- बीएसपी के शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय क्रीड़ा दिवस समारोह का आयोजन।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय क्रीड़ा दिवस के उपलक्ष्य में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की स्मृति में बीएसपी सीनियर सेकेण्डरी स्कूल सेक्टर-2 (BSP Senior Secondary School Sector-2) में राष्ट्रीय क्रीड़ा दिवस समारोह मनाया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य महाप्रबंधक (टीएसडी एवं सीएसआर) जेवाई सपकाले उपस्थित रहे।
महाप्रबंधक (शिक्षा) शिखा दुबे ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कहा कि खेल-कूद से विद्यार्थियों में टीम भावना जागृत होती है। पढ़ाई से बौद्धिक विकास होता है, लेकिन शारीरिक विकास के लिए खेल कूद का होना आवश्यक है।
सहायक प्रबंधक (कार्मिक) डेनिश क्रिस्टी ने बताया कि खेल कूद से हम सीमित संसाधनों के बावजूद सफलता के उच्चतम शिखर पर पहुंच सकते हैं। पर्सनल विभाग की अर्चना जूलियट शाह ने अपने पिता जो हॉकी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे हैं के बारे में बताते हुए कहा कि उन्हें अपने पिता की प्रेरणा से इस मुकाम को हासिल किया। उन्होंने कहा कि कामयाबी के रास्ते में किसी भी प्रकार का अभाव रुकावट नहीं बन सकती।
उप महाप्रबंधक (क्रीडा-शिक्षा) तथा ओलम्पियन एवं अर्जुन अवार्डी राजेन्द्र प्रसाद ने अपने जीवन के प्रेरणास्पद संस्मरण सुनाकर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-10 की छात्रा दिव्या ने मेजर ध्यानचंद के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे बताया। भिलाई विद्यालय सेक्टर-2 की छात्रा सिमरन साहू ने हॉकी के उद्भव और विकास के इतिहास का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।
कनिष्ठ प्रबंधक (शिक्षा विभाग) मनीष तिवारी द्वारा हॉकी से संबंधित प्रश्नों की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भिलाई विद्यालय सेक्टर-2 के प्राचार्य विजय सिंह पवार ने आभार प्रदर्शन एवं धन्यवाद ज्ञापन में शाला की क्रियाकलापों, गतिविधियों एवं आगामी कार्यक्रम का उल्लेख किया। इस कार्यक्रम में सभी स्कूलों के प्राचार्य एवं प्रधानाध्यापक उपस्थित थे।
ये खबर भी पढ़ें : Bokaro Steel Plant में 19 अफसरों का एक साथ ट्रांसफर, पढ़िए नाम
संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त वरिष्ठ व्याख्याता एसके खोब्रागढे़ द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शाला की सरिता शाक्य, डीके साहू, जीपी शर्मा, डीएल जोशी, संगीता मिश्रा, सविता धापवाल, वंदना सोनवाने, एमके चैधरी, एसके साहू एवं समस्त शाला परिवार का भरपूर सहयोग रहा।