EPS 95 Pension News: पेंशनर्स को बड़ा झटका, चुनाव में देंगे गच्चा

  • लिखा-कमांडर रावत और NAC को सुझाव कि तत्काल प्रभाव से मांग करना बंद करें।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। EPS 95 Pension News: श्रम और रोजगार मंत्री Bphupender Yadav की अध्यक्षता में 10 फरवरी को सीबीटी की बैठक हुई। न्यूनतम EPS 95 पेंशन में वृद्धि के लिए कोई फैसला होने की उम्मीद थी, लेकिन इस पर सब खामोश रहे। अपीलों को अपमानजनक रूप से नजरअंदाज कर दिया गया।

प्रधानमंत्री ट्राफी व SAIL छात्रवृत्ति शैक्षणिक सत्र 2023-2024: BSP कर्मचारी-अधिकारी के बच्चे करें आवेदन, पढ़िए डिटेल

एक पेंशनर्स ने सोशल मीडिया पर भड़ास निकालते हुए लिखा-वह कई वर्षों से हमारे सामने अपने पेटेंट झूठ के माध्यम से हमारे सामने मुहावरेदार गाजर को लटका रहे हैं। उम्मीद थी कि कागजी कार्रवाई खत्म होगी और हमारी न्यूनतम पेंशन बढ़ेगी।

BWU का तंज: NJCS बैठक में नियमित कर्मचारियों के मुद्दे पर सब मौन, BSP कर्मचारियों में हताशा

उनके अपने ही कैबिनेट सहयोगी प्रहलाद जोशी ने विरोध किया था कि न्यूनतम पेंशन 7500 तक बढ़ाना संभव नहीं है। निर्मला सीतारामन वरिष्ठ नागरिकों के लाभ के लिए किसी भी कदम के खिलाफ हैं। पेंशनर्स ने कहा-आखिरी आदमी पीएम मोदी हैं, जिन्होंने हमें दो बार आश्वासन दिया लेकिन पीछे हट गए।

SAIL NJCS: केंद्रीय पीएफ आयुक्त ने PF की गणना में AWA का पैसा शामिल करने से किया मना

सरकार के रवैये से नाराज पेंशनर्स ने सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया। लिखा-कमांडर रावत और NAC को मेरा सुझाव है कि तत्काल प्रभाव से मांग करना बंद करें। बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव में इन नेताओं को अपने संसदीय क्षेत्रों में हार सुनिश्चित करने के लिए पूरा ध्यान और प्रयास किया जाना चाहिए।

ये खबर भी पढ़ें : Breaking News: एरियर HRA, नाइट शिफ्ट एलाउंस पर SAIL NJCS की बैठक 20 से 25 फरवरी के बीच

Gautam Chakraborty ने EPS 95 Pension Frontline Fighters पर लिखा-आगामी लोकसभा चुनाव में मंत्री भूपेंद्र यादव, प्रहलाद जोशी, निर्मला सीतारामन और नरेंद्र मोदी को हराना NAC का सिंगल पॉइंट एजेंडा होना चाहिए।

ये खबर भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ बजट 2024: सीएम विष्णु देव साय सरकार का पहला बजट, वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने खोला पिटारा, पढ़िए किसे-क्या मिला

लगातार सोशल मीडिया का उपयोग इन नेताओं द्वारा किए गए झूठ और भ्रष्टाचार को बेनकाब करने के लिए किया जाना चाहिए, जिन्होंने हमें हमारे बकाया से वंचित किया। उनके कार्यकर्ता विरोधी रवैये को बेनकाब होना चाहिए। अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंदी प्रत्याशियों की मदद लें।

ये खबर भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ बजट 2024: इतिहास में पहली बार पेश होगा पेपरलेस डिजिटल बजट