मोदी-योगी और ईपीएस 95 पेंशनभोगी

न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए को 7500 करने का मामला।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 पूरी तरह से सियासी रंग ले चुकी है। पेंशनर्स की मांग को सरकार पूरी तरह से नजर अंदाज कर रही है। पेंशनभोगी सरकार को कोस रहे हैं। चुनाव में सबक सिखाने का दम भरा जा रहा है।

पेंशनर्स सी. उन्नीकृष्णन का दावा है कि योगी और मोदी को इस बार अहसास हो गया है कि वे आगामी विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश को खो देंगे। इसलिए योगी को हार का अहसास अभी से होने लगा है। सरकारी कर्मचारियों के लिए 4% डीए बढ़ोतरी की घोषणा की है।

राज्य विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह के और भी घटनाक्रम हो सकते हैं। लेकिन लाखों ईपीएस पेंशनभोगी और उनके परिवार यूपी में 1000 रुपये या उससे भी कम की मामूली पेंशन पर रह रहे हैं।

अगर 4.11.22 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार उनकी पेंशन राशि में वृद्धि नहीं की गई और 7500 रुपये की न्यूनतम पेंशन और चिकित्सा लाभ की मांग को सरकार द्वारा मंजूरी नहीं दी गई तो ये पेंशनभोगी, उनके परिवार और मित्र भाजपा के खिलाफ वोट कर सकते हैं।

पेंशनर्स सी. उन्नीकृष्णन ने कहा-हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के बाद भाजपा एक और आपदा देखेगी जो निश्चित रूप से भाजपा के खिलाफ होगी।

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एनएसी ने पहले ही देश भर के सभी ईपीएस पेंशनभोगियों से भाजपा के खिलाफ काम करने का अनुरोध किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों में भाजपा को हराया जाए, जहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जहां इस साल नवंबर में चुनाव हो सकते हैं।

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वरिष्ठ नागरिक उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते

भाजपा सोच रही है कि वरिष्ठ नागरिक उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। लेकिन उन्होंने लोकसभा चुनावों के बाद के नतीजे देख लिए हैं। सभी राज्य विधानसभा चुनाव निश्चित रूप से लोकसभा चुनावों के नतीजों से भी बदतर होंगे।

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