ईपीएस पेंशनभोगियों का है अडानी, अम्बानी जैसी आर्थिक राहत की ख्वाहिश

EPS pensioners desire financial relief like Adani, Ambani
  • सुधारात्मक कार्यों के लिए समय-समय पर ईपीएस कॉर्पस के स्वास्थ्य की समीक्षा करें।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme) के तहत हायर पेंशन और न्यूनतम पेंशन का मसला उलझा हुआ है। सरकार और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation (EPFO)) पर लगातार दबाव डाला जा रहा है। अडानी, अम्बानी को सरकार द्वारा मिल रही छूट जैसी व्यवस्था पेंशनभोगी भी चाह रहे हैं।

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पेंशनभोगी अब ये कहने लगे हैं कि सरकार को हमारी पेंशन से कोई लेना-देना नहीं है? जबकि सरकार को अधिक पेंशन पाने के लिए अधिक योगदान करने में हमारी मदद करनी चाहिए, वरिष्ठ नागरिकों के समान ब्याज का भुगतान करके पोस्ट ऑफिस में जमा खाते में लागू वेतन का 1.16% से सरकारी योगदान बढ़ाया जाना चाहिए।

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कर्मचारियों, नियोक्ताओं द्वारा पेंशन योग्य वेतन सीमा और योगदान को 8.33% से 10% तक बढ़ाइए, पेंशन योग्य सेवा को 50% वेतन पाने के लिए आवश्यक वेतन को 33 वर्ष से घटाकर 25 वर्ष करें, न्यूनतम वेतन और दस वर्ष की पेंशन योग्य सेवा के आधार पर न्यूनतम पेंशन तय करें, पेंशन योग्य वेतन को औसत के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए।

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सम्पूर्ण पेंशन योग्य सेवा के लिए वेतन, क्योंकि यही वास्तविक वेतन है जिसके आधार पर कर्मचारी और सरकार योगदान देते हैं। तदनुसार पेंशन फार्मूला बदलें।

पेंशन के भुगतान के बाद ईपीएस में सरप्लस होने पर हो सकता है बोनस घोषित अगर फंड घाटे में है तो सरकार सब्सिडी को सरप्लस होने तक बढ़ा सकती है। उपयुक्त सुधारात्मक कार्यों के लिए समय-समय पर ईपीएस कॉर्पस के स्वास्थ्य की समीक्षा करें।

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