भारत के सबसे नए संयंत्र नगरनार स्टील प्लांट ने बनाया रिकॉर्ड, हर तरफ वाहवाही

India's newest plant Nagarnar Steel Plant created a record, applause from all sides
उत्पादन और ऊर्जा दक्षता में प्राप्त नई ऊंचाइयां एनएमडीसी स्टील लिमिटेड की विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी और कुशल कार्यबल की शक्ति प्रदर्शित करती हैं।
  • एनएसएल ने 26 अप्रैल को रिकॉर्ड-तोडते हुए उत्पादन में मील के पत्थर हासिल किए।
  • एनएसएल के इतिहास में 26 अप्रैल, 2025 को एक ऐतिहासिक दिवस के रूप में याद किया जाएगा।
  • न केवल रिकॉर्ड तोड़े गए, बल्कि पूरे इस्पात उद्योग के लिए उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित किए गए।

सूचनाजी न्यूज, नगरनार। राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (National Mineral Development Corporation) के नगरनार स्टील प्लांट ने एक और रिकॉर्ड कायम कर दिया है। परिचालन उत्कृष्टता और तकनीकी कौशल का असाधारण प्रदर्शन करते हुए, भारत के सबसे युवा और आधुनिक इस्पात संयंत्र एनएमडीसी स्टील लिमिटेड (एनएसएल) (National Mineral Development Corporation) ने 26 अप्रैल, 2025 को उत्पादन की अनेक रिकॉर्ड-तोड़ उपलब्धियां हासिल कीं। इन उपलब्धियों से इसे देश के जीवंत इस्पात उद्योग में एक अग्रणी के रूप में आगे बढ़ने को और मजबूती प्राप्त हुई।

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कंपनी ने इस महीने तीसरी बार स्वयं के बनाए रिकॉर्ड को तोडकर एक और मील के पत्थर को पार कर लिया जब इस्पात संयंत्र विकास के लिए एक असाधारण गति का संकेत देता हुआ अपनी रेटेड क्षमता तक पहुंच गया।

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अपेक्षाओं से अधिक प्रदर्शन करने की यह क्षमता न केवल उस गति को उजागर करती है जिसके साथ संयंत्र आगे बढ रहा है, बल्कि आधुनिक युग के इस्पात संयंत्रों के लिए एनएसएल की एक पथप्रदर्शक बनने की अंतर्निहित क्षमता को भी रेखांकित करती है।

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एनएसएल ने रॉ मटेरियल हैंडलिंग सिस्टम (आरएमएचएस) में पिछले रिकॉर्ड को पार करते हुए 23,307 टन के अपने उच्चतम दैनिक बेसमिक्स उत्पादन को प्राप्त करके एक नया बेंचमार्क स्थापित किया। इसके अतिरिक्त, आरएमएचएस ने 2 घंटे और 35 मिनट का सबसे कम टिपलिंग समय दर्ज करके उत्कृष्ट परिचालन दक्षता का प्रदर्शन किया।

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इस गति के आधार पर, कोक ओवन (सीओ) इकाई ने 186 पुशिंग के साथ अपने उच्चतम दैनिक पुशिंग हासिल किए, जबकि ब्लास्ट फर्नेस ने 11,034 टन के अपने उच्चतम दैनिक हॉट मेटल उत्पादन को प्राप्त करके एक शानदार प्रदर्शन दर्ज किया। उपलब्धियों में एक और कड़ी जोड़ते हुए, स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस) ने 52 हीट प्राप्त किए और 9,342 टन तरल स्टील का उत्पादन किया, जिसने परिचालन का एक नया मील का पत्थर स्थापित किया।

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पावर एंड ब्लोइंग स्टेशन (पीबीएस) ने पहली बार…

एक अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धि में, पावर एंड ब्लोइंग स्टेशन (पीबीएस) ने पहली बार 15 मेगावाट से अधिक बिजली पैदा करने वाले टॉप रिकवरी टर्बाइन (टीआरटी) के साथ अपनी रेटेड क्षमता हासिल करते हुए उसके आगे बढ गया; यह एक ऐसा आउटपुट है जो ऊर्जा अनुकूलन के लिए एनएसएल की प्रतिबद्धता पर बल देता है।

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सिंटर प्लांट ने 12,886 टन सिंटर का मजबूत उत्पादन किया

इस दिन अन्य प्रमुख इकाइयों में भी असाधारण प्रदर्शन देखा गया। सिंटर प्लांट ने 12,886 टन सिंटर का मजबूत उत्पादन हासिल किया; थिन स्लैब कॉस्टर (टीएससी) ने 8,850 टन क्रूड स्टील का उत्पादन किया; और हॉट स्ट्रिप मिल (एचएसएम) ने 8,673 टन एचआर कॉइल का उत्पादन किया, जो संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में सिंक्रनाइज़ परिशुद्धता और परिचालन उत्कृष्टता को दर्शाते हैं।

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प्रबंध निदेशक अमिताभ मुखर्जी ने कहा…

इन उपलब्धियों पर बोलते हुए, एनएमडीसी स्टील लिमिटेड और एनएमडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अमिताभ मुखर्जी ने कहा, “ये रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन एनएसएल की परिचालन उत्कृष्टता, नवाचार और मजबूती के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण एवं महत्वपूर्ण समय है। हम मानकों में निरंतर वृद्धि कर रहे हैं और भारत के इस्पात उद्योग के लिए नए बेंचमार्क स्थापित कर रहे हैं।

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इन ऐतिहासिक मील के पत्थर को प्राप्त करने में टीम एनएसएल का दृढ़ संकल्प, जुनून और अग्रणी रहने की भावना न केवल हमारी स्थिति को मजबूत करती है बल्कि 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन क्षमता प्राप्त करने के भारत के दृष्टिकोण की दिशा में सार्थक योगदान देती है। मैं इसे संभव बनाने में शामिल सभी लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं।“

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एनएसएल ने अपनी क्षमताओं में वृद्धि करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को पहली बार तरल नाइट्रोजन की सफलतापूर्वक आपूर्ति की और क्षेत्रीय औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र में अपना योगदान बढाया। इसके अलावा, पीबीएस के एसटीजी -2 ने 24 मेगावाट पर संचालित एक नवीनीकृत रोटर के साथ संचालन को सिंक्रनाइज़ किया।

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इस कदम से सुस्थिरता और लागत अनुकूलन पर एनएसएल के फोकस के अनुरूप बिजली की लागत में 10 करोड़ रुपये से 13 करोड़ रुपये प्रति माह तक कमी होने का अनुमान है।

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इन उपलब्धियों के साथ, एनएसएल मजबूत, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक रिकॉर्ड-तोड पथ का निरंतर निर्माण कर रहा है, जो देश के इस्पात क्षेत्र और उससे आगे परिवर्तनकारी विकास को बढ़ावा देता है।

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एनएसएल के कार्यकारी निदेशक का कथन

इस अवसर पर बोलते हुए, एनएसएल के कार्यकारी निदेशक एमएनवीएस प्रभाकर ने कहा, “26 अप्रैल को रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धि एनएसएल के विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे, तकनीकी उत्कृष्टता और सबसे अधिक, हमारे कार्यबल की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ये उपलब्धियां एनएमडीसी स्टील को अधिक मजबूत और कुशल इस्पात संयंत्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।“

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एनएसएल के इतिहास में, 26 अप्रैल, 2025 को एक ऐतिहासिक दिवस के रूप में याद किया जाएगा,जब न केवल रिकॉर्ड तोड़े गए, बल्कि पूरे इस्पात उद्योग के लिए उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित किए गए

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