NJCS मीटिंग के नाम पर धोखा: बकाया एरियर नहीं मिलेगा, SAIL ने कहा-तैयारी कीजिए अगले वेज रिवीजन की

NJCS Meeting No Pending Arrears, SAIL Says Prepare For Next Wage Revision (1)
  • 39 महीनों के बकाया, एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट, HRA, 28% पर्क्स और बकाया के बारे में पांच सेंट्रल ट्रेड यूनियन दिल्ली में जुटे थे।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के लंबित मुद्दों पर नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-एनजेसीएस की सब-कमेटी मीटिंग बेनतीजा साबित हुई। नई दिल्ली में 9 दिसंबर 2025 को हुई NJCS की सब-कमेटी मीटिंग हुई।

मीटिंग में शामिल होने से पहले सभी ट्रेड यूनियन अपनी मांगों को पक्का करने के लिए आपस में पहले मिले और चर्चा की। 39 महीनों के बकाया, एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट, HRA, 28% पर्क्स और बकाया के बारे में पांच सेंट्रल ट्रेड यूनियन एक ही बात पर सहमत रहीं।

सेल प्रबंधन ने जवाब दिया कि बकाया एरियर देने की स्थिति में नहीं हैं। मंत्रालय का एफोर्डेबिलिटी क्लास लगा था। 2027 के पे-रिवीजन की तैयारी कीजिए। इस पर चर्चा शुरू कर सकते हैं। यूनियन ने कहा-पहले पुराने समझौते पर बकाया अदा कीजिए।

अधिकारियों की ओर से दबी जुबान कहा गया कि सीएलसी के आदेश पर मीटिंग की गई है। इस पर यूनियन नेताओं ने कहा-सीएलसी के सामने बात हुई थी, उसी पर अमल कीजिए। बोर्ड से स्वीकृति क्या लिए और मंत्रालय को क्या लिए, इसका पेपर दिखाइए। प्रबंधन ने कहा-ये काफी गोपनीय है। इसलिए आपको नहीं दिखा सकते हैं। सीएलसी को दे दिया गया है।

करीब 11 बजे से सवा 4 बजे तक मीटिंग होती रही। मिनट्स बनाकर सीएलसी को दे दिया जाएगा। यूनियन नेताओं को यह नहीं दिया गया। काफी गहमा-गहमी के बाद सब-कमेटी की मीटिंग में यूनियन नेताओं ने कहा-फुल एनजेसीएस बुला लीजिए। वहां स्पष्ट रूप से चर्चा करेंगे। प्रबंधन ने कहा-उच्च प्रबंधन से बातचीत करके फैसला लिया जाएगा।

बैइक में इंटक से हरजीत सिंह, सीटू से विश्वरूप बनर्जी, एटक से विद्यासागर गिरी, एचएमएस राजेंद्र सिंह, बीएमएस से डीके पांडेय मौजूद रहे। प्रबंधन से ईडी एचआर कारपोरेट राजीव पांडेय, ईडी एचआर बीएसपी पवन कुमार, ईडी फाइनेंस बीएसपी प्रवीण निगम, सीजीएम एचआर हरिमोहन झा, मोलय गोस्वामी आदि मौजूद रहे।

इधर-स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (CITU) के महासचिव ललित कुमार मिश्र के मुताबिक शुरुआत में मैनेजमेंट ने मौजूदा फाइनेंशियल और प्रोडक्शन की स्थिति के बारे में संक्षेप में बताया। मैनेजमेंट ने 12% की ज़्यादा कर्मचारी लागत पर चिंता जताई।

मैनेजमेंट ने कुछ भी पॉजिटिव नहीं कहा, बल्कि उन्होंने इशारा किया कि 10वां राउंड NJCS उनकी तरफ से पूरा हो गया है। मैनेजमेंट ने सभी पेंडिंग मुद्दों पर चर्चा करने से घमंड से मना कर दिया और कहा कि बकाया पाने का हक नहीं है।

सीटू ने कहा-हमने पेंडिंग मुद्दों और मैनेजमेंट के भेदभाव वाले रवैये और अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाने के लिए हर मौके का इस्तेमाल करने की कोशिश की। मैनेजमेंट ने चीफ लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) के ऑफिस में चर्चा के अनुसार बकाया पेमेंट के लिए सरकार को लिखे गए लेटर दिखाने से भी मना कर दिया। उन्होंने स्टील मिनिस्ट्री से मिले लेटर को भी दिखाने से मना कर दिया।

इस पर सीटू ने तुरंत पूरी NJCS मीटिंग बुलाने की मांग की है। SWFI/CITU ने विजाग के मज़दूरों के अधिकारों से वंचित करने और अलग-अलग यूनिट्स में पागलपन भरे प्राइवेटाइजेशन अभियान के खिलाफ ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।

विजाग में प्रोडक्शन टारगेट पूरा होने से सैलरी को जोड़ने वाला सर्कुलर लेबर कोड्स द्वारा तय किया गया एक खतरनाक ट्रेंड है। बकाया, HRA, पर्क्स और सभी दूसरे जायज़ हक पूरे स्टील इंडस्ट्री में एक मज़बूत एकजुट आंदोलन से ही हासिल किए जा सकते हैं। अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एक और बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। बिश्वरूप बंदोपाध्याय ने CITU/SWFI की तरफ से मीटिंग में हिस्सा लिया।