- मोदी सरकार को पेंशनर्स की समस्या सब पता है, लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया। बहुत बड़ा झटका लगेगा।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 हायर और न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Higher and Minimum Pension) को लेकर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) को लेकर कहा जा रहा है कि पैरा 11(3) के अनुसार काफी नुकसान है।
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एक पेंशनर्स ने कहा-मैं व्यक्तिगत रूप से पैरा 11(3) के खिलाफ हूं, भले ही मुझे भी लाभ होगा। अगर 1 सितंबर 2014 से पहले सेवानिवृत्त लोगों को इसका लाभ दिया जाता है। मैं इसे भेदभावपूर्ण कानून मानता हूं। चूंकि ईपीएस एक अंशदायी कानून है।
इसलिए पेंशन, पेंशन फंड (Pension Fund) में किए गए कुल योगदान के अनुपात में होनी चाहिए, न कि अंतिम पेंशन योग्य वेतन (Last Pensionable Salary) के आधार पर…। मैं कल्याणकारी उपाय के रूप में न्यूनतम पेंशन की अवधारणा का समर्थन करता हूं, जो राज्यों द्वारा दी जा रही वृद्धावस्था पेंशन से कम नहीं होनी चाहिए।
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क्या वित्त मंत्रालय नहीं देगा मंजूरी
दूसरी तरफ न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) पर कृष्णमूर्ति शंकरन ने कहा-मित्रों, ईपीएस 95 पेंशन 7500 रुपये की मांग संभव नहीं है। हमारी वित्त मंत्री कभी मंजूरी नहीं देंगी।
अगर प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मंजूरी देते हैं, तो ईपीएफ बोर्ड अपने अड़ियल रवैये से मंजूरी को रोक देगा। हम न्यूनतम 5000 रुपये और अधिकतम 10000 रुपये प्रति माह की मांग कर सकते हैं। कृपया अपने विचार बताएं।
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सरकार ने ध्यानन नहीं दिया तो बड़ा झटका
इस पर कमेंट करते हुए महाराष्ट्र के पुणे से आने वाले पेंशनर्स विलास रामचन्द्र गोगावले ने कहा-बहुत ही सुंदर सोच-समझकर विचार लिखा है। मोदी सरकार को पेंशनर्स की समस्या सब पता है, लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
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सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो बहुत बड़ा झटका लगेगा। सरकार चाहे कोई भी हो, लेकिन हमारी मांग यही है कि सरकार उसे पूरा करे ताकि सम्मान पूर्वक अपना जीवन जी सकें।