ईपीएफओ के एक रिजनल कमिशनर ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि मंत्रालय से रिव्यू हो रहा है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल सीपीएफ ट्रस्ट और ईपीएफओ के बीच चल रहे विवाद पर केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय को ही फैसला लेना है। मंत्रालय और ईपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बैठकों का दौर जारी है। शनिवार रात तक बातचीत होती रही। रविवार अवकाश का दिन होने की वजह से इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है। संभावना जताई जा रही है कि सोमवार शाम तक कुछ बात बन सकती है।
सबकुछ सही रहा तो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के सभी प्लांट के सीपीएफ ट्रस्ट को छूट दी जा सकती है। अगर, मंत्रालय ने नजर फेरी तो सेल के कर्मचारियों और अधिकारियों के ज्वाइंट आप्शन फॉर्म को कैंसिल करने तक की नौबत आनी तय है। ईपीएस 95 हॉयर पेंशन के लिए सेल के कर्मचारियों और अधिकारियों की नजर ईपीएफ पर टिकी हुई है।
ईपीएफओ के एक रिजनल कमिशनर ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि मंत्रालय से रिव्यू हो रहा है। मंत्री और श्रम विभाग के बीच बातचीत का दौर जारी है। शनिवार रात मीटिंग चलती रही। कुछ भी बोलने की स्थिति में अभी कोई भी नहीं है। वर्किंग क्लास से जुड़ा जटिल मामला है। सबका यही जोर है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पालन किया जाए और वित्तीय स्थिति को प्रभावित न किया जाए।
सेल सीपीएफ ट्रस्ट का मामला वित्त मंत्रालय तक है। फिलहाल, बैठक ही हो रही है। देखिए, कुछ दिनों में स्थिति और स्पष्ट हो जाए। फिलहाल, 26 जून तक ईपीएफ 95 के हॉयर पेंशन के लिए ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरा जा रहा है।
ईपीएफओ की ओर से बताया जा रहा है कि सीपीएफ ट्रस्ट ने फुल वेज पर कंट्रीब्यूशन लिया या कोई फिक्स एमाउंट पर या इससे अधिक, इसको लेकर विवाद है। सेल का खुद का सीपीएफ ट्रस्ट है। अगर, ईपीएफओ द्वारा तय की गई सीलिंग से अधिक का अंशदान सेल के सीपीएफ ट्रस्ट ने लिया है तो खतरा बढ़ना तय है। यही विवाद का कारण बन रहा है। ईपीएफ से अनुमति लेना था कि हायर वेजेस पर अंशदान लेंगे, जो नहीं लिया गया।