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मौत के बाद मजदूर के अंगों को निकाला ESIC सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने, बची 3 की जान, गुर्दा निकालकर…

मौत के बाद मजदूर के अंगों को निकाला ESIC सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने, बची 3 की जान, गुर्दा निकालकर…
  • ईएसआईसी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, सनथनगर हैदराबाद का नाम सुर्खियों में।
  • उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं और नवाचारी प्रथाओं तथा अत्याधुनिक तकनीक की तारीफ।
  • ईएसआई लाभार्थियों के स्वास्थ में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ईएसआईसी सनतनगर, हैदराबाद (ESIC Super Speciality Hospital, Sanathnagar,) के एक मृत मरीज (कडैवर) ने 3 अन्य रोगियों की जान बचाई। ईएसआईसी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, सनथनगर (ESIC Super Speciality Hospital, Sanathnagar,) ने चिकित्सा विज्ञान और अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में यह ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है।

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अस्पताल ने 6 अगस्त को मृतक रोगी (कडैवर) के अंगों की पुन:प्राप्ति (रिट्रीवल) करके उनका सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया। अस्पताल की यह उपलब्धि उसकी चिकित्सा सेवाओं की क्षमताओं और जीवन बचाने की प्रतिबद्धता में महत्वपूर्ण प्रगति को दिखाता है।

अंगदाता एक 45 वर्षीय पुरुष था जिसे ईएसआईसी अस्पताल, सनथनगर, हैदराबाद में ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। अस्पताल की न्यूरो सर्जरी टीम ने डॉ. सैमसन के नेतृत्व में तिमारदारों (परिजनों) को अंग दान के बारे में सलाह दी और उन्हें इस बारे में शिक्षित किया।

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पिछले 4 वर्षों से डायलिसिस पर थी महिला, अब मिली किडनी

अंगदान के लिए उचित सहमति दी गई। जीवनधन द्वारा ईएसआईसी को अंग आवंटित किए गए थे। कडैवर की एक किडनी प्राप्त करने वाली एक 50 वर्षीय महिला रोगी थी। यह महिला रोगी ईएसआईसी की लाभार्थी थी और पिछले 4 वर्षों से डायलिसिस पर थी।

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उस्मानिया जनरल अस्पताल को मिले 2 अंग

कडैवर का लीवर और एक अन्य किडनी उस्मानिया जनरल अस्पताल (Osmania General Hospital) को आवंटित की गई, जहां दो और प्राप्तकर्ताओं को दाता के अंगों का लाभ मिला और इस प्रक्रिया में उनकी जान भी बच गई।

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डाक्टरों की इस टीम ने निभाई भूमिका

मृतक मरीज के अंगों की पुन:प्राप्ति डॉ. मधु, डॉ. संदीप और उनकी टीम द्वारा की गई। ईएसआईसी अस्पताल, सनथनगर (ESIC Super Speciality Hospital, Sanathnagar, Hyderabad) में डोनर ट्रांसप्लांट डॉ. जगदीश्वर और डॉ. पांडु रंगा राव, चीफ ट्रांसप्लांट सर्जन द्वारा किया गया। एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. नागार्जुन और नेफ्रोलॉजी टीम का नेतृत्व डॉ. धनलक्ष्मी ने किया।

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ईएसआईसी के लिए एक और अवसर मिल गया

अब ईएसआईसी के लिए एक और अवसर मिल गया है जहां इसे जीवनधन से अंगों का आवंटित हिस्सा मिल सकता है और इस प्रकार अधिक रोगियों का आवश्यक अंगों का प्रत्यारोपण हो सकता है तथा वे स्वस्थ सामान्य सक्रिय जीवन जी सकते हैं। यह अभूतपूर्व प्रक्रिया, सटीकता और देखभाल के साथ पूरी की गई।

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मृत रोगी का गुर्दा निकालकर उसे…

मृत रोगी का गुर्दा निकालकर उसे बीमित रोगी के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया था। यह उपलब्धि न केवल अंग दान को प्रोत्साहित करने और उन्नत प्रत्यारोपण सेवाओं के लिए अस्पताल के समर्पण को रेखांकित करती है, बल्कि उच्चतम मानकों वाली जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं को सफलता पूर्वक पूरा करने की उसकी क्षमता को भी दिखाती है।

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ईएसआईसी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, सनथनगर सुर्खियों में

ईएसआईसी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, सनथनगर, हैदराबाद (ESIC Super Speciality Hospital, Sanathnagar, Hyderabad) उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं और नवाचारी प्रथाओं तथा अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से ईएसआई लाभार्थियों के स्वास्थ में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रक्रिया का सफल निष्पादन अपनी क्षमता वृद्धि तथा समुदाय को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने के अस्पताल के जारी प्रयासों को दिखाता है।

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