
- केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ई-श्रम पहल के तहत राज्य-विशिष्ट माइक्रोसाइट्स और व्यावसायिक कमी सूचकांक का शुभारंभ किया।
- व्यावसायिक कमी सूचकांक श्रम बाजार में मांग और आपूर्ति के मिलान में मदद करेगा और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया (Union Minister of Labor and Employment and Youth Affairs and Sports Dr. Mansukh Mandaviya) ने बुधवार को नई दिल्ली में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों एवं सचिवों के साथ बैठक के दौरान दो महत्वपूर्ण पहलों ई-श्रम पहल के तहत राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश माइक्रोसाइट तथा व्यावसायिक कमी सूचकांक (ओएसआई) का शुभारंभ किया।
बैठक के दौरान श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की माननीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्री, सचिव सुमिता डावरा तथा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
शुभारंभ के अवसर पर बोलते हुए, डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, “बहुभाषी ई-श्रम माइक्रोसाइट सुविधा एक परिवर्तनकारी पहल है जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि असंगठित श्रमिकों को राज्य और केंद्र सरकार के कल्याण कार्यक्रमों तक निर्बाध पहुँच प्राप्त हो। इससे न केवल श्रमिकों को सशक्त बनाया जाएगा बल्कि कल्याणकारी सेवा वितरण में पारदर्शिता और दक्षता भी बढ़ेगी।”
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ओएसआई के बारे में उन्होंने आगे कहा, “वास्तविक समय के श्रम बाजार डेटा का लाभ उठाकर, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कौशल विकास और नौकरी मिलान प्रक्रियाएं डेटा-संचालित हों और उद्योगों की वास्तविक जरूरतों के अनुरूप हों, जिससे हमारा कार्यबल भविष्य के लिए तैयार हो सके।”
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असंगठित श्रमिकों के सरलीकृत पंजीकरण की सुविधा प्रदान
ई-श्रम माइक्रोसाइट राज्य-विशिष्ट डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म हैं, जो राष्ट्रीय ई-श्रम डेटाबेस के साथ सहजता से एकीकृत हैं। राज्य पोर्टल और ई-श्रम पोर्टल के बीच दो-तरफ़ा एकीकरण की सुविधा प्रदान करते हुए, यह असंगठित श्रमिकों के सरलीकृत पंजीकरण की सुविधा प्रदान करेगा।
इससे असंगठित श्रमिकों के लिए केन्द्रीय और राज्य कल्याण कार्यक्रमों, रोजगार के अवसरों, कौशल विकास कार्यक्रमों आदि तक निर्बाध पहुंच के लिए वन-स्टॉप समाधान उपलब्ध होगा।
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श्रम बाजार आवश्यकताओं के लिए…
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, माइक्रोसाइट उपयोग के लिए तैयार डिजिटल बुनियादी ढांचा प्रदान करते हैं, जिससे महंगी और समय लेने वाली विकास प्रक्रियाओं की आवश्यकता कम हो जाती है।
वास्तविक समय के विश्लेषणात्मक डैशबोर्ड के साथ, वे बेहतर नीति निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करते हैं और राज्यों को उनकी श्रम बाजार आवश्यकताओं के लिए विशिष्ट उपकरण शामिल करने की अनुमति देते हैं।
श्रमिक अपनी पसंदीदा भाषा में…
श्रमिकों के लिए, माइक्रोसाइट एक सहज पंजीकरण प्रक्रिया और सामाजिक सुरक्षा लाभों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुँच प्रदान करती है। यह प्लेटफ़ॉर्म बहुभाषी पहुँच सुनिश्चित करता है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों के श्रमिक अपनी पसंदीदा भाषा में सूचना और सेवाओं तक पहुँच सकते हैं। ई-श्रम डेटाबेस के साथ दो-तरफ़ा एकीकरण के माध्यम से, श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं और रोज़गार के अवसरों पर वास्तविक समय पर अपडेट प्राप्त होते हैं।
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श्रम बाजार की मांग और आपूर्ति का मिलान
शुरू की गई दूसरी प्रमुख पहल है व्यावसायिक कमी सूचकांक (ओएसआई) जो श्रम बाजार की मांग और आपूर्ति का मिलान करता है, जिससे पूरे भारत में रोजगार के परिणामों में वृद्धि होती है। आईएलओ पद्धति और तिमाही पीएलएफएस डेटा के आधार पर, ओएसआई कमी का सामना कर रहे व्यवसायों में डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जिससे नौकरी चाहने वालों के कौशल को उद्योग की मांगों के साथ संरेखित करने में मदद मिलती है।
नीति निर्माताओं, प्रशिक्षण संस्थानों का समर्थन
ओएसआई उच्च मांग वाले क्षेत्रों में कौशल अंतराल को पाटने में नीति निर्माताओं, प्रशिक्षण संस्थानों और व्यवसायों का समर्थन करेगा।
यह सूचकांक कार्यबल नियोजन और कौशल विकास पहलों में अधिक प्रभावी निर्णय लेने, नौकरी मिलान को अनुकूलित करने और लक्षित कौशल विकास कार्यक्रम बनाने में राज्य सरकारों और नियोक्ताओं का मार्गदर्शन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।