Train एक्सीडेंट रोकेगा Hot Axle Detector, 130 किलोमीटर की रफ्तार से गुजरती ट्रेन के पहिए और एक्सल की खामी का मैसेज आएगा मोबाइल पर

  • यह मशीन 130 किमी प्रति घंटा की गति पर पास होने वाली गाड़ी के एक्सल एवं ह्वील पर फोकस कर तापमान का मापन कर सकने में सक्षम है।

सूचनाजी न्यूज, गोरखपुर। संरक्षित यातायात व्यवस्था प्रदान करना, रेलवे के प्रमुख प्राथमिकताओं में से है। इसे सुनिश्चित करने के लिए सतत प्रयास एवं नये सुधार किये जाते हैं। इसी क्रम में कोचिंग डिपो गोरखपुर द्वारा गोरखपुर जंक्शन स्टेशन से पास होने वाली गाड़ियों में होने वाले हॉट एक्सल को पता लगाने के लिए कोचिंग काम्प्लेक्स गोरखपुर के निकट एवं गोरखनाथ ओवर ब्रिज के नीचे समपार संख्या-162 स्पेशल के निकट हॉट एक्सल एवं हॉट बाक्स डिटेक्टर लगाया गया है।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि हॉट बाक्स डिटेक्टर द्वारा गोरखपुर स्टेशन से पास होने वाली गाड़ियों में होने वाले ‘हॉट एक्सल‘ का पूर्वानुमान कर मार्ग में विफलता को रोकने हेतु मेन लाइन पर अप साइड में गोरखनाथ ओवर ब्रिज के नीचे स्थित गेट संख्या-162 स्पेशल एवं डाउन साइड में पुराने कोचिंग काम्प्लेक्स के निकट ‘हॉट एक्सल व हॉट बाक्स‘ डिटेक्टर लगाया गया है।

यह नई हाट एक्सल व हाट बाक्स डिटेक्टर मशीन द्वारा गाड़ियों के गुजरने के एक मिनट के अन्दर गणना कर गुजरी हुई गाड़ी का प्रकार, गति, चक्कों एवं एक्सल का तापमान तथा तापमान में अन्तर आदि का डाटा साफ्टवेयर के माध्यम से स्टोर कर लिया जाता है। किसी भी प्रकार की अनियमितता अथवा कमी पाये जाने पर इस मशीन के साफ्टवेयर में अंकित मोबाइल नम्बरों पर पायी गई कमी को संदेश के माध्यम से यह मशीन सूचित कर देता है।

इस मशीन द्वारा अब तक गाड़ियों का 14680 रेक चेक किया गया है तथा इनसे 160 अलर्ट प्राप्त हुआ है। ‘हॉट एक्सल व हॉट बाक्स‘ डिटेक्टर मशीन दो प्राक्सीमिटी सेंसर, दो इन्फ्रा रेड सेंसर एवं एक एच.ए.बी.डी. बाक्स से मिलकर बना है। प्राक्सीमिटी सेंसर गाड़ियों की गति, दिशा एवं लोड के प्रकार को बताता है तथा इन्फ्रा रेड सेंसर ‘एक्सल एवं ह्वील‘ पर फोकस कर तापमान का मापन करता है और सारे संकेत ‘हॉट एक्सल एवं हॉट बाक्स‘ डिटेक्टर को भेज देता है, जहां से इस मशीन के साफ्टवेयर में अंकित मोबाइल नम्बरों पर सूचना पहुंच जाती है।

यह मशीन 130 किमी प्रति घंटा की गति पर पास होने वाली गाड़ी के एक्सल एवं ह्वील पर फोकस कर तापमान का मापन कर सकने में सक्षम है। इस मशीन के लग जाने से गाड़ियों की संरक्षा और सुदृढ़ हो जाएगी तथा मार्ग में अचानक होने वाले हॉट एक्सल के कारण होने वाले दुर्घटना एवं विलम्बन को रोका जा सकेगा।

वर्तमान में हॉट एक्सल का डिटेक्शन मैनुअल सिस्टम द्वारा किया जाता है। संरक्षा के दृष्टिगत यह व्यवस्था चलती रहेगी। इसके अतिरिक्त संरक्षा के दृष्टिकोण से नई तकनीकी की यह व्यवस्था भी बनाई गई है।