोर देना चाहिए। इससे वृद्ध, अशक्त राष्ट्र-निर्माताओं को शारीरिक मृत्यु से बचाया जा सकेगा और भाजपा को आगामी विधानसभा चुनावों में राजनीतिक खाई में गिरने से बचाया जा सकेगा। उपचुनावों में हार दीवार पर लिखी गई बात है जिस पर पार्टी को गंभीरता से विचार करना चाहिए।