- पेंशनरों की समग्र एकजुटता से ही सरकार से सकारात्मक पहल की आशा की जा सकती है।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) और न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की मांग को लेकर सोशल मीडिया का पारा चढ़ा हुआ है। सरकार द्वारा दिए जा रहे आश्वासन से खासा नाराजगी है। हर कोई भड़ास निकाल रहा है। आचार संहिता लगने का डर सता रहा है। यह कहा जा रहा है कि आचार संहिता लगने से पहले फैसला नहीं हुआ तो भारी नुकसान पेंशनर्स को होगा।
16 फरवरी तक यदि उच्च पेंशन और न्यूनतम पेंशन का हल नहीं निकल पाया तो समझो भैंस गई पानी में। आचार सहिंता की तदर्थ तिथि यही बताई जा रही है। इसके पहले 31 जनवरी 2024 से सांसद में वजट सत्र आरंभ हो रहा है और 5 और 8 फरवरी 2024 को MoLE से संबंधित विषय पर क्रमशः राज सभा और लोकसभा में संसदीय प्रश्नोत्तरी के लिए समय मुकरर किया गया है…। पेंशन के मुद्दे पर सरकार के मन्तव्य की सही सही जानकारी इसके बात ही संभव हो सकेगी।
ये खबर भी पढ़ें : ESIC NEWS: 58 ट्रांसजेंडर संग 16 लाख श्रमिक रजिस्टर्ड, आपको भी मौका
यह बात को सोशल मीडिया पर Anil Kumar Namdeo ने पोस्ट किया है। उनका कहना है कि EPS 95 के जुझारू साथियों को अपनी रणनीति तदानुसार तय कर लेना उचित होगा।
लोकसभा के चुनाव अप्रैल 2024 होने की अधिसूचना तदर्थ रूप जारी की जा चुकी है। अब पेंशनरों की समग्र एकजुटता से ही सरकार से सकारात्मक पहल की आशा की जा सकती है।
इसी तरह एक अन्य पोस्ट पर पेंशनर्स ने लिखा-किसके लिए epfo खड़ा है? सामाजिक सुरक्षा के बारे में कभी नहीं सोचें, बल्कि केवल सामाजिक आपदा के बारे में सोचें! वे हमेशा बूढ़े लोगों की मौत का सपना देखते हैं। एक बार वे देश की कार्यकारी शक्ति थे!