हरियाणा से पेंशन पर खबर, पढ़िए EPS 95 न्यूनतम पेंशन, EPFO और सरकार का मास्टरस्ट्रोक

  • गरीबी रेखा से ऊपर के राशन कार्ड धारकों/ बगैर कार्ड धारकों को बढ़ी हुई पेंशन से बाहर करना शायद भाजपा केंद्र सरकार का मास्टरस्ट्रोक हो सकता है। कम से कम सभी भाजपा शासित राज्य इसका पालन करेंगे।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। पेंश से जुड़ी हरियाणा से खबर आ रही है। बजट भाषण में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि जो वरिष्ठ नागरिक कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें अब तक वृद्धावस्था सम्मान भत्ता नहीं दिया जाता।

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ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां ई.पी.एफ. पेंशन 3000 रुपये प्रतिमाह से कम है। ऐसे पेंशनभोगियों को लाभ प्रदान करने के लिए वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि सरकार द्वारा दिए भत्ते और ईपीएफ पेंशन का कुल योग 3000 रुपये प्रतिमाह या समय-समय पर संशोधित वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के बराबर हो जाए।

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जानिए पेंशनर्स ने क्या कहा

पेंशनर्स Ramakrisha Pillai ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। लिखा-हरियाणा सरकार का स्वागत योग्य कदम है। इसके बजाय केंद्र सरकार को ऐसी शर्त के साथ ऐसा प्रावधान करना चाहिए था कि ऐसे ईपीएस पेंशनभोगी राज्य से 3000 रुपये से कम किसी को पेंशन न मिलने पाए। यदि राज्य पेंशन 3000 रुपये से अधिक है, तो ऐसे ईपीएस पेंशनभोगी केवल राज्य से अंतर निकाल सकते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि, राज्य में कई राज्यों में वृद्धावस्था पेंशन परिवार की आय/राशन कार्ड पर आधारित है।

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इसलिए मेरे समेत वर्तमान समय में कई वरिष्ठ नागरिक वृद्धावस्था पेंशन के हकदार नहीं हैं। उम्मीद है कि सभी राज्य या केंद्र सरकार इस संबंध में एक समान नीति का पालन करेंगे।

कम भुगतान वाले ईपीएस पेंशनभोगी

दूसरा, केंद्र सरकार भी राज्य की वृद्धा पेंशन में कुछ राशि का योगदान कर रही है। ऐसे मामले हैं, कुछ कर्मचारियों को ईपीएस पेंशन और राज्य वृद्धा पेंशन भी मिल रही है। इसलिए, दोहराव से बचा जा सकता है और बेहतर नियंत्रण का प्रयोग किया जा सकता है और सभी कम भुगतान वाले ईपीएस पेंशनभोगी को न्यूनतम पेंशन मिल सकती है।

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भाजपा शासित राज्य इसका पालन करेंगे

गरीबी रेखा से ऊपर के राशन कार्ड धारकों/ बगैर कार्ड धारकों को बढ़ी हुई पेंशन से बाहर करना शायद भाजपा केंद्र सरकार का मास्टरस्ट्रोक हो सकता है। कम से कम सभी भाजपा शासित राज्य इसका पालन करेंगे।

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