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- अलग-अलग सरकारी विभागों के पेंशन मामला देखने वाले कार्मिकों को प्रशिक्षित किया गया।
सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के पेंशन का मामला भी ईपीएस 95 पेंशन की तरह उलझा हुआ है। विभागीय चूक की वजह से खामियाजा कार्मिक भुगत रहे हैं। पेंशन का पीपीओ ऑर्डर मिलने के बजाय रिकवरी ऑर्डर थमा दिया जाता है।
पुरानी पेंशन योजना-ओपीएस से जुड़े मुद्दे पर चर्चा की गई। रिटायरमेंट पूर्व के बजाय आखिरी वक्त सक्रिय होने पर तमाम खामियां उजागर होती है। तब तक कार्मिक रिटायर हो जाते हैं और पेंशन को लेकर विभागीय चक्कर लगाते हैं।
इस तरह की तमाम परेशानियों को दूर करने के लिए दुर्ग जिले के लोक निर्माण विभाग सभा कक्ष (जिला चिकित्सालय दुर्ग के सामने) दुर्ग में संभाग स्तरीय पेंशन निराकरण प्रशिक्षण-कार्यशाला बुधवार को हुआ।
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संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर द्वारा संभाग स्तरीय सभी अधिकारियों को अपने संभागीय कार्यालय के पेंशन प्रभारी कार्मिक ने सवालों के जवाब दिए। संभागीय संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन डॉ. दिवाकर सिंह राठौर और उप संचालक देवेंद्र चौबे द्वारा स्वयं प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
अलग-अलग सरकारी विभागों के पेंशन मामला देखने वाले कार्मिकों को प्रशिक्षित किया गया। सवालों के जवाब दिए गए। किन बातों का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए, किन-किन बातों को कार्मिक नजर अंदाज करते हैं, विभागीय लापरवाही क्या है आदि का जवाब दिया गया।
ये है पेंशन प्रस्ताव में त्रुटियां
1. निर्धारित प्रपत्र में नामांकन नहीं होना तथा पुत्र-पुत्री का नाम अंकित नहीं होना।
2. नामांकन प्रपत्र के अभाव में वारिसान प्रमाण पत्र के बिना प्रकरण पस्तुति
3. पुत्र-पुत्री का जन्म प्रमाण-पत्र संलग्न नहीं होना।
4. पति/पत्नी की अनुकम्पा नियुक्ति संबंधी जानकारी न होना।
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5. ओपीएस में EWR/चालान सत्यापन के पूर्व पेशन प्रकरण प्रस्तुत कर दिया जाना।
6. ओपीएस में EWR/चालान सत्यापन की प्रविष्टि सेवापुस्तिका में नहीं किया जाना।
7. ओपीएस विकल्प संलग्न कर सेवापुस्तिका में इन्द्राज नहीं किया जाना।
8. सेवापुस्तिका में सेवानिवृत्ति/निधन की प्रविष्टि नहीं होना।
9. वेतन निर्धारण की जांच कराये बिना पेंशन प्रकरण पस्तुत किया जाना।
10. पेंशन/उपादान की पात्रता नहीं होते हुए भी पेंशन प्रकरण प्रस्तुत कर दिया जाना।