- सोशल मीडिया पर चल रही बतकही को सूचनाजी.कॉम लगातार प्रसारित कर रहा है, ताकि आपके सवालों का जवाब मिल पाए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ईपीएस 95 पेंशनर्स की मांग है कि उन्हें साढ़े 7 हजार रुपए पेंशन दिया जाए। वर्तमान में महज 1 हजार रुपए ही खाते में आ रही है। पेंशनर्स अपनी पेंशन और सांसदों, विधायकों के पेंशन से तुलना कर रहे हैं। उच्च पदों पर रहने के बाद सेवानिवृत्त पेंशन के खाते में महज 1 हजार रुपए आने पर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। एक पेंशनर्स ने लिखा-सांसदों-विधायकों को हमारे मकसद में क्यों लाना है?
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ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) और सरकार की पेंशन में कोई समानता नहीं है। सरकार उनका यानी सांसदों-विधायकों का नियोक्ता है, हमारा नियोक्ता सरकार नहीं है। हमारे नियोक्ताओं में सरकार के साथ मेल खाने की कोई क्षमता नहीं है। ईपीएस पेंशन का सरकार के साथ मिलान करने के लिए जरूरत नहीं है। आप जो चाहते हैं मांग करें और इस तरह की अतुलनीय तुलना करना ठीक नहीं है।
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सोशल मीडिया पर चल रही बतकही को सूचनाजी.कॉम लगातार प्रसारित कर रहा है, ताकि आपके सवालों का जवाब मिल पाए। वहीं, एक अन्य पेंशनर्स ने ईपीएस पेंशनभोगी के संदेह का जवाब दिया। कहा-ईपीएस केवल 16.11.95 से शुरू हुआ था। तो PPO ईपीएस में शामिल होने की तारीख या वास्तविक तारीख, जो भी बाद में हो, दिखाएगा। आपने ईपीएस में योगदान जिस तारीख से शुरू किया था। तो पेंशन की गणना उसी तारीख से शुरू होगी। ध्यान दें, ईपीएस आपकी सेवा/रोजगार की नहीं, बल्कि आपकी ईपीएस की सदस्यता और आपके योगदान की चिंता है।
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यह भी ध्यान दें कि यदि आप 16.11.95 से पहले एफपीएस के सदस्य थे, तो उस अवधि पर अलग-अलग विचार किया जाएगा और आपकी पेंशन में पिछले सेवा लाभ जोड़ दिए जाएंगे।
10 वर्ष की न्यूनतम पात्रता अवधि निर्धारित करने के लिए पूर्व सेवा पर विचार किया जाएगा। 2 साल के बोनस अंक के लिए भी इस पर विचार किया जाएगा।