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NMDC Nagarnar Steel Plant भारतीय इस्पात उत्पादकों की लीग में शामिल, HR कॉइल का प्रोडक्शन शुरू, बस्तर में रचा इतिहास

NMDC Nagarnar Steel Plant भारतीय इस्पात उत्पादकों की लीग में शामिल, HR कॉइल का प्रोडक्शन शुरू, बस्तर में रचा इतिहास
  • नगरनार इस्पात संयंत्र ने मात्र 9 दिनों में हॉट मेटल से एचआर कॉइल का निर्माण कर इतिहास रचा।

सूचनाजी न्यूज, नगरनार। नगरनार स्टील प्लांट ने हॉट मेटल उत्पादन के बाद  मात्र 9 दिनों में अंतिम उत्पाद एच आर कॉइल  का उत्पादन कर इस्पात जगत में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। स्टील निर्माण में पूर्व अनुभव ना होने के बावजूद खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी की यह उपलब्धि आश्चर्यजनक से कम नहीं है।

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एनएमडीसी के सीएमडी अतिरिक्त प्रभार  एवं  निदेशक वित्त अमिताभ मुखर्जी तथा  कंपनी के अन्य कार्यकारी  निदेशकों ने छत्तीसगढ़ के बस्तर के प्रति एनएनडीसी की प्रतिबद्धता को पूरा करने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि  “इस्पात क्षेत्र में  हम  छह दशकों से  भी अधिक समय से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और घरेलू इस्पात बाजार में  लौह अयस्क की गुणवत्तापूर्ण आपूर्तिकर्ता के रूप में हमारी पहचान है। आज हमने घरेलु इस्पात बाजार में नए प्रतिभागी  के रूप में उभर कर बस्तर को इस्पात के मानचित्र पर अंकित कर दिया  है।

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एनएमडीसी भारतीय इस्पात निर्माताओं की प्रतिष्ठित लीग में शामिल हो गया है और यह  उस स्वप्न  की पूर्ति है जिसकी बस्तर के स्थानीय समुदायों  ने लंबे समय से प्रतीक्षा की है। मुझे उनके इस स्वप्न को साकार कर एवं  अपनी प्रतिबद्धता को  पूरा कर बेहद प्रसन्न्ता है।

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अमिताभ मुखर्जी ने 12 अगस्त को नगरनार स्टील प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस को प्रज्जवलित  किया और कमिश्निंग के अंतिम चरण की शुरुआत की। उल्लेखनीय है कि श्री मुखर्जी के नेतृत्व में विगत दिनों में  कमिश्निंग की गति में तेजी आई है।  कंपनी के निदेशक मंडल भी बाधाओं को दूर करने, टीम को उनके लक्ष्य के प्रति प्रेरित करने और सुरक्षा मानदंडों के पालन के प्रति जागृत करने के लिए नियमित रुप से नगरनार का दौरा करता रहा है।

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उद्योग विशेषज्ञों  ने टिप्पणी की है कि हॉट जोन-ब्लास्ट फर्नेस, स्टील मेल्टिंग शॉप एवं मिल्स (थिन स्लैब कास्टर-हॉट स्ट्रिप मिल) इन  तीन  महत्वपूर्ण इकाइयों को  इतने कम समय में चालू करना एक दुर्लभ कदम है। श्री मुखर्जी ने  सभी हितधारकों की सराहना करते हुए कहा कि इनके  समर्थन से परियोजना को गति प्राप्त करने में सहयोग प्राप्त हुआ  उन्होंने कहा  कि ‘ हम भाग्यशाली हैं कि पिछले कुछ वर्षों में अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए हमें हर चरण में केंद्र और राज्य सरकारों, इस्पात मंत्रालय, इस्पात उद्योग एवं अन्य  अन्य सीपीएस ई, तकनीकी प्रदाताओं, स्थानीय समुदायों ,मीडिया और सभी हितधारकों का  समर्थन प्राप्त हुआ है । हम उनके मजबूत सहयोग के बिना अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते।

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नगरनार इस्पात संयंत्र परियोजना के अधिशासी निदेशक और प्रभारी के प्रवीण कुमार और उनकी टीम को बधाई देते हुए श्री मुखर्जी ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में कई महत्वपूर्ण इकाइयों का सुचारू रूप से चालू होना, जिसके परिणामस्वरूप बस्तर में खनन किए गए लौह अयस्क से एचआर कॉइल का उत्पादन हुआ। के प्रवीण कुमार के नेतृत्व वाली टीम की प्रतिबद्धता और समर्पित कड़ी मेहनत का प्रमाण है, जिन्होंने पेशेवरों के एक छोटे समूह को एक शक्तिशाली दल में परिवर्तित किया और समय पर परिणाम दिए।

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3 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाले इस्पात संयंत्र का निर्माण लगभग 24000 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह संयंत्र उच्च ग्रेड हॉट रोल्ड स्टील के साथ हॉट रोल्ड बाजार में अपनी पहचान स्थापित करने के लिए तैयार है, जो अपनी अत्याधुनिक मिल के साथ तकनीक के बल पर कई प्रमुख उपभोक्ता क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार है। नगरनार स्टील प्लांट का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ नगरनार से मुश्किल से 100 किमी दूर बैलाडीला खदानों के साथ लौह अयस्क की आपूर्ति लिंकेज से भी प्राप्त होता है।

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नगरनार स्टील प्लांट के उत्पाद मिश्र में निम्न कार्बन स्टील, एचएसएलए और डुअल फेज स्टील और एपीआई गुणवत्ता वाले स्टील शामिल हैं जिन्हें 1 मिमी से 16 मिमी तक मोटाई की सीमा में रोल किया जा सकता है। 1650 मिमी चौड़े एचआर रोल करने की अपनी क्षमता के साथ, नगरनार स्टील प्लांट में थिन स्लैब कास्टर सार्वजनिक क्षेत्र में सबसे चौड़ी मिल है।

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भारत की नवीनतम और सबसे आधुनिक मिल से आने वाले एचआर कॉइल्स, शीट्स और प्लेट्स से एलपीजी सिलेंडर, पुलों, स्टील संरचनाओं, जहाजों, बड़े व्यास के पाइप, भंडारण टैंक, बॉयलर, रेलवे वैगन और प्रेशर वाहनों के निर्माण और टैंक, रेलवे कारों, साइकिल फ्रेम, इंजीनियरिंग और सैन्य उपकरणों और ऑटोमोबाइल और ट्रक पहियों,फ्रेम और और उसकी संरचना  के निर्माण में आवश्यक गुणवत्ता वाले एचआर की बढ़ती मांग को पूरा करने की उम्मीद है।  संयंत्र बाद में जनरेटर, मोटर, ट्रांसफार्मर और ऑटोमोबाइल के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले विशेष प्रकार के स्टील का उत्पादन भी करेगा।

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आज की ऐतिहासिक घटना के प्रवीण कुमार, अधिशासी निदेशक एवं प्रमुख, नगरनार इस्पात संयंत्र संजय कुमार वर्मा, मेकॉन के निदेशक (वाणिज्यिक) एवं अतिरिक्त प्रभार निदेशक (तकनीकी), नीरज कुमार, अधिशासी निदेशक मेकॉन, वरिष्ठ अधिकारियों और ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुई।

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घरेलू इस्पात उद्योग ने इसे अभूतपूर्व उपलब्धि बताया

नगरनार स्टील प्लांट को किसी खनन कंपनी द्वारा स्थापित किए जाने वाले एकमात्र स्टील प्लांट होने का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अद्वितीय गौरव प्राप्त है । उद्योग के दिग्गजों का मानना है कि 15 अगस्त को हॉट मेटल का उत्पादन शुरू होने के सिर्फ 9 दिन बाद, आज पहली हॉट रोल्ड कॉइल के रोल आउट के साथ, नगरनार स्टील प्लांट एक और बेजोड़ मिसाल स्थापित करने में कामयाब रहा है।
स्टील उद्योग से दशकों से जुड़े रहे टेक्नोक्रेट्स का मानना है कि यह एक सुनियोजित कार्यक्रम का परिणाम है, जिसे इस अभूतपूर्व उपलब्धि को प्राप्त करने के लिए शानदार ढंग से कार्यान्वित किया गया है।

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इससे पहले नगरनार स्टील प्लांट ने ब्लास्ट फर्नेस चालू करने के महीनों पूर्व अपनी स्टील मेल्टिंग शॉप का कोल्ड ट्रायल किया था । यद्यपि तेजी से इस्पात उत्पादन के कई उदाहरण हैं, लेकिन नगरनार स्टील प्लांट द्वारा हॉट मेटल उत्पादन के नौ दिनों के भीतर एचआर कॉइल का उत्पादन अद्वितीय है।

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ब्लास्ट फर्नेस की कमीशनिंग की तैयारी के साथ-साथ स्लैब रोलिंग और एचआर कॉइल उत्पादन में मिल की क्षमता के परीक्षण से यह संभव हुआ । इस प्रकार पहले से योजना बनाने का सुनियोजित योजना का बहुत लाभ मिला।

आम तौर पर सिर्फ ब्लास्ट फर्नेस के कार्य पद्धति को सुव्यवस्थित करने में कुछ सप्ताह लग जाते हैं। इसके बाद स्टील मेल्टिंग शॉप के काम-काज के साथ ब्लास्ट फर्नेस उत्पादन का सिंक्रनाइज़ेशन किया जाता है। चूंकि यह एक अत्यंत खतरनाक क्षेत्र है, इसलिए यहां अतिरिक्त सावधानी बरती जाती है, जिसके बाद मिलों में उत्पादन प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो जाती है। इस कार्य को 9 दिनों में सफलतापूर्वक पूरा किया जाना, नवीनतम उपकरणों और प्रौद्योगिकी के प्रयोग के साथ-साथ इसमें शामिल पेशेवरों की विशेषज्ञता का द्योतक है।

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आज एचआर कॉइल का उत्पादन शुरू होने के साथ ही प्लांट उत्पादन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में लगा हुआ है, जिससे कि इसके उत्पाद के शीघ्र-अति-शीघ्र वाणिज्यिकरण को सुनिश्चित किया जा सके। ऐसा माना जा रहा है कि प्लांट उत्पाद के अतिशीघ्र वाणिज्यिकरण से ग्रीन-फील्ड इस्पात संयंत्र को आम तौर पर कमीशनिंग के प्रथम वर्ष होने वाले घाटे को कम करने, अथवा इसके समाप्त होने की उम्मीद है।

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