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श्रम मंत्रालय: बदल दीजिए 44 साल पुराने महंगाई भत्ते का फॉर्मूला, टेक्नोलॉजी के दौर में पैसा बढ़ाइए

श्रम मंत्रालय: बदल दीजिए 44 साल पुराने महंगाई भत्ते का फॉर्मूला, टेक्नोलॉजी के दौर में पैसा बढ़ाइए
  • महंगाई भत्ता तय करने के लिए वर्ष 1936 में आखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPIN) पद्धति लागू किया गया था।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (BSL Non-Executive Employees Union) ने श्रम एवं रोजगार मंत्री (Minister of Labor and Employment) को पत्र लिखकर औद्योगिक कार्मिकों के लिए 1980 में बने फॉर्मूले को वर्तमान तथा भविष्य में होने वाले बदलाव के आधार पर बदलने की माँग की है।

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गौरतलब है कि श्रमिक वर्ग के लिए महंगाई भत्ता तय करने के लिए वर्ष 1936 में आखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (All India Consumer Price Index) (AICPIN) पद्धति लागू किया गया था। जिसके तहत औद्योगिक श्रमिकों तथा ग्रामीण श्रमिकों को बढ़ती महंगाई से राहत देने के लिए महंगाई भत्ता तय करने के लिए फॉर्मूला लाया गया था।

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उक्त फॉर्मूला को वर्ष 1960 में तथा फिर वर्ष 1980 में डॉ. सील एवं रथ कमेटी के माध्यम से संशोधित किया गया।
विगत 44 साल से एआईसीपीएन (AICPIN) को संशोधित नहीं किया गया है। सिर्फ लागू करने का आधार वर्ष बदला गया है। विगत 44 वर्षों से श्रमिक वर्ग की उपभोग की प्रकृति में काफी बदलाव आया है।

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उपभोग वस्तुओं को श्रम ब्यूरो चंडीगढ़ ने मात्र 6 वर्गों में ही बाँटा

1 . खाद्य एवं पेय पदार्थ
2 . पान, सुपारी, तम्बाकु और नशीला पदार्थ
3 . कपड़े और जूते
4 . आवास
5 . ईंधन और प्रकाश
6 . विविध

6 श्रेणियों को अलग-अलग प्रतिशतों में बाँट कर कुल 100% हिस्सा बनाया गया है। अभी के समय में उक्त समूहों में वृद्धि आवश्यक है, क्योकि श्रमिक वर्ग सहित भारतीय उपभोक्ताओं की खर्च प्रवृत्ति में काफी बदलाव आया है।

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यूनियन द्वारा प्रस्तावित नए समूह को जोड़ने की मांग

1. इलेक्ट्रॉनिक्स समूह: लैपटॉप, मोबाईल, ईलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, घरेलू विद्युत उपकरण, मोबाइल रिचार्ज, केबल टीवी, वाई फाई, ऑनलाइन पेमेंट, विद्युत चार्ज।
2. पर्यटन समूह: होटल, हवाई यात्रा, ट्रेन यात्रा, शिप/क्रुज यात्रा, रेस्टोरेंट में भोजन, प्रिपेड टैक्सी, बाइक।
3 . स्वास्थ्य समूह: ओपीडी चिकित्सा, स्वास्थ्य बीमा, अस्पताल में भर्ती, ऑपरेशन , ब्राण्डेड मेडीसिन, जेनरिक मेडीसिन, चिकित्सकीय जाँच।
4. शिक्षा समूह: निजी विद्यालय शुल्क, ट्यूशन, कोचिंग, पाठ्य पुस्तक का मूल्य, शिक्षा से जुड़े स्टेशनरी का मूल्य।

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वास्तविक बढ़ते महंगाई के अनुसार भत्ते का लाभ नहीं

यह दुर्भाग्य है कि भारतीय श्रमिक वर्ग की उपभोग की प्रकृति विगत 44 वर्षों में बदलने के बावजूद, उनके उपभोग प्रवृत्ति के अनुसार अभी तक एआईसीपीएन को संशोधित नहीं किया गया है। इसके कारण श्रमिक वर्ग को वास्तविक बढ़ते महंगाई के अनुसार महंगाई भत्ता में वृद्धि का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बीके मिश्र, कोषाध्यक्ष , बीएकेएस बोकारो

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