- जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री (Ex CM) महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया था।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। ‘जम्मू-कश्मीर’ हमेशा से आतंकवाद, विवाद और कई विशेष नियम, कायदों के कारण सुर्खियों में रहने वाला राज्य। लेकिन अब राज्य नहीं है। केन्द्र शासित प्रदेश बन चुका है। पहले आर्टिकल-370 था, जिसे पांच साल पहले खत्म कर दिया गया। नियम 35A भी हटा दिया गया।
विरोध करने वाले नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। जेल में डाल दिया गया था। स्थिति सामान्य होने पर रिहा किया गया। रिहा होते ही नेताओं ने बड़ा बयान दे दिया था।
ये खबर भी पढ़ें: दलाल बीएसपी आवासों का ताला तोड़कर चला रहे किराए पर, 28 अनफिट ब्लॉक्स खाली
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री (Ex CM) महबूबा मुफ्ती और एक और पूर्व मुख्यमंत्री (Ex CM) उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया था। यह बयान पार्टी दफ्तर नहीं बल्कि जनता के समक्ष कहा था कि ‘जब तक प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता और जब तक प्रदेश में आर्टिकल-370 को लागू नहीं किया जाता तब तक वे चुनाव नहीं लड़ेंगे।
अब जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने जा रहा है। प्रदेश विधानसभा के लिए 10 साल बाद इलेक्शन होगा। चुनावी शेड्यूल जारी होते ही पूर्व CM उमल अब्दुल्ला ने कहा था “चुनाव को लेकर हमारी पूरी तैयारी है। हम चुनाव में उल्लेखनीय प्रदर्शन करेंगे।’’ उमर के इस बयान से स्पष्ट है कि वे चुनाव में उतने कितने बेताब है!
ये खबर भी पढ़ें: Periodic Labor Force Survey: श्रम मंत्रालय की आई बड़ी रिपोर्ट, पढ़िए डिटेल
जबकि पूर्व CM महबूबा मुफ्ती ने भी चुनाव नहीं लड़ने की कसम खाई थी। लेकिन चर्चा है कि वे भी चुनाव लड़ेंगी। तर्क दिया जा रहा है कि महबूबा के मैदान में नहीं उतरने से उनकी पार्टी PDP को नुकसान होने का हवाला दिया जा रहा है।
ये खबर भी पढ़ें: EPS 95 Pension: केंद्र सरकार-EPFO पर पेंशनर्स ने ऐसा कहा…आपको भी आएगा गुस्सा
जानिए उमर ने क्या कहा
इस बीच जम्मू और कश्मीर में इलेक्शन को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम काफी समय पहले से ही इलेक्शन की तैयारी में जुट चुके है। हम इलेक्शन के लिए पूरी तरह से प्रिपेयर्ड है। उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि इस बार तीन ही फेज में इलेक्शन हो रहे है, जो जम्मू और कश्मीर के लिए कुछ नया हैं। चुनाव के लिए फिलहाल वक्त बेहद सीमित है। लेकिन हम पूरी तरह से तैयारी में है।
यह सभी पालिटिकल पार्टियों के लिए नई एक्पीरिएंस लेकर आएगा। उनके इस कथन से माना जा रहा हैं कि वह इलेक्शन में ताल ठोकेंगें। फिलहाल उमर अब्दुल्ला ने कुछ समय पहले कहा था कि जब तक जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जाता तब तक वह इलेक्शन नहीं लड़ेंगे। साथ ही इलेक्शन में सहभागी भी नहीं होंगे।
महबूबा ने दिया था बयान
इसी तरह से जम्मू और कश्मीर पिपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Jammu and Kashmir People’s Democratic Party-PDP) की नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री (Ex CM) महबूबा मुफ्ती ने चुनाव नहीं लड़ने की कसम खाई थी। गौरतलब है कि जम्मू और कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का उमल अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने विरोध किया था।
दोनों ही नेताओं ने प्रदेश को धारा-370 खत्म करने के बाद नजरबंद कर दिया गया था। बहाल होने बाद दोनों ही नेताओं ने राज्य को पूर्व की तरह पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग और धारा-370 को हटाए जाने का विरोध करते रहे। दोनों ने पूर्ण राज्य का दर्जा और आर्टिकल-370 को लागू नहीं कर पर चुनाव नहीं लड़ने की कसमें खाई थी। हालात बदलने के बाद राज्य में पहला चुनाव हो रहा है। ऐसे में दोनों नेता चुनाव लड़ते है या अपने बयान पर अडिग रहते है यह कुछ दिन में स्पष्ट हो जाएगा।
ये खबर भी पढ़ें: पेंशनभोगियों के लिए Digital Empowerment, Ease of Living पर ताज़ा खबर